जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट से पीएससी परीक्षा-2020 के कुछ अभ्यार्थियों ने विवादित प्रश्नों के उत्तरों को लेकर अपील दायर की थी. चीफ जस्टिस रवि विजय मलिमथ व जस्टिस पुरुषेन्द्र कौरव की युगलपीठ ने एकल पीठ के आदेश को सही ठहराते हुए एक्सपर्ट ओपनियन को मानते हुए दायर अपील खारिज कर दी है. उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित राज्य चयन सेवा परीक्षा 2020 की प्रारंभिक परीक्षा में दो अंकों से फेल सैकड़ों छात्रों द्वारा हाइकोर्ट में याचिकाएं दायर की गई थीं.
एक्सपर्ट कमेटी की रिपोर्ट को सही माना : अभ्यार्थियों की ओर से दायर याचिकाओं में कहा गया था कि एक प्रश्न के उत्तर में ब्रह्म समाज के संस्थापक देवेन्द्र नाथ टैगोर को माना गया है. मध्यप्रदेश हिन्दी ग्रंथ अकादमी सहित अन्य प्रकाशकों की पुस्तकों मे केशव चंद सेन उल्लेखित है. पूर्व में दायर याचिका की सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने इस संबंध में एक्सपर्ट कमेटी से राय मांगी थी. एक्सपर्ट कमेटी द्वारा पेश की गई रिपोर्ट में पीएससी के उत्तर को सही माना गया. आवेदकों का कहना था कि उन्होंने उक्त प्रश्न क्रमांक 70 का उत्तर ऑप्शन बी टिक किया है, जबकि आयोग ने ऑप्शन अ मान्य किया है.
सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर करने की तैयारी : एक्सपर्ट कमेटी की रिपोर्ट आयोग द्वारा कोर्ट में दाखिल कर गजेटियर को आधार पर ऑप्शन अ सही बताया गया था. एकलपीठ ने एक्सपर्ट कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर दायर याचिकाएं खारिज कर दी थीं. इसके खिलाफ यह अपील दायर की गई थी. युगलपीठ ने सुनवाई के बाद एक्सपर्ट कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर एकल पीठ के आदेश को सही ठहराते हुए दायर अपील खारिज कर दीं. इससे याचाका दायर करने वाले अभ्यार्थियों को करारा झटका लगा है. याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ने बताया कि हाईकोर्ट के उक्त आदेश के खिलाफ वे सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर करेंगे.
(MPPSC EXAM 2020)