ETV Bharat / city

धरी रह गई प्रशासन की तैयारी! गेहूं खरीदी का काम ठप, केंद्रों के बजाए व्यापारियों को गेहूं बेच रहे किसान

author img

By

Published : Apr 9, 2022, 7:26 AM IST

मध्यप्रदेश सरकार ने 4 अप्रैल से पूरे प्रदेश में गेहूं खरीदी का काम शुरू कर दिया है. जबलपुर जिले में गेहूं खरीदी के लिए 123 केंद्र बनाए गए हैं. लेकिन ज्यादातर जगह न गेंहू दिखाई दे रहा न किसान. (Farmers selling wheat to traders)

Farmers selling wheat to traders
गेहूं खरीदी का काम ठप

जबलपुर। एमपी में गेहूं की खरीदी 4 अप्रैल से शुरू हो गई है. इस बार शासकीय खरीदी केंद्रों में सन्नाटा पसरा है. जिला प्रशासन का दावा है कि केंद्रों में गेहूं खरीदी की पूरी तैयारी कर रखी है, लेकिन किसान शायद इस बार अपना गेहूं शासन को बेचने को तैयार नहीं हैं. हालांकि जिला प्रशासन को उम्मीद है कि जल्द ही किसान स्लॉट बुक करके अपना गेंहू समर्थन मूल्य पर बेचेंगे. इस साल शासन ने समर्थन मूल्य में गेहूं के दाम 2015 रुपये प्रति क्विंटल रखा है.

जबलपुर में गेंहू खरीदी केंद्रों पर पसरा सन्नाटा

जबलपुर में अधिकतर केंद्र खाली: जिले में गेहूं खरीदी के लिए 123 केंद्र बनाए हैं, लेकिन अधिकतर केंद्रों में न ही गेहूं है और न ही किसान. जिला प्रशासन का कहना है कि शासन ने गेहूं खरीदी के लिए किसानों को दिए जाने वाला मैसेज सिस्टम बंद कर दिया है. जिसके बाद अब किसान स्लॉट बुक करने के बाद अपनी तहसील के किसी भी केंद्र में जाकर गेहूं बेच सकते हैं, जिसकी अंतिम तिथि 13 अप्रैल है. जिला प्रशासन को उम्मीद है कि आखिरी दिन तक लक्ष्य से ज्यादा गेहूं खरीद लिया जाएगा.

MP में किसानों पर राजनीति! खरीदी केंद्रों पर कांग्रेस ने तैनात किए 1 लाख किसान कार्यकर्ता, भाजपा बोली- अन्नदाता को मिला सम्मान, हम किसानों की पार्टी

55 हजार से ज्यादा किसानों ने करवाया पंजीयन: जिले में 55 हजार 785 किसानों ने पंजीयन करवाया है. 976 मीट्रिक टन की खरीदी विभाग ने कर ली है. जबकि 526 मीट्रिक टन गेहूं परिवहन हो चुका है. डीएमओ रोहित बघेल ने बताया कि अभी केवल 38 केंद्रों में गेहूं खरीदी का काम चालू हुआ है. इस वर्ष स्लॉट बुकिंग की सुविधा किसानों के लिए दी गई है इसलिए सहुलियत के अनुसार किसान केंद्रों में पहुंच रहे हैं. जिले में अभी तक 5 हजार किसानों ने स्लॉट बुक किया है.

किसान कर रहे रेट बढ़ाने का इंतजार: डीएमओ रोहित बघेल ने कहा कि इस साल शासन द्वारा गेंहू खरीदी के जो दाम दिए जा रहे हैं, उससे अधिक दाम व्यापारी दे रहे हैं. यही कारण है कि पिछले जिस तरह से गेहूं खरीदी केंद्रों में किसानों की भारी भीड़ उमड़ा करती थी वह इस बार बहुत ही कम देखी जा रही है. डीएमओ के मुताबिक बाजार में रेट अधिक होने के चलते भी किसान केंद्र में आने से हिचकिचा रहे हैं. वह शासन द्वारा दाम बढ़ाए जाने का इंतजार कर रहे हैं.

व्यापारी सीधे खेत से खरीद रहे गेहूं : एमपी सरकार ने गेहूं खरीदी के लिए समर्थन मूल्य 2015 रु. प्रति क्विंटल तय किया है. इसके विपरीत व्यापारी इसी कीमत पर खेत में जाकर गेहूं खरीद रहे हैं. इसलिए किसान सीधे उन्हें बेच रहे हैं. एक बात और है कि शासन को बेचने पर किसान को खरीदी केंद्र आने पर परिवहन संबंधित व्यय खुद देना पड़ता है. इसके अलावा भुगतान के लिए भी उन्हें कई दिनों तक प्रतिक्षा करनी पड़ती है. इसलिए शासकीय खरीदी केंद्रों में सन्नाटा पसरा हुआ है.

