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High Court News: सिवनी में गो हत्या के आरोप में पीट पीट कर कर दी थी आदिवासियों की हत्या, हाई कोर्ट पहुंचा मामला - हाई कोर्ट में दाखिल की गई जनहित याचिका

गोहत्या के आरोप में दो आदिवासियो की पीट-पीटकर हत्या किए जाने का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है. मामले में जनहित याचिका दाखिल कर जांच के लिए हाईकोर्ट से गाइड लाइन तय करने की अपील की गई है.

seoni mp beef controversy
सिवनी मॉब लिंचिंग मामला
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Published : Jun 2, 2022, 10:59 PM IST

जबलपुर। गोहत्या के आरोप में दो आदिवासियो की पीट-पीटकर हत्या किए जाने का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है. मामले में जनहित याचिका दाखिल कर जांच के लिए हाईकोर्ट से गाइड लाइन तय करने की अपील की गई है.हाईकोर्ट जस्टिस अलुत श्रीधरन और जस्टिस डीके पॉलीवाल की अवकाशकालीन बेंच ने याचिका को ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद रेगुलर बैंच के सामने पेश करने के निर्देश दिए हैं.


सिवनी निवासी एडवोकेट एएस कुरैशी की तरफ से दायर जनहित याचिका में कहा गया था कि गोहत्या के शक में ग्रांम सिमरिया निवासी दो आदिवासी युवकों की पीट-पीटकर हत्या कर दी गयी थी. इसके अलावा एक युवक मारपीट के दौरान गंभीर रूप से घायल हो गया था. याचिका में कहा गया था कि मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है, लेकिन हाईकोर्ट से अपील की गई है कि मामले की जांच के लिए हाईकोर्ट गाईड लाइन निर्धारित करे. इसके अलावा राज्य सरकार को पीडित परिवार को मुआवजा देने के लिए भी निर्देश करे.


याचिका में प्रदेश के प्रमुख सचिव गृह विभाग, चेयरमेन नेशनल कमीशन फॉर एसटी, चेयरमेन नेशनल कमीशन फॉर एससी, चेयरमैन एनएचआरसीआई,एमपी स्टेट लीगल अथॉरिटी ,कलेक्टर व एसपी सिवनी को अनावेदक बनाया गया है. याचिकाकर्ता के वकील जकी अहमद ने बताया कि प्रारंभिक सुनवाई के बाद युगलपीठ ने याचिका को रेगुलर बैंच के समक्ष सुनवाई के लिए प्रस्तुत करने के आदेश जारी किए हैं. याचिका पर अगली सुनवाई 13 जून को निर्धारित की गयी है.

नगर पालिका अध्यक्ष का चुनाव भी प्रत्यक्ष प्रणाली से हो: महापौर की तरह ही नगर पालिका अध्यक्ष का चुनाव भी प्रत्यक्ष प्रणाली से करवाये जाने की मांग करते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी. हाईकोर्ट जस्टिस अतुल श्रीधरन तथा जस्टिस डी के पालीवाल की युगलपीठ ने चुनाव की अधिसूचना जारी होने के कारण अंतरित आदेश पारित करने से इंकार कर दिया. युगलपीठ ने याचिका को रेगुलर बैंच के समक्ष सुनवाई के लिए प्रस्तुत करने निर्देश जारी किये हैं.


नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के डा. पीजी नाजपांडे व एक अन्य की तरफ से दायर याचिका में कहा गया है कि राज्य सरकार ने नगर पालिका अधिनियम की धारा 9 में संशोधन कर नगर निगम के महापौर का चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली तथा नगर पालिका अध्यक्ष का चुनाव पार्षदों द्वारा कराने का निर्णय लिया है. इस संबंध में सरकार द्वारा अधिसूचना जारी की गयी है. याचिका में राहत चाही गयी थी कि महापौर की तरह नगर पालिका अध्यक्ष के चुनाव भी प्रत्यक्ष प्रणाली से कराए जाए.


याचिका में कहा गया है कि दोनों की कार्यप्रणाली में कोई अंतर नहीं है,राज्य सरकार ने इस निर्णय में भेदभाव किया है। प्रदेश में 16 नगर निगम में महापौर जनता द्वारा चुने जाएगें, 99 नगर पालिका अध्यक्ष पद का चुनाव पार्षद करेगें. याचिका में विधि एवं विधायी कार्य विभाग व नगरीय प्रशासन विभाग को अनावेदक बनाया गया था. याचिका की सुनवाई के बाद युगलपीठ ने आदेश करते हुए याचिका को रेगुलर बैंच के समक्ष सुनवाई के लिए प्रस्तुत करने को कहा है.

