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Jabalpur Drives Rickshaw खबर का असर, लाचार पिता को देख अब CWC और चाइल्ड लाइन की टीम ने दिलाया मदद का भरोसा, बच्चे को सीने से लगाकर चलाता है रिक्शा - जबलपुर लेटेस्ट न्यूज

जबलपुर में पिता द्वारा मासूम बेटे को कंधे के चिपकाकर साइकिल रिक्शा चलाने के मामले में बाल कल्याण समिति ने सख्त एक्शन लिया है. CWC ने बच्चों की जान को खतरा बताता हुए इस तरह से रिक्शा नहीं चलाने की समझाइश दी है. बाल कल्याण समिति और चाइल्ड लाइन के सदस्यों ने जूवेनाइल जस्टिस एक्ट के प्रावधानों का हवाला देते हुए बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए सरकार से मदद का भरोसा दिलाया. Jabalpur Rickshaw Driver, Jabalpur Man Drives Rickshaw with Child

Jabalpur Drives Rikshaw
बच्चे को सीने से लगाकर रिक्शा चलाता है युवक
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Published : Aug 26, 2022, 9:59 AM IST

Updated : Aug 26, 2022, 11:07 AM IST

जबलपुर। एक हाथ में दुधमुंहा बेटा तो दूसरे हाथ से साइकिल रिक्शा थामने वाले राजेश की जिंदगी से संघर्ष की मार्मिक दास्तां ने समाज को झकझोर दिया है. शहर की सड़कों पर साइकिल रिक्शा चलाते और जिंदगी की जद्दोजहद में जुटे राजेश की खबर प्रसारित होने के बाद जबलपुर की बाल कल्याण समिति ने भी सक्रियता दिखाई है. प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट की शक्तियां प्राप्त न्याय पीठ के सदस्यों ने रिक्शा चालक राजेश के पास पहुंचकर तमाम जानकारियां जुटाई और उसकी काउंसलिंग करते हुए सरकारी प्रावधानों की जानकारी दी. Jabalpur Rickshaw Driver, Jabalpur Man Drives Rickshaw with Child

बच्चे को सीने से लगाकर रिक्शा चलाता है युवक

बच्चों की जान जोखिम में डालकर व्यवसाय की इजाजत नहीं: बाल कल्याण समिति के सदस्य डॉ. मनीष व्यास और विनीता शर्मा ने रिक्शा चालक राजेश से मुलाकात कर मासूम बेटे को हाथ में लेकर रिक्शा चलाने को गंभीरता से लेते हुए भविष्य में उसे इस तरह से रिक्शा न चलाने की समझाइश दी. सदस्यों ने बताया कि बच्चों की जान जोखिम में डालकर व्यापार या व्यवसाय करने की इजाजत किसी को नहीं दी जा सकती.

Jabalpur Drives Rikshaw
बाल कल्याण समिति और चाइल्ड लाइन की टीम रिक्शा चालक से मिली

मासूम बच्चे को कंधे से चिपकाए चलाता है रिक्शा: आज के दौर में परिवार पालना किसी चुनौती से कम नहीं है. ऐसे में उन लोगों के लिए ये जिम्मेदारी और बढ़ जाती है जो दो वक्त की रोटी जुटाने के लिए रोजाना जी तोड़ मेहनत करते हैं और इसी हर रोज होने वाली कमाई से अपना और अपने परिवार का पेट पालते हैं. बिहार के रहने वाले राजेश मालदार की कहानी भी कुछ ऐसी ही. राजेश दस साल पहले काम की तलाश में जबलपुर आए थे. इसी दौरान उन्हें सिवनी के कन्हरवाड़ा गांव की एक युवती से प्यार हो गया था. जिसके बाद दोनों ने शादी कर ली. राजेश और उसकी पत्नी दोनों कई दिनों तक फुटपाथ के किनारे दो बच्चों के साथ रह रहे, लेकिन राजेश की किस्मत ने ऐसा खेल खेला की दोनों बच्चों को छोड़ उसकी पत्नी अपने किसी दूसरे आशिक के साथ चली गई. Jabalpur Man Drives Rickshaw with Child

Jabalpur Rikshaw Puller Father एक पिता जो बच्चे को सीने से चिपकाए चलाता है रिक्शा, जानें क्या है इस लाचारी की वजह

मजबूर पिता कैसे दो बच्चों की कर रहा परवरिश: राजेश ने बताया कि कुछ समय उसे पता चला की उसकी पत्नी उसे छोड़ एक ट्रक चालक के साथ फरार हो गई है. उसने अपनी पत्नी को ढूंढने की बहुत कोशिश की, लेकिन उसका कहीं कोई पता नहीं चला. जिसके बाद दोनों बच्चों की जिम्मेदारी राजेश पर आ गई. राजेश अब दोनों बच्चों की परवरिश के लिए रिक्शा चलाकर ही अपना और उनका पालन पोषण कर रहा है. Jabalpur Rickshaw Child

