जबलपुर। " महंगाई डायन खाये जात है " यह गाना इस समय मध्य प्रदेश के जबलपुर में जोरशोर गाया जा रहा है. इसकी वजह वहां दूध के लगातार बढ़ते दाम हैं. पेट्रोल डीजल के दाम तो इस तरह बढ़ते देखा और सुना जरूर जाता है, लेकिन दूध के दाम अगर उसी अंदाज में बढ़े तो चौंकना लाजमी है. पेट्रोल डीजल के बाद अब जबलपुर में दूध के दाम भी आसमान छू रहे हैं। मध्य प्रदेश में जबलपुर एकमात्र ऐसा शहर है जहां सबसे महंगा दूध बिक रहा है.
पांच माह में करीब 15 फीसद बढ़े हैं दामः दूध पीने वाले बच्चों के लिए के लिए यह खबर किसी आफत से कम नहीं है. जबलपुर में दूध के दाम फिलहाल 66 रुपए प्रति लीटर हो चुके हैं. सितंबर माह के पहले सप्ताह में ही डेयरी संचालकों ने दूध के दाम 4 से 6 रुपए लीटर बढ़ा दिए हैं. हैरानी की बात तो यह है कि इस समय पेट्रोल और डीजल के दाम में स्थिरता बनी हुई है. बारिश के मौसम में भरपूर चारा भी मिल रहा है. ऐसे सीजन में भी जबलपुर के डेयरी संचालकों की मनमानी लगातार जारी है. जबलपुर में दूध के दामों में पिछले 5 महीनों में 10 से 15 फीसद का इजाफा हो चुका है. ब्रांडेड दूध के दाम बढ़ाने से पहले बकायदा घोषणा की जाती है. लेकिन जबलपुर डेयरी संचालकों की मनमानी हर महीने देखने को मिल रही है. यहां डेयरी संचालक चुपचाप दूध के दाम बढ़ा देते हैं. लोगों को इसकी खबर भी नहीं होती है. जब लोग डेयरी में दूध लेने पहुंचते हैं, तब उन्हें मालूम चलता कि दूध के दाम बढ़ गए हैं.
दूध उत्पादन में जबलपुर है अव्वलः एक जानकारी सबसे ज्यादा चौंकाने वाली है. दूध उत्पादन के मामले में जबलपुर प्रदेश में अव्वल माना जाता है. यहां हर रोज तकरीबन 2 लाख लीटर से अधिक दूध उत्पादन हो रहा है. स्थानीय खपत भी करीब डेढ़ लाख लीटर के करीब है. इसके बावजूद भी शहर को सबसे महंगा दूध खरीदना पड़ रहा है. अब इस मामले पर महापौर जगत बहादुर अनु का कहना है कि यह बेहद गंभीर मसला है. जबलपुर में बढ़ते दूध के दाम पर लगाम लगाने के लिए नगर निगम जिला प्रशासन के साथ मिलकर एक ठोस रणनीति बनाएगा ताकि दूध के दामों में स्थिरता आ सके. इस मामले पर डेयरी संचालक कुछ भी कहने से बच रहे हैं. वहीं आम लोगों का कहना है कि पेट्रोल और डीजल से ज्यादा महंगा तो जबलपुर में दूध हो रहा है. आने वाले दिनों में जबलपुर में दूध अगर 100 रुपए लीटर के करीब भी बिकने लगे तो हैरानी की बात नहीं होगी.