जबलपुर। गोहत्या के आरोप में दो आदिवासियो की पीट-पीटकर हत्या किए जाने का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है. मामले में जनहित याचिका दाखिल कर जांच के लिए हाईकोर्ट से गाइड लाइन तय करने की अपील की गई है.हाईकोर्ट जस्टिस अलुत श्रीधरन और जस्टिस डीके पॉलीवाल की अवकाशकालीन बेंच ने याचिका को ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद रेगुलर बैंच के सामने पेश करने के निर्देश दिए हैं.


सिवनी निवासी एडवोकेट एएस कुरैशी की तरफ से दायर जनहित याचिका में कहा गया था कि गोहत्या के शक में ग्रांम सिमरिया निवासी दो आदिवासी युवकों की पीट-पीटकर हत्या कर दी गयी थी. इसके अलावा एक युवक मारपीट के दौरान गंभीर रूप से घायल हो गया था. याचिका में कहा गया था कि मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है, लेकिन हाईकोर्ट से अपील की गई है कि मामले की जांच के लिए हाईकोर्ट गाईड लाइन निर्धारित करे. इसके अलावा राज्य सरकार को पीडित परिवार को मुआवजा देने के लिए भी निर्देश करे.


याचिका में प्रदेश के प्रमुख सचिव गृह विभाग, चेयरमेन नेशनल कमीशन फॉर एसटी, चेयरमेन नेशनल कमीशन फॉर एससी, चेयरमैन एनएचआरसीआई,एमपी स्टेट लीगल अथॉरिटी ,कलेक्टर व एसपी सिवनी को अनावेदक बनाया गया है. याचिकाकर्ता के वकील जकी अहमद ने बताया कि प्रारंभिक सुनवाई के बाद युगलपीठ ने याचिका को रेगुलर बैंच के समक्ष सुनवाई के लिए प्रस्तुत करने के आदेश जारी किए हैं. याचिका पर अगली सुनवाई 13 जून को निर्धारित की गयी है.

नगर पालिका अध्यक्ष का चुनाव भी प्रत्यक्ष प्रणाली से हो: महापौर की तरह ही नगर पालिका अध्यक्ष का चुनाव भी प्रत्यक्ष प्रणाली से करवाये जाने की मांग करते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी. हाईकोर्ट जस्टिस अतुल श्रीधरन तथा जस्टिस डी के पालीवाल की युगलपीठ ने चुनाव की अधिसूचना जारी होने के कारण अंतरित आदेश पारित करने से इंकार कर दिया. युगलपीठ ने याचिका को रेगुलर बैंच के समक्ष सुनवाई के लिए प्रस्तुत करने निर्देश जारी किये हैं.


नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के डा. पीजी नाजपांडे व एक अन्य की तरफ से दायर याचिका में कहा गया है कि राज्य सरकार ने नगर पालिका अधिनियम की धारा 9 में संशोधन कर नगर निगम के महापौर का चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली तथा नगर पालिका अध्यक्ष का चुनाव पार्षदों द्वारा कराने का निर्णय लिया है. इस संबंध में सरकार द्वारा अधिसूचना जारी की गयी है. याचिका में राहत चाही गयी थी कि महापौर की तरह नगर पालिका अध्यक्ष के चुनाव भी प्रत्यक्ष प्रणाली से कराए जाए.


याचिका में कहा गया है कि दोनों की कार्यप्रणाली में कोई अंतर नहीं है,राज्य सरकार ने इस निर्णय में भेदभाव किया है। प्रदेश में 16 नगर निगम में महापौर जनता द्वारा चुने जाएगें, 99 नगर पालिका अध्यक्ष पद का चुनाव पार्षद करेगें. याचिका में विधि एवं विधायी कार्य विभाग व नगरीय प्रशासन विभाग को अनावेदक बनाया गया था. याचिका की सुनवाई के बाद युगलपीठ ने आदेश करते हुए याचिका को रेगुलर बैंच के समक्ष सुनवाई के लिए प्रस्तुत करने को कहा है.

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