जबलपुर। डकैती के आरोप में सजा से दण्डित किये जाने के खिलाफ 6 आरोपियों ने हाईकोर्ट में अपील दायर की थी. ढाई दशक तक चली लंबी सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने अपील को खारिज कर दिया. अपील की सुनवाई के दौरान तीन अभियुक्त की मौत हो गयी थी. इस अजब-गजब मुकदमें ऐसे अंत के बारे में किसी ने भी नहीं सोचा था.
Jabalpur High Court:पैसे डबल करने का मामला, आरोपियों को मिली बेल, जमीन में गढ़े मिले थे 1 करोड़ रुपए
जाने क्या है पूरा मुकदमाः शहडोल जिले के जैतपुर थानान्तर्गत किराना व्यापारी के घर में घुसकर डकैती के आरोप में मोहम्मद फजल सहित 6 आरोपियों को पुलिस ने एक फरवरी 1995 को गिरफ्तार किया था. शहडोल जिला न्यायालय ने 11 जुलाई 1997 को सुनवाई के बाद आरोपियों को दस साल की कैद और अर्थदण्ड की सजा सुनाई थी. जिसके खिलाफ आरोपियों ने अगस्त 1997 में हाईकोर्ट में अपील दायर की थी. सुनवाई के दौरान आरोपी राम नरेश तथा संतोष द्विवेदी की मौत हो गयी थी. ढाई दशक तक चली लंबी सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट जस्टिस अंजली पालो की एकलपीठ ने पाया कि पुलिस ने आरोपियों के पास से डकैती का माल बरामद किया था. अभियोजन पक्ष के गवाहों ने आरोपियों की पहचान कर ली. इसके अलावा उनकी शिनाख्त भी नियमानुसार की गयी थी. एकलपीठ ने जिला न्यायालय के फैसले को सही ठहराते हुए अपील को खारिज कर दिया. सरकार की तरफ से अधिवक्ता सीएम तिवारी ने पैरवी की थी.