जबलपुर। प्रदेश में शराब दुकानों का मुद्दा अब हाईकोर्ट पहुंच गया है. शराब ठेकेदारों ने दुकानें नहीं खोलने की बात कही है, जबकि सरकार ने शराब दुकानें खोलने की बात कही है. जिस पर अब ठेकेदारों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. ठेकेदारों का कहना है कि बदली हुई परिस्थितियों में शराब की दुकानें खोलने से उन्हें नुकसान होगा. शराब ठेकेदारों की याचिका पर हाईकोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा है.
बीते 40 दिनों से शराब दुकानें नहीं खुली थी. अब सरकार ने राजस्व कमी की बात कहते हुए कुछ जगहों पर शराब दुकानों को 4 से 5 घंटे खोलने की अनुमति दी है. लेकिन ठेकेदारों का कहना है कि चार से पांच घंटे ही शराब दुकान खोलने पर उन्हें नुकसान होगा. पहले परिस्थितियां कुछ और थी लेकिन लॉकडाउन के बाद स्थितियां बदल गई है.
ठेकेदारों की तरफ से वकील ने हाईकोर्ट से मांग रखी कि जब ठेके नीलाम किए गए थे तब परिस्थितियां कुछ और थी. दुकान को 14 घंटे खोलने की अनुमति ठेके में दी गई थी, अहाता चलाने की अनुमति दी गई थी. ऐसी स्थिति में ठेकेदारों को नुकसान नहीं होता. लेकिन बीते 40 दिनों से दुकानें बंद हैं और अब मात्र 4 से 5 घंटे दुकान खोलने की अनुमति दे रही है उसमें भी अहाता चलाने की अनुमति नहीं है. ऐसें में जब तक लॉकडाउन नहीं खुल जाता तब तक शराब दुकानें नहीं खोलने दी जाएं.
ठेकेदारों की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने इस मामले में सरकार से जवाब मांगा है. पहले सरकार ने शराब दुकानें बंद करवाए अब ठेकेदार खुद इन्हें बंद करना चाहते हैं. सामाजिक नजरिए से देखा जाए तो यदि शराब दुकानें खुलती हैं तो नुकसान ठेकेदारों से ज्यादा कोरोना वायरस फैलाने वालों की वजह से समाज को होगा. जिससे सामाजिक ढांचा भी गड़बड़ा सकता है.