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समर्थन मूल्य पर 22 नवंबर से होगी धान और बाजरा की खरीदी, अभी से करा लें स्लॉट बुक

ज्वार,बाजरा की खरीदी 22 नवंबर और धान खरीदी 2 दिसंबर से की जाएगी. फसल बेचने के लिए किसानों को वेबसाइट पर स्लॉट बुक कराना होगा.

PADDY JOWAR BAJRA MSP PURCHASE
समर्थन मूल्य पर 22 नवंबर से धान और बाजरा की खरीदी (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Nov 10, 2024, 9:59 PM IST

भोपाल: मोहन यादव सरकार ने धान, ज्वार और बाजरा के उपार्जन के लिए नीति घोषित कर दी है. प्रदेश में समर्थन मूल्य पर ज्वार और बाजरा का उपार्जन किया जाएगा. ज्वार और बाजरा की खरीदी 22 नवंबर से और धान की खरीदी 2 दिसंबर से की जाएगी. विभाग ने आदेश जारी करते हुए निर्देश दिए हैं कि अच्छी गुणवत्ता की धान, ज्वार एवं बाजरा की खरीदी समर्थन मूल्य से कम पर नहीं की जाएगी. नॉन एफएक्यू उपज का सैम्पल कृषि उपज मण्डी द्वारा संधारित किया जायेगा. खरीदी में गड़बड़ी को रोकने के लिए तय किया गया है कि उन्हीं किसानों का अनाज खरीदा जाएगा जिनके रकबे में फसल दर्ज है. फसल बेचने के लिए किसानों को विभाग की वेबसाइट पर स्लॉट बुक कराना होगा.

खाद्य, नागरिक आपूर्ति मंत्री ने दिए निर्देश

खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बताया कि "प्रदेश के सभी कलेक्टर्स, नागरिक आपूर्ति निगम तथा वेयर हाउसिंग कॉर्पोरेशन के अफसरों को खरीदी के संबंध में निर्देश दे दिए गए हैं. अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि उपार्जन नीति का पूरी तरह से पालन होना चाहिए, ताकि किसानों को फसल विक्रय में परेशानी न आए. इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही मिलने पर उपार्जन कार्य से जुड़े अधिकारी-कर्मचारियों पर कार्रवाई की जाएगी."

इस तरह तय होगी फसल खरीदी

खाद्य मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बताया कि "किसान की फसल कितनी खरीदी जाएगी, इसका निर्धारण पिछले 3 सालों में धान, ज्वार एवं बाजरा की उपार्जन मात्रा में औसत वृद्धि तथा बोए गए रकबे के आधार पर किया जाएगा. समर्थन मूल्य पर धान, ज्वार एवं बाजरा के उपार्जन