जबलपुर। रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय व साईखेड़ा छिंदवाड़ा के निजी संस्थान में नेशनल काउसिंल ऑफ एग्रीकल्चर रिसर्च की अनुमति के बिना कृषि कोर्स संचालित किये जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ तथा जस्टिस विषाला मिश्रा की युगलपीठ ने याचिका की सुनवाई करते हुए नेशनल काउसिंल ऑफ एग्रीकल्चर रिसर्च को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. (Jabalpur High Court News)
प्रवेश के लिए परीक्षा पास करना अनिवार्य: नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के अध्यक्ष डॉ. पीजी नाचपांडे की तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय तथा निजी संस्थान में कृषि कोर्स में प्रवेश हेतु आवश्यक प्री-एग्रीकल्चर टेस्ट में उत्तीर्ण हुए बगैर ही छात्रों को प्रवेश दिया जा रहा है. राज्य कृषि यूनिवर्सिटीज में प्रवेश हेतु यह परीक्षा पास करना अनिवार्य है. इस कारण छात्रों में भेदभाव की स्थिति बन रही है. आईसीएआर के अनुशंसाओं बगैर संचालित कृषि कोर्स से प्राप्त डिग्रियों की मान्यता पर सवालियां निशान खड़े हुए, तो छात्रों का भविष्य अंधकारमय हो सकता है. (agricultural courses without permission in MP)
युगलपीठ ने नोटिस जारी कर मांगा जवाब: जबलपुर तथा ग्वालियर के कृषि विश्वविद्यालयों के कोर्स को आईसीएआर के मापदण्ड परीक्षण बोर्ड द्वारा सर्टिफिकेट दिया गया है. जबलपुर के रादुविवि तथा निजी संस्थान के कृषि शिक्षण को आईसीएआर के मापदण्ड बोर्ड द्वारा सर्टिफिकेट नहीं दिया गया है. पूर्व में हुई सुनवाई के दौरान युगलपीठ ने याचिकाकर्ता को कृषि कोर्स के संचालन के संबंध में मान्यता व सम्बध्दता संबंधित दस्तावेज पेश करने के आदेश जारी किये थे. याचिकाकर्ता द्वारा पेश किये गये दस्तावेज की जांच के बाद युगलपीठ ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता सुरेन्द्र वर्मा पैरवी कर रहे हैं. (Jabalpur couple bench heard petition)