जबलपुर। मध्यप्रदेश के जबलपुर में इस साल समय पर मॉनसून की आमद से जहां एक तरफ किसानों के चेहरे खिल उठे हैं. तो वहीं दूसरी ओर कुछ किसानों के लिए बारिश मुसीबत बनकर आई है. किसानों द्वारा मेहनत से उगाई मूंग और उड़द की फसल बारिश की वजह से तबाह हो गई है. फसल के पूरी तरह सड़ जाने से किसानों को बड़ा नुकसान हुआ है. फसल की बर्बादी के लिए किसानों ने कहीं न कहीं प्रदेश में हो रहे चुनावों को भी जिम्मेदार ठहराया है.
नहीं मिल रहे मजदूर: मौसम चाहे कोई भी हो किसानों के लिए हर वक्त मुसीबतें सामने खड़ी रहती है. इस साल जबलपुर में मानसून ने ठीक समय पर दस्तक दी है. जिससे लोगों को गर्मी से राहत महसूस तो हुई लेकिन वहीं किसानों के लिए बरसात मुसीबत बन रही है. किसानों के खेत में खड़ी मूंग और उड़द की फसल बरसात की वजह से बर्बाद हो गई. किसानों का कहना है कि 'खेती किसानी के समय चुनाव कराए जा रहे हैं. इस वजह से मजदूर नहीं मिल रहे. हर मजदूर किसी न किसी उम्मीदवार के समर्थन में व्यस्त है. ऐसे में खेतों में लगी मूंग उड़द की फसलें खराब हो रही हैं'.
बारिश से हमारी फसलों को बड़ा नुकसान हुआ है. मैंने 6 एकड़ में फसलें लगाई थीं. जिसमें से 3 एकड़ में लगी फसल बर्बाद हो गई. 50 फीसदी हुए फसल के नुकसान से हम बहुत परेशान हैं. -कमलेश पटेल, प्रभावित किसान
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किसानों को फसल के मुआवजे की आस: किसान मनोज यादव का कहना है कि 'मानसून इस साल समय पर आ गया. बारिश से खेतों में पानी भर गया. इससे फसलें भी प्रभावित हुई हैं. यदि समय से मजदूर मिल जाते तो फसल को कुछ हद तक बचाया जा सकता था'. फसल बर्बाद हो जाने से दुखी किसानों को अब मुआवजे का इंतजार है. ऐसे में देखना होगा कि किसानों के नुकसान की भरपाई कौन करता है.(Heavy Rain in jabalpur) (farmers did not get laborers due to elections) (Urad and moong Crop Destroyed due to Rain)