सरकार की खुली पोल: मजबूर पिता रोजाना घर से अपने मासूम बच्चे को साथ लेकर निकलता है. राजेश शहर भर में घूमकर सवारियां तलाशता है, और सवारी मिलने पर एक हाथ से ही रिक्शा चलाकर उन्हें उनकी मंजिल तक पहुंचाने की जतन में जुट जाता है. पेट और परिवार पालने की मजबूरी इंसान से क्या-क्या नहीं कराती, राजेश मालदार इसका जीता जागता उदाहरण ये है. राज्य से लेकर केंद्र सरकार तक की तमाम योजनाएं ऐसे लाचार लोगों के पास आकर दम तोड़ देती है. राजेश की मजबूरी बता देती है कि सरकारी योजनाओं का फायदा आज भी जरूरतमंदों तक नहीं पहुंच पाता है. Jabalpur Rickshaw Driver, Jabalpur Man Drives Rickshaw with Child, Jabalpur Rickshaw Driver Video

जबलपुर। एक हाथ में दुधमुंहा बेटा तो दूसरे हाथ से साइकिल रिक्शा थामने वाले राजेश की जिंदगी से संघर्ष की मार्मिक दास्तां ने समाज को झकझोर दिया है. शहर की सड़कों पर साइकिल रिक्शा चलाते और जिंदगी की जद्दोजहद में जुटे राजेश की खबर प्रसारित होने के बाद जबलपुर की बाल कल्याण समिति ने भी सक्रियता दिखाई है. प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट की शक्तियां प्राप्त न्याय पीठ के सदस्यों ने रिक्शा चालक राजेश के पास पहुंचकर तमाम जानकारियां जुटाई और उसकी काउंसलिंग करते हुए सरकारी प्रावधानों की जानकारी दी. Jabalpur Rickshaw Driver, Jabalpur Man Drives Rickshaw with Child

बच्चे को सीने से लगाकर रिक्शा चलाता है युवक

बच्चों की जान जोखिम में डालकर व्यवसाय की इजाजत नहीं: बाल कल्याण समिति के सदस्य डॉ. मनीष व्यास और विनीता शर्मा ने रिक्शा चालक राजेश से मुलाकात कर मासूम बेटे को हाथ में लेकर रिक्शा चलाने को गंभीरता से लेते हुए भविष्य में उसे इस तरह से रिक्शा न चलाने की समझाइश दी. सदस्यों ने बताया कि बच्चों की जान जोखिम में डालकर व्यापार या व्यवसाय करने की इजाजत किसी को नहीं दी जा सकती.

Jabalpur Drives Rikshaw
बाल कल्याण समिति और चाइल्ड लाइन की टीम रिक्शा चालक से मिली

मासूम बच्चे को कंधे से चिपकाए चलाता है रिक्शा: आज के दौर में परिवार पालना किसी चुनौती से कम नहीं है. ऐसे में उन लोगों के लिए ये जिम्मेदारी और बढ़ जाती है जो दो वक्त की रोटी जुटाने के लिए रोजाना जी तोड़ मेहनत करते हैं और इसी हर रोज होने वाली कमाई से अपना और अपने परिवार का पेट पालते हैं. बिहार के रहने वाले राजेश मालदार की कहानी भी कुछ ऐसी ही. राजेश दस साल पहले काम की तलाश में जबलपुर आए थे. इसी दौरान उन्हें सिवनी के कन्हरवाड़ा गांव की एक युवती से प्यार हो गया था. जिसके बाद दोनों ने शादी कर ली. राजेश और उसकी पत्नी दोनों कई दिनों तक फुटपाथ के किनारे दो बच्चों के साथ रह रहे, लेकिन राजेश की किस्मत ने ऐसा खेल खेला की दोनों बच्चों को छोड़ उसकी पत्नी अपने किसी दूसरे आशिक के साथ चली गई. Jabalpur Man Drives Rickshaw with Child

Jabalpur Rikshaw Puller Father एक पिता जो बच्चे को सीने से चिपकाए चलाता है रिक्शा, जानें क्या है इस लाचारी की वजह

मजबूर पिता कैसे दो बच्चों की कर रहा परवरिश: राजेश ने बताया कि कुछ समय उसे पता चला की उसकी पत्नी उसे छोड़ एक ट्रक चालक के साथ फरार हो गई है. उसने अपनी पत्नी को ढूंढने की बहुत कोशिश की, लेकिन उसका कहीं कोई पता नहीं चला. जिसके बाद दोनों बच्चों की जिम्मेदारी राजेश पर आ गई. राजेश अब दोनों बच्चों की परवरिश के लिए रिक्शा चलाकर ही अपना और उनका पालन पोषण कर रहा है. Jabalpur Rickshaw Child

सरकार की खुली पोल: मजबूर पिता रोजाना घर से अपने मासूम बच्चे को साथ लेकर निकलता है. राजेश शहर भर में घूमकर सवारियां तलाशता है, और सवारी मिलने पर एक हाथ से ही रिक्शा चलाकर उन्हें उनकी मंजिल तक पहुंचाने की जतन में जुट जाता है. पेट और परिवार पालने की मजबूरी इंसान से क्या-क्या नहीं कराती, राजेश मालदार इसका जीता जागता उदाहरण ये है. राज्य से लेकर केंद्र सरकार तक की तमाम योजनाएं ऐसे लाचार लोगों के पास आकर दम तोड़ देती है. राजेश की मजबूरी बता देती है कि सरकारी योजनाओं का फायदा आज भी जरूरतमंदों तक नहीं पहुंच पाता है. Jabalpur Rickshaw Driver, Jabalpur Man Drives Rickshaw with Child, Jabalpur Rickshaw Driver Video

Last Updated : Aug 26, 2022, 11:07 AM IST
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