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एंग्लो इंडियन विधायक का चुनाव कमलनाथ सरकार के लिए नहीं है आसान, जानें क्या है पूरा मामला - jabalpur news

मध्यप्रदेश में कर्नाटक जैसे हालातों से बचने के लिये कांग्रेस एंग्लो इंडियन विधायक के मनोनय की तैयारी में है लेकिन ऐसे में एक जनहित याचिका कांग्रेस सरकार की तैयारी में रोड़ा बन सकती है, पढ़ें पूरी खबर ..

याचिकाकर्ता
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Published : Jul 19, 2019, 7:06 PM IST

जबलपुर। कमलनाथ सरकार को 230 सीटों वाली मध्यप्रदेश विधानसभा में बहुमत के लिए कुल 116 विधायकों होने चाहिए. फिलहाल कांग्रेस के 114 विधायक हैं इसके अवाला प्रदेश सरकार को 7 निर्दलीय विधायकों का समर्थन मिला हुआ है. अब कमलनाथ सरकार की कोशिश है कि जल्द से जल्द एंग्लो इंडियन कोटे से एक विधायक को नॉमिनेट कर लिया जाए, ताकि सदन में कांग्रेस विधायकों का आंकड़ा 115 हो जाए. इस तरह से कर्नाटक जैसे हालातों से बचा जा सकता है. गौरतलब है कि ज्यादातर एंग्लो इंडियन कोटे से विधायक जबलपुर से ही चुने गये हैं.

एंग्लो इंडियन विधायक का चुनाव कमलनाथ सरकार के लिए नहीं है आसान


कमलनाथ सरकार के लिये ट्रंप कार्ड चलना इतना आसान नहीं है, क्योंकि मध्यप्रदेश हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका लगाई गई है, जिसमें यह दलील दी गई है कि जब मध्यप्रदेश में एंग्लो इंडियन की तादाद महज कुछ हजारों में ही है, तो इतने कम लोगों के लिए अलग से विधायक बनाने की क्या जरूरत है. ये याचिका हाई कोर्ट में बीते कई महीनों से पेंडिंग है, अब तक इस मामले में राज्य सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया है.

हाइकोर्ट और राज्यपाल को लिखा पत्र
याचिकाकर्ता ने हाई कोर्ट और राज्यपाल को एक चिट्ठी लिखी है, जिसमें कहा गया है कि जब तक उनकी याचिका का निराकरण न हो जाए तब तक मध्यप्रदेश में एंग्लो इंडियन विधायक न बनाया जाए.

उठापटक की टेंशन में सरकार
कर्नाटक में जिस तरह की राजनीतिक उठापटक चल रही है, उससे लगता है कि जल्द ही मध्यप्रदेश में सरकार गिराने को लेकर बीजेपी सक्रिय हो सकती है, इसलिए राज्य सरकार अपना एक नंबर बढ़ाना चाहती है, जो एंग्लो इंडियन कोटे के जरिए ही बढ़ाया जा सकता है, लेकिन हाईकोर्ट में लगी जनहित याचिका की वजह से सरकार का ये सपना पूरा नहीं हो सकता या नहीं ये आने वाला समय ही बताएगा.

जबलपुर। कमलनाथ सरकार को 230 सीटों वाली मध्यप्रदेश विधानसभा में बहुमत के लिए कुल 116 विधायकों होने चाहिए. फिलहाल कांग्रेस के 114 विधायक हैं इसके अवाला प्रदेश सरकार को 7 निर्दलीय विधायकों का समर्थन मिला हुआ है. अब कमलनाथ सरकार की कोशिश है कि जल्द से जल्द एंग्लो इंडियन कोटे से एक विधायक को नॉमिनेट कर लिया जाए, ताकि सदन में कांग्रेस विधायकों का आंकड़ा 115 हो जाए. इस तरह से कर्नाटक जैसे हालातों से बचा जा सकता है. गौरतलब है कि ज्यादातर एंग्लो इंडियन कोटे से विधायक जबलपुर से ही चुने गये हैं.

