जबलपुर। कमलनाथ सरकार को 230 सीटों वाली मध्यप्रदेश विधानसभा में बहुमत के लिए कुल 116 विधायकों होने चाहिए. फिलहाल कांग्रेस के 114 विधायक हैं इसके अवाला प्रदेश सरकार को 7 निर्दलीय विधायकों का समर्थन मिला हुआ है. अब कमलनाथ सरकार की कोशिश है कि जल्द से जल्द एंग्लो इंडियन कोटे से एक विधायक को नॉमिनेट कर लिया जाए, ताकि सदन में कांग्रेस विधायकों का आंकड़ा 115 हो जाए. इस तरह से कर्नाटक जैसे हालातों से बचा जा सकता है. गौरतलब है कि ज्यादातर एंग्लो इंडियन कोटे से विधायक जबलपुर से ही चुने गये हैं.
कमलनाथ सरकार के लिये ट्रंप कार्ड चलना इतना आसान नहीं है, क्योंकि मध्यप्रदेश हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका लगाई गई है, जिसमें यह दलील दी गई है कि जब मध्यप्रदेश में एंग्लो इंडियन की तादाद महज कुछ हजारों में ही है, तो इतने कम लोगों के लिए अलग से विधायक बनाने की क्या जरूरत है. ये याचिका हाई कोर्ट में बीते कई महीनों से पेंडिंग है, अब तक इस मामले में राज्य सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया है.
हाइकोर्ट और राज्यपाल को लिखा पत्र
याचिकाकर्ता ने हाई कोर्ट और राज्यपाल को एक चिट्ठी लिखी है, जिसमें कहा गया है कि जब तक उनकी याचिका का निराकरण न हो जाए तब तक मध्यप्रदेश में एंग्लो इंडियन विधायक न बनाया जाए.
उठापटक की टेंशन में सरकार
कर्नाटक में जिस तरह की राजनीतिक उठापटक चल रही है, उससे लगता है कि जल्द ही मध्यप्रदेश में सरकार गिराने को लेकर बीजेपी सक्रिय हो सकती है, इसलिए राज्य सरकार अपना एक नंबर बढ़ाना चाहती है, जो एंग्लो इंडियन कोटे के जरिए ही बढ़ाया जा सकता है, लेकिन हाईकोर्ट में लगी जनहित याचिका की वजह से सरकार का ये सपना पूरा नहीं हो सकता या नहीं ये आने वाला समय ही बताएगा.