जबलपुर: मध्य प्रदेश की संस्कारधानी बीते कुछ सालों से हवाला कारोबारियों का हब बन गया है, यहां बीते पांच सालों में करीब 1000 करोड़ रुपए का हवाला के जरिए लेन देन हुआ है. खास बात ये है कि स्थानीय पुलिस और आयकर विभाग की टीम के द्वारा हवाला को लेकर लगातार कार्रवाई भी हुई, इसके बाद भी हवाला कारोबार के ग्राफ में कही से कमी नहीं आई. पहले जहां हवाला कारोबार को सड़क मार्ग से किया जाता था तो अब इसके लिए रेल्वे का उपयोग होने लगा है.
बीते पांच साल में एक हजार करोड़ का हवाला
मध्य प्रदेश का जबलपुर जिला इन दिनों हवाला का सबसे बड़ा हब बन गया है, बीते पांच सालों में जबलपुर से देश के 40 से ज्यादा शहरों के बीच 1000 करोड़ रुपए से ज्यादा का हवाला का कारोबार हुआ है. 2018 से 2020 नंवबर के बीच ही करीब 700 करोड़ का हवाला किया गया. आयकर विभाग की कार्रवाई में पकड़े गए हवाला के कारोबारियों से पूछताछ में यह खुलासा हुआ है, इतना ही नहीं लॉक डाउन खत्म होने के बाद शुरू हुई ट्रेनों से 75 करोड़ रु से ज्यादा का हवाला कारोबार हो चुका है.
पाकिस्तान से भी जुड़े हवाला के तार
सूत्रों के मुताबिक शहर से हो रहा हवाला का कारोबार सिर्फ देश के शहरों से ही नहीं बल्कि पाकिस्तान से भी जुड़ा है, यह बात इंवेस्टीगेशन विंग की जांच में भी सामने आई है. हवाला का कारोबार करने वाले बेरोजगार युवक-युवती के माध्यम से पैसा एक शहर से दूसरे शहर पहुंचाया करते हैं, हाल ही में बीते 15 दिन के अंतराल में ही आरपीएफ ने जबलपुर रेल्वे स्टेशन से हवाला का 75 लाख रुपए पकड़ा है, जिसे मुंबई ले जाया जा रहा था.
मध्य प्रदेश हवाला को लेकर अलर्ट
मध्य प्रदेश में हवाला कारोबार को लेकर पुलिस अलर्ट है. जबलपुर रेंज के आईजी भगवत सिंह चौहान का हवाला को लेकर कहना है कि ये कारोबार करने वाले लोग बैंक या आरटीजीएस का उपयोग न करके युवक-युवती के माध्यम से पैसा इधर से उधर पहुंचाते हैं. आईजी का कहना है कि आमतौर पर मुखबिर की सूचना पर ही हवाला कारोबार का खुलासा किया जाता है, जांच में पुलिस ये भी जानने को कोशिश करती है कि ये हवाला का पैसा किसका है और कहां ले जाया जा रहा है. आईजी का कहना है, हवाला का कारोबार टैक्स चोरी को बचाने और राशि को नंबर दो में रखने के लिए ही आज-कल ये ट्रेंड बढ़ रहा है.
आयकर विभाग का रहता है खुलासे में अहम रोल
पुलिस या आरपीएफ के द्वारा हवाला कारोबार का पैसा पकड़ने के बाद आयकर विभाग को ये केस सौपा जाता है जिसके बाद आगे की कार्रवाई आयकर विभाग करता हैओ, हवाला से जुड़े केस को लेकर आयकर विभाग के प्रधान आयुक्त बताते हैं कि हवाला का का फार्मेट अलग अलग तरह का होता है, जब कभी आयकर विभाग की टीम हवाला को लेकर जांच करती है. तो पहले ये देखती है कि क्या वाकई में ये पैसा हवाला का है और जब ये सही पाया जाता है तो फिर रुपए देने वाले कि तलाश भी आयकर विभाग की टीम करती है.
हर पैसा हवाला का होना ये सही नहीं
प्रधान आयकर आयुक्त अमरेंद्र कुमार बताते है कि हर पैसा हवाला का हो ये भी सही नही है, उन्होंने बताया कि जब कभी सूचना मिलती है की किसी व्यक्ति के पास बडी रकम है तो पहले उसकी जांच की जाती है कि क्या वाकई में इन रुपयों का कोई लेखा जोखा नहीं है. तब आयकर विभाग उस पर कार्रवाई करती है, ऐसा नहीं होता है कि किसी के पास बड़ी रकम है तो वह अघोषित होगी. जिस व्यक्ति के पास पैसा होता है, उसे उस सोर्स को बताना होता है.
आयकर विभाग की अब तक कि कार्रवाई
15 नवंबर 2018 को पंचू गोस्वामी के हवाला कारोबार का खुलासा किया था. आयकर विभाग की इंवेस्टिगेशन टीम ने पंचू को करमचंद चौक के पास से 65 लाख रुपए के साथ गिरफ्तार किया था. 3 अप्रैल को 2019 को आयकर विभाग ने शांतिनगर निवासी खूबचंद लालवानी के घर पर छापा मारते हुए एक करोड़ रुपए पकड़े, वहीं पांच जनवरी 2019 को ओमती पुलिस ने मुस्कान हाइट्स के पास हवाला का 49 लाख रुपए पकड़ा. 14 जून को जीआरपी ने गुजरात के दो कारोबारियों से 22 लाख 11 हजार रु बरामद किए थे.
करीब 40 शहरों से जुड़ा है हवाला का कारोबार
आयकर विभाग की इन्वेस्टीगेशन टीम ने अपनी जांच में पाया कि हवाला का यह कारोबार देश के 40 शहरों से जुड़ा हुआ है, जानकारी के मुताबिक जबलपुर से हवाला के मामले में अब तक गिरफ्तार हुए पंचू गोस्वामी, अतुल खत्री, सतीश धनपाल, खूबचंद लालवानी ने खुलासा किया कि हवाला का यह कारोबार देश के 40 से ज्यादा शहरों से जुड़ा हुआ है.