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बैंक कर्मचारियों की चेतावनी, कहा-मांगे पूरी नहीं हुईं, तो जारी रहेगी हड़ताल

बैंक कर्मचारी वेतन संबंधी मांगे पूरी न होने पर दो दिनों की हड़ताल पर हैं. बैंक कर्मचारियों अधिकारियों का कहना है कि 28 महीने पहले इंडियन बैंक एसोसिएशन ने बैंक कर्मचारियों और अधिकारियों से वेतन संबंधी एक समझौता किया था. जिससे उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

bank employees strike
बैंक कर्मचारियों की हड़ताल
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Published : Jan 31, 2020, 5:42 PM IST

भोपाल। बैंक कर्मचारियों की दो दिनों तक चलने वाली हड़ताल का असर जबलपुर में भी देखने को मिला. जबलपुर के सिविक सेंटर पार्क में बैंक कर्मचारियों ने प्रदर्शन करते हुए कहा कि, अगर वेतन संबंधी उनकी मांगे नहीं मानी गईं, तो अप्रैल में भी हड़ताल होगी. अगले तीन दिनों तक बैंक बंद रहने से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा.

बैंक कर्मचारियों की हड़ताल का दिखा असर

बैंक कर्मचारियों अधिकारियों का कहना है कि, 28 महीने पहले इंडियन बैंक एसोसिएशन ने बैंक कर्मचारियों और अधिकारियों से वेतन संबंधी एक समझौता किया था. लेकिन यह समझौता लागू नहीं हो पाया, इसकी वजह से बैंक कर्मचारियों को वेतन में जो लाभ मिलना चाहिए था, जो कि नहीं मिल पा रहा है, जिसके चलते बैंक कर्मचारियों को हड़ताल करनी पड़ रही है.

बैंक कर्मचारियों ने मांग की है कि, एटीएम और ऑनलाइन ट्रांजैक्शन जैसे साधनों की वजह से पैसे के लेनदेन में पर्याप्त सुविधाएं लोगों के पास हैं, इसलिए बैंकों में पांच दिनों का सप्ताह बनाकर काम लिया जाना चाहिए. लेकिन आईबीए बैंक कर्मचारियों की इन मांगों पर तुरंत फैसला लेता हुआ नजर नहीं आ रहा है. इसलिए बैंक कर्मियों ने फिलहाल दो दिनों की हड़ताल कर दी है. बैंक कर्मचारी संगठनों का कहना है कि, यदि इसके बाद भी आईबीए नहीं माना, तो मार्च में एक बार फिर से हड़ताल होगी और इसके बाद भी यदि उनकी बात नहीं मानी गई तो अप्रैल में काम पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगा.

भोपाल। बैंक कर्मचारियों की दो दिनों तक चलने वाली हड़ताल का असर जबलपुर में भी देखने को मिला. जबलपुर के सिविक सेंटर पार्क में बैंक कर्मचारियों ने प्रदर्शन करते हुए कहा कि, अगर वेतन संबंधी उनकी मांगे नहीं मानी गईं, तो अप्रैल में भी हड़ताल होगी. अगले तीन दिनों तक बैंक बंद रहने से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा.

बैंक कर्मचारियों की हड़ताल का दिखा असर

बैंक कर्मचारियों अधिकारियों का कहना है कि, 28 महीने पहले इंडियन बैंक एसोसिएशन ने बैंक कर्मचारियों और अधिकारियों से वेतन संबंधी एक समझौता किया था. लेकिन यह समझौता लागू नहीं हो पाया, इसकी वजह से बैंक कर्मचारियों को वेतन में जो लाभ मिलना चाहिए था, जो कि नहीं मिल पा रहा है, जिसके चलते बैंक कर्मचारियों को हड़ताल करनी पड़ रही है.

बैंक कर्मचारियों ने मांग की है कि, एटीएम और ऑनलाइन ट्रांजैक्शन जैसे साधनों की वजह से पैसे के लेनदेन में पर्याप्त सुविधाएं लोगों के पास हैं, इसलिए बैंकों में पांच दिनों का सप्ताह बनाकर काम लिया जाना चाहिए. लेकिन आईबीए बैंक कर्मचारियों की इन मांगों पर तुरंत फैसला लेता हुआ नजर नहीं आ रहा है. इसलिए बैंक कर्मियों ने फिलहाल दो दिनों की हड़ताल कर दी है. बैंक कर्मचारी संगठनों का कहना है कि, यदि इसके बाद भी आईबीए नहीं माना, तो मार्च में एक बार फिर से हड़ताल होगी और इसके बाद भी यदि उनकी बात नहीं मानी गई तो अप्रैल में काम पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगा.

Intro:बैंकों में 2 दिनों की हड़ताल जबलपुर के सिविक सेंटर पार्क में बैंक कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन वेतन संबंधी मांगों को लेकर हड़ताल यदि मांगे नहीं मानी गई तो अप्रैल से पूरी तरह बंद कर देंगे बैंकBody:जबलपुर वेतन संबंधी मांगों को लेकर बैंक कर्मियों ने हड़ताल कर दी है अगले 3 दिनों तक बैंक बंद रहेंगे और लोगों को इसकी वजह से खासी परेशानी का सामना करना पड़ेगा जबलपुर के सिविक सेंटर पार्क में सभी सरकारी बैंकों के कर्मचारियों ने इकट्ठा होकर प्रदर्शन किया

बैंक कर्मचारियों अधिकारियों का कहना है कि दरअसल 28 महीने पहले इंडियन बैंक एसोसिएशन ने बैंक कर्मचारियों और अधिकारियों से वेतन संबंधी एक समझौता किया था लेकिन यह समझौता लागू नहीं हो पाया इसकी वजह से बैंक कर्मचारियों को तनख्वाह में जो लाभ मिलना चाहिए था वह नहीं मिल पा रहा है इसकी वजह से उन्हें हड़ताल करनी पड़ रही है वही बैंक कर्मचारियों की मांग है की एटीएम और ऑनलाइन ट्रांजैक्शन जैसे साधनों की वजह से पैसे के लेनदेन में पर्याप्त सुविधाएं हैं लोगों के पास इसलिए बैंकों में 5 दिनों का सप्ताह बनाकर काम लिया जाना चाहिए लेकिन आईबीए बैंक कर्मचारियों की इन मांगों पर तुरंत कार्यवाही करता हुआ नजर नहीं आ रहा है इसलिए बैंक कर्मियों ने फिलहाल दो दिनों की हड़ताल कर दी है लेकिन कर्मचारी संगठनों का कहना है कि यदि इसके बाद भी आईबीए नहीं माना तो मार्च में एक बार फिर से हड़ताल होगी और इसके बाद भी यदि उनकी बात नहीं मानी गई तो अप्रैल में काम पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगाConclusion:बाइट विजय कुमार मिश्रा कर्मचारी नेता बैंक यूनियन
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