जबलपुर। मध्य प्रदेश को टाइगर स्टेट का दर्ज (tiger state mp )प्राप्त है. इसके बावजूद भी मध्य प्रदेश में सबसे अधिक टाइगर की मौत होती है. इस पर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गयी है. याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठा और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने नेशनल टाइगर कंजरर्वेजशन अथॉरिटी को नोटिस जारी कर(special forces for tigers safety) जवाब मांगा है.
बाघों की सुरक्षा कैसे हो
वन प्राणी एक्टिविस्ट भोपाल निवासी अजय दुबे की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया है कि टाइगर स्टेट का दर्ज होने के बावजूद भी प्रतिवर्ष मध्य प्रदेश में टाइगर की मौतों के मामलें में लगातार इजाफा हो रहा है. इस वर्ष प्रदेश में 36 टाइगर की मौत हुई है. साल 2012 से 2019 के बीच कान्हा नेशनल पार्क में 43 टाइगर,बांधवगढ़ नेशनल पार्क में 38 टाइगर,पेंच नेशनल पार्क 17,सतपुडा नेशनल पार्क में 4,पन्ना नेशनल पार्क में 7 टाइगर की मौत हुई है.
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स्पेशल फोर्स की मांग
याचिका की सुनवाई करते हुए अधिवक्ता आदित्य संघी ने न्यायालय को बताया कि इस वर्ष देश में 107 टाइगर की मौत हुई है. जिससे से मध्य प्रदेश में 36 टाइगर की मौत हुई है. याचिका दायर करने के बाद चार और टाइगरों की मौत हुई और कुल संख्या 40 तक पहुंच गयी है. याचिका में मांग की गयी थी कि प्रदेश में अवैध शिकार रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाये जाएं. इसके अलावा टाइगरों की सुरक्षा के लिए स्पेशल फोर्स तैनात किया जाये. टाइगरों की सुरक्षा के लिए प्रदेश सरकार व्यापक स्तर पर कार्यवाही करे. सुनवाई के बाद युगलपीठ ने नोटिस जारी करते हुए याचिका पर अगली सुनवाई 7 जनवरी को निर्धारित की है.