(Farmers selling wheat to traders)

जबलपुर। एमपी में गेहूं की खरीदी 4 अप्रैल से शुरू हो गई है. इस बार शासकीय खरीदी केंद्रों में सन्नाटा पसरा है. जिला प्रशासन का दावा है कि केंद्रों में गेहूं खरीदी की पूरी तैयारी कर रखी है, लेकिन किसान शायद इस बार अपना गेहूं शासन को बेचने को तैयार नहीं हैं. हालांकि जिला प्रशासन को उम्मीद है कि जल्द ही किसान स्लॉट बुक करके अपना गेंहू समर्थन मूल्य पर बेचेंगे. इस साल शासन ने समर्थन मूल्य में गेहूं के दाम 2015 रुपये प्रति क्विंटल रखा है.

जबलपुर में गेंहू खरीदी केंद्रों पर पसरा सन्नाटा

जबलपुर में अधिकतर केंद्र खाली: जिले में गेहूं खरीदी के लिए 123 केंद्र बनाए हैं, लेकिन अधिकतर केंद्रों में न ही गेहूं है और न ही किसान. जिला प्रशासन का कहना है कि शासन ने गेहूं खरीदी के लिए किसानों को दिए जाने वाला मैसेज सिस्टम बंद कर दिया है. जिसके बाद अब किसान स्लॉट बुक करने के बाद अपनी तहसील के किसी भी केंद्र में जाकर गेहूं बेच सकते हैं, जिसकी अंतिम तिथि 13 अप्रैल है. जिला प्रशासन को उम्मीद है कि आखिरी दिन तक लक्ष्य से ज्यादा गेहूं खरीद लिया जाएगा.

MP में किसानों पर राजनीति! खरीदी केंद्रों पर कांग्रेस ने तैनात किए 1 लाख किसान कार्यकर्ता, भाजपा बोली- अन्नदाता को मिला सम्मान, हम किसानों की पार्टी

55 हजार से ज्यादा किसानों ने करवाया पंजीयन: जिले में 55 हजार 785 किसानों ने पंजीयन करवाया है. 976 मीट्रिक टन की खरीदी विभाग ने कर ली है. जबकि 526 मीट्रिक टन गेहूं परिवहन हो चुका है. डीएमओ रोहित बघेल ने बताया कि अभी केवल 38 केंद्रों में गेहूं खरीदी का काम चालू हुआ है. इस वर्ष स्लॉट बुकिंग की सुविधा किसानों के लिए दी गई है इसलिए सहुलियत के अनुसार किसान केंद्रों में पहुंच रहे हैं. जिले में अभी तक 5 हजार किसानों ने स्लॉट बुक किया है.

किसान कर रहे रेट बढ़ाने का इंतजार: डीएमओ रोहित बघेल ने कहा कि इस साल शासन द्वारा गेंहू खरीदी के जो दाम दिए जा रहे हैं, उससे अधिक दाम व्यापारी दे रहे हैं. यही कारण है कि पिछले जिस तरह से गेहूं खरीदी केंद्रों में किसानों की भारी भीड़ उमड़ा करती थी वह इस बार बहुत ही कम देखी जा रही है. डीएमओ के मुताबिक बाजार में रेट अधिक होने के चलते भी किसान केंद्र में आने से हिचकिचा रहे हैं. वह शासन द्वारा दाम बढ़ाए जाने का इंतजार कर रहे हैं.

व्यापारी सीधे खेत से खरीद रहे गेहूं : एमपी सरकार ने गेहूं खरीदी के लिए समर्थन मूल्य 2015 रु. प्रति क्विंटल तय किया है. इसके विपरीत व्यापारी इसी कीमत पर खेत में जाकर गेहूं खरीद रहे हैं. इसलिए किसान सीधे उन्हें बेच रहे हैं. एक बात और है कि शासन को बेचने पर किसान को खरीदी केंद्र आने पर परिवहन संबंधित व्यय खुद देना पड़ता है. इसके अलावा भुगतान के लिए भी उन्हें कई दिनों तक प्रतिक्षा करनी पड़ती है. इसलिए शासकीय खरीदी केंद्रों में सन्नाटा पसरा हुआ है.

(Farmers selling wheat to traders)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.