जबलपुर। सातवें वेतनमान को लेकर अब जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्विद्यालय सहित प्रदेश की तीन यूनिवर्सिटी नानाजी देशमुख-विजयराजे सिंधिया के वैज्ञनिकों ने सरकार के खिलाफ विरोध करना शुरू कर दिया है. वैज्ञनिक काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन (Jabalpur Scientists Strike!) कर रहे हैं. उन्होंने अब चेतावनी दी है कि अगर 15 तारीख तक उनके सातवें वेतनमान को लेकर सरकार कोई कदम नहीं उठाती हैं तो आंदोलन किया जाएगा.
अनुसंधान-शिक्षा और विस्तार का काम होगा प्रभावित
मध्य प्रदेश में 10 कृषि महाविद्यालय, 21 विज्ञान केंद्र, 12 अनुसंधान केंद्र(रिसर्च स्टेशन) हैं, जिनमें करीब 1500 वैज्ञानिक, प्राध्यापक काम करते हैं . अगर इन वैज्ञनिकों ने आने वाले समय मे काम बंद कर दिया तो न सिर्फ अनुसंधान का काम प्रभावित होगा बल्कि शिक्षा और विस्तार(Jabalpur Strike ) के काम भी बन्द हो जाएंगे.
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सभी को मिल चुका है तो हमारे साथ भेदभाव क्यों
केंद्रीय वैज्ञानिक संघ के अध्यक्ष डॉ एस.के पांडे ने बताया कि मध्यप्रदेश में जितनी भी यूनिवर्सिटी हैं, वहां पदस्थ सभी प्रोफेसरों को सातवें वेतनमान का लाभ 2016 से दिया जा रहा है. लेकिन हमाने साथ सरकार भेदभाव कर रही है. जबकि हम ही प्रदेश को लगातार सात सालों से कृषि कर्मण पुरस्कार दिलवा रहे हैं. उन्होंने कहा है कि 15 नवंबर को कोशिश की जा रही है कि प्रधानमंत्री से मुलाकात हो जाए, नहीं तो फिर आगे की रणनीति सरकार के खिलाफ बनाई जाएगी.