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जबलपुर में सफेद हाथी साबित हो रहे 'लोक सेवा केंद्र', धूल फांक रहे हैं लोगों के लाखों आवेदन

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Published : Sep 10, 2019, 5:11 PM IST

प्रदेश सरकार ने सीधे जनता से जुड़े शासकीय कामों को लेकर लोक सेवा केंद्र बनाए हैं. इन लोक सेवा केंद्रों में आय, जाति और मूल निवासी सहित अन्य प्रमाण पत्र को लोक सेवा गारंटी कानून के तहत 30 दिन में बना कर दिए जाने का प्रावधान है. लेकिन हकीकत यह है कि इन केंद्रों में ना तो सेवा बची है और ना ही लोक.

जबलपुर में सफेद हाथी साबित हो रहे 'लोक सेवा केंद्र'

जबलपुर। प्रदेश में लोगों के शासकीय काम आसानी से हो सके, इस लिहाज से सरकार ने लोक सेवा केंद्र बनाये, लेकिन वहीं लोक सेवा केंद्र लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गये हैं. जबलपुर में काम की गारंटी के लिए बने लोक सेवा केंद्र सफेद हाथी साबित हो रहे हैं, जबकि इन केंद्रों में साल भर से एक लाख से ज्यादा आवेदन धूल खा रहे हैं और आवेदन देने वाले लोग परेशान हो रहे हैं.

जबलपुर में सफेद हाथी साबित हो रहे 'लोक सेवा केंद्र'

प्रदेश सरकार ने सीधे जनता से जुड़े शासकीय कामों को लेकर लोक सेवा केंद्र बनाए हैं. इन लोक सेवा केंद्रों में आय, जाति और मूल निवासी सहित अन्य प्रमाण पत्र को लोक सेवा गारंटी कानून के तहत 30 दिन में बना कर दिए जाने का प्रावधान है. लेकिन हकीकत यह है कि इन केंद्रों में ना तो सेवा बची है और ना ही लोक. मसलन लोगों की सुविधाओं का ध्यान नहीं रखा जा रहा है. इन केंद्रों पर रोजाना 50 से ज्यादा ऐसे उम्मीदवार पहुंच रहे हैं, जिन्हें किसी न किसी प्रमाण पत्रों की जरूरत होती है. कई लोग ऐसे हैं जो महीनों से लोक सेवा केंद्रों के चक्कर भी काट रहे हैं, लेकिन उनका काम करने की वजह यहां से वहां भटकाया जा रहा है.

दरअसल जबलपुर जिले में लोक सेवा के 11 केंद्र बनाए गए हैं, जिनमें लोगों की सहूलियत के मुताबिक 22 विभागों के 124 कामों को लोक सेवा गारंटी के तहत शामिल किया गया है. लोक सेवा केंद्रों में 20,8000 से ज्यादा आवेदन बीते 2 साल में आए हैं, लेकिन इन आवेदनों में से लगभग 30,000 से ज्यादा आवेदन ऐसे हैं, जो कई महीनों से केंद्रों में रखे धूल फांक रहे हैं.

इस पूरे मामले में कलेक्टर की मानें तो उन्होंने समय सीमा में लोक सेवा के काम करने के निर्देश दे रखे हैं और तय सीमा में काम ना करने वाले अधिकारियों पर जुर्माना भी लगाया जा रहा है. लोक सेवा के कामों में हीला हवाली करने वाले छह अधिकारियों खिलाफ अभी तक कार्रवाई की गई है. इसके साथ ही लोक सेवा केंद्र के नए टेंडर अभी तक शुरू न होने पर कलेक्टर का कहना है कि इस मामले में हाई कोर्ट का स्टे है जैसी वह कटेगा टेंडर का काम पूरा हो जाएगा.

जबलपुर। प्रदेश में लोगों के शासकीय काम आसानी से हो सके, इस लिहाज से सरकार ने लोक सेवा केंद्र बनाये, लेकिन वहीं लोक सेवा केंद्र लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गये हैं. जबलपुर में काम की गारंटी के लिए बने लोक सेवा केंद्र सफेद हाथी साबित हो रहे हैं, जबकि इन केंद्रों में साल भर से एक लाख से ज्यादा आवेदन धूल खा रहे हैं और आवेदन देने वाले लोग परेशान हो रहे हैं.

जबलपुर में सफेद हाथी साबित हो रहे 'लोक सेवा केंद्र'

प्रदेश सरकार ने सीधे जनता से जुड़े शासकीय कामों को लेकर लोक सेवा केंद्र बनाए हैं. इन लोक सेवा केंद्रों में आय, जाति और मूल निवासी सहित अन्य प्रमाण पत्र को लोक सेवा गारंटी कानून के तहत 30 दिन में बना कर दिए जाने का प्रावधान है. लेकिन हकीकत यह है कि इन केंद्रों में ना तो सेवा बची है और ना ही लोक. मसलन लोगों की सुविधाओं का ध्यान नहीं रखा जा रहा है. इन केंद्रों पर रोजाना 50 से ज्यादा ऐसे उम्मीदवार पहुंच रहे हैं, जिन्हें किसी न किसी प्रमाण पत्रों की जरूरत होती है. कई लोग ऐसे हैं जो महीनों से लोक सेवा केंद्रों के चक्कर भी काट रहे हैं, लेकिन उनका काम करने की वजह यहां से वहां भटकाया जा रहा है.