एंग्लो इंडियन विधायक का चुनाव कमलनाथ सरकार के लिए नहीं है आसान


कमलनाथ सरकार के लिये ट्रंप कार्ड चलना इतना आसान नहीं है, क्योंकि मध्यप्रदेश हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका लगाई गई है, जिसमें यह दलील दी गई है कि जब मध्यप्रदेश में एंग्लो इंडियन की तादाद महज कुछ हजारों में ही है, तो इतने कम लोगों के लिए अलग से विधायक बनाने की क्या जरूरत है. ये याचिका हाई कोर्ट में बीते कई महीनों से पेंडिंग है, अब तक इस मामले में राज्य सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया है.

हाइकोर्ट और राज्यपाल को लिखा पत्र
याचिकाकर्ता ने हाई कोर्ट और राज्यपाल को एक चिट्ठी लिखी है, जिसमें कहा गया है कि जब तक उनकी याचिका का निराकरण न हो जाए तब तक मध्यप्रदेश में एंग्लो इंडियन विधायक न बनाया जाए.

उठापटक की टेंशन में सरकार
कर्नाटक में जिस तरह की राजनीतिक उठापटक चल रही है, उससे लगता है कि जल्द ही मध्यप्रदेश में सरकार गिराने को लेकर बीजेपी सक्रिय हो सकती है, इसलिए राज्य सरकार अपना एक नंबर बढ़ाना चाहती है, जो एंग्लो इंडियन कोटे के जरिए ही बढ़ाया जा सकता है, लेकिन हाईकोर्ट में लगी जनहित याचिका की वजह से सरकार का ये सपना पूरा नहीं हो सकता या नहीं ये आने वाला समय ही बताएगा.

Intro:कमलनाथ सरकार मनोनीत नहीं कर सकती एंग्लो इंडियन विधायक मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका मैं एंग्लो इंडियन विधायक के मनोनयन को दी गई है चुनौती याचिकाकर्ता ने हाई कोर्ट मैं दोबारा लगाया आवेदन


Body:जबलपुर मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार के पास फिलहाल 114 विधायक खुद की पार्टी के हैं इसके अलावा एक निर्दलीय विधायक को पार्टी ने मंत्री बनाकर अपनी तरफ से कर लिया है अब कमलनाथ सरकार की कोशिश है कि जल्द से जल्द एंग्लो इंडियन कोटे से एक विधायक का नॉमिनेशन कर लिया जाए ताकि यह आंकड़ा 116 हो जाए इस तरीके से कमलनाथ सरकार कर्नाटक के हालात से बच सकती है इसलिए कमलनाथ सरकार बहुत तेजी से एंग्लो इंडियन कोटे से विधायक के नॉमिनेशन की तैयारी कर रहे हैं ज्यादातर समय एंग्लो इंडियन कोटे से विधायक जबलपुर से ही बनते रहे

लेकिन विधायक का नॉमिनेशन कमलनाथ सरकार के लिए आसान नहीं है क्योंकि मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका लगाई गई है जिसमें यह दलील दी गई है कि जब मध्यप्रदेश में एंग्लो इंडियन की तादाद महज कुछ हजारों में ही है तो इतने कम लोगों के लिए अलग से विधायक बनाने की क्या जरूरत है इस मामले में हाई कोर्ट की याचिका बीते कई महीनों से पेंडिंग पड़ी हुई है अब तक इस मामले में राज्य सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया है जनहित याचिका करता ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट और राज्यपाल को एक चिट्ठी लिखी है जब तक उनकी याचिका का निराकरण ना हो जाए तब तक मध्यप्रदेश में एंग्लो इंडियन कोटे से विधायक ना बनाया जाए


Conclusion:कर्नाटक मैं जिस तरह का राजनीतिक उठापटक चल रही है उससे लगता है कि जल्द ही मध्यप्रदेश में सरकार गिराने को लेकर भारतीय जनता पार्टी सक्रिय हो सकती है इसलिए राज्य सरकार अपना एक नंबर बढ़ाना चाहती है जो एंग्लो इंडियन कोटे के जरिए ही बनाया जा सकता है लेकिन हाईकोर्ट मैं लगी जनहित याचिका की वजह से सरकार का यह सपना पूरा नहीं हो सकता बाइट रजत भार्गव जनहित याचिकाकर्ता
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