जबलपुर। एमपी गजब है और अजब है. मध्यप्रदेश में आपने कारनामे तो बहुत सुने होंगे, लेकिन हम आपको ऐसे कारनामें के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे सुनकर आपके पैरों तले जमीन खिसक जाएगी. बैचलर ऑफ फिजियोथेरेपी (बीपीटीएच) परीक्षा के नतीजे घोषित करने में ऐसी लापरवाही की गई कि एक ही रोल नंबर सौ से अधिक बार चल गया. इस संबंध में जिम्मेदार अधिकारी टाइपिंग एरर बताकर गलती पर पर्दा डालने की कोशिश कर रहे हैं.
डिप्टी रजिस्ट्रार और एग्जाम कंट्रोलर के हस्ताक्षर मौजूद: जबलपुर स्थित मेडिकल यूनिवर्सिटी (Madhya Pradesh Medical Science University) में 'बैचलर ऑफ फिजियोथेरेपी परीक्षा' (Bachelor of physiotherapy Result) में एक रोल नंबर 2211896 को सौ से अधिक बार टाइप कर स्टूडेंट्स के लिए परिणाम जारी कर दिये गए. बीपीटीएच के इस परीक्षा परिणाम में बकायदा डिप्टी रजिस्ट्रार और एग्जाम कंट्रोलर के हस्ताक्षर भी हैं. परीक्षा के नतीजे सामने आने के बाद मची खलबली के बीच अधिकारियों के लिए यह जांच का विषय हो गया कि इस लापरवाही का जिम्मेदार कौन है. इससे पहले पेपर लीक करने के मामले में मॉडरेटर पर कार्रवाई की जा चुकी है. अब जबकि एमयू में नए कुलपति की नियुक्ति हो गई है, घपले-घोटालों पर रोक लगाने की उम्मीद बंधी है.
अधिकारियों दे रहे सफाई: वहीं अधिकारियों ने सफाई देते हुए कहा है कि ''टाइपिंग एरर के कारण ऐसा हो गया. जल्द ही इसे सुधारा जाएगा''. यह कोई पहला मामला नहीं है. इससे पहले संभाग कमिश्नर व प्रभारी कुलपति बी. चंद्रशेखर ने पेपर लीक मामले में मेडिकल यूनिविर्सटी की मॉडरेटर निधि श्रीवास्तव के खिलाफ कार्रवाई की थी. बीएएमएस के एनाटॉमी विषय का पेपर सुबह 11 बजे से 2 बजे दोपहर के बीच तक होना था. लेकिन इस पेपर को परीक्षा नियंत्रक डॉ. सचिन कुचया ने डॉक्टर निधि श्रीवास्तव से सेट करवाया जबकि निधि श्रीवास्तव छुट्टी पर थीं. नियम विरुद्ध सेट कराया गया पेपर लीक हो गया था.
(University Feat Same Roll Number issued 100 Times) (Bachelor of physiotherapy Result)