दरअसल जबलपुर जिले में लोक सेवा के 11 केंद्र बनाए गए हैं, जिनमें लोगों की सहूलियत के मुताबिक 22 विभागों के 124 कामों को लोक सेवा गारंटी के तहत शामिल किया गया है. लोक सेवा केंद्रों में 20,8000 से ज्यादा आवेदन बीते 2 साल में आए हैं, लेकिन इन आवेदनों में से लगभग 30,000 से ज्यादा आवेदन ऐसे हैं, जो कई महीनों से केंद्रों में रखे धूल फांक रहे हैं.

इस पूरे मामले में कलेक्टर की मानें तो उन्होंने समय सीमा में लोक सेवा के काम करने के निर्देश दे रखे हैं और तय सीमा में काम ना करने वाले अधिकारियों पर जुर्माना भी लगाया जा रहा है. लोक सेवा के कामों में हीला हवाली करने वाले छह अधिकारियों खिलाफ अभी तक कार्रवाई की गई है. इसके साथ ही लोक सेवा केंद्र के नए टेंडर अभी तक शुरू न होने पर कलेक्टर का कहना है कि इस मामले में हाई कोर्ट का स्टे है जैसी वह कटेगा टेंडर का काम पूरा हो जाएगा.

Intro:जबलपुर
आम जनता के काम निर्धारित समय सीमा में हो सके और अफसर आनाकानी ना कर सके इसके लिए मध्यप्रदेश सरकार ने लोक सेवा केंद्र खोले थे।लेकिन लोगों को सुविधाएं देने के सरकार के तमाम प्रयासों पर अफसरशाही भारी पड़ रही है। यही वजह है कि जबलपुर में काम की गारंटी के लिए बने लोक सेवा केंद्र सफेद हाथी साबित हो रहे हैं जबकि इन केंद्रों में साल भर से एक लाख से ज्यादा आवेदन धूल खा रहे हैं और आवेदन देने वाले लोग परेशान हो रहे हैं।


Body:प्रदेश सरकार ने सीधे जनता से जुड़े शासकीय कामों को लेकर लोक सेवा केंद्र बनाए हैं।इन लोक सेवा केंद्रों में आय, जाति और मूल निवासी सहित अन्य प्रमाण पत्र को लोक सेवा गारंटी कानून के तहत 30 दिन में बना कर दिए जाने का प्रावधान है।मगर हकीकत यह है कि इन केंद्रों में ना तो सेवा बची है और ना ही लोक।मसलन लोगों की सुविधाओं का ध्यान नहीं रखा जा रहा है। इन केंद्रों पर रोजाना 50 से ज्यादा ऐसे उम्मीदवार पहुंच रहे हैं जिन्हें किसी न किसी प्रमाण पत्रों की जरूरत होती है। कई लोग ऐसे हैं जो महीनों से लोक सेवा केंद्रों के चक्कर भी काट रहे हैं लेकिन उनका काम करने की वजह यहां से वहां भटकाया जा रहा है।दर्शल जबलपुर जिले में लोक सेवा के 11 केंद्र बनाए गए हैं जिनमें लोगों की सहूलियत के मुताबिक 22 विभागों के 124 कामों को लोक सेवा गारंटी के तहत शामिल किया गया है।लोक सेवा केंद्रों में 208000 से ज्यादा आवेदन बीते 2 साल में आए हैं। लेकिन इन आवेदनों में से लगभग 30,000 से ज्यादा आवेदन ऐसे हैं जो कई महीनों से केंद्रों में रखे धूल खा रहे हैं।


Conclusion:इस पूरे मामले में कलेक्टर की मानें तो उन्होंने समय सीमा में लोक सेवा के काम करने के निर्देश दे रखे हैं और तय सीमा में काम ना करने वाले अधिकारियों पर जुर्माना भी लगाया जा रहा है। लोक सेवा के कामों में हीला हवाली करने वाले छह अधिकारियों खिलाफ अभी तक कार्रवाई की गई है। इसके साथ ही लोक सेवा केंद्र के नए टेंडर अभी तक शुरू न होने पर कलेक्टर का कहना है कि इस मामले में हाई कोर्ट का स्टे है जैसी वह कटेगा टेंडर का काम पूरा हो जाएगा।
बाईट.1-रवि रैकवार....पीड़ित
बाईट.2-भरत यादव.....कलेक्टर,जबलपुर
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