जबलपुर। कल तक भाजपा की छोटी सी कार्यकर्ता रही (Rajya Sabha MP candidate) सुमित्रा वाल्मीकि अब अब बतौर राज्यसभा सांसद मध्यप्रदेश का प्रतिनिधित्व करती नजर आएंगी. सुमित्रा वाल्मीकि जबलपुर के उपनगरीय क्षेत्र रांझी में रहती है. इनके घर जाना हो तो सकरी गालियां से होकर गुजरना होता है. बमुश्किल मोटरसाइकिल इनके घर तक जा पाती है. भोपाल से जबलपुर पहुंची सुमित्रा वाल्मीकि ने ईटीवी भारत से बताया कि मुझे बिल्कुल यकीन नही था कि भाजपा में जनता के कार्यो का मूल्यांकन होता है.
रात में आया था सीएम का फोन: सुमित्रा वाल्मीकि ने बताया कि रात करीब 8 से 9 बजे भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा (VD sharma) और फिर सीएम शिवराज सिंह (CM shivraj ) का फोन आया. वो बोले कि आप बैग में दो जोड़ी कपड़े रखो और रात की ट्रेन से ही बैठकर भोपाल आ जाओ. अगर ट्रेन में आने की समस्या आती है तो मुझे बताना. मैं कलेक्टर को आपके घर के भेज रहा हूं. वो आकर कागजी कार्रवाई करेंगे. उन्होंने बताया कि मुझे विश्वास नहीं हो रहा था कि, पार्टी इतना बढ़ा निर्णय ले रही है वो भी अनुसूचित जाति वर्ग की महिला के लिए.
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ऐसा रहा राजनीतिक सफर
जबलपुर की सुमित्रा वाल्मीकि ने 1992 में अपना राजनैतिक सफर शुरू किया था. संघ से जुड़े रहने के कारण पहली बार 1993 मे उन्हें अंबेडकर वार्ड से पार्षद का टिकट मिला. यहां से इन्होंने भारी बहुमत से जीत हासिल की थी. इसके बाद लगातार 3 बार पार्षद और एक बार नगर निगम अध्यक्ष भी रहीं. पार्टी ने इन्हें फिर भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष का दायित्व सौंपा और अब सुमित्रा वाल्मीकि राज्यसभा सांसद के तौर पर अपनी नई सियासी पारी शुरू करने जा रही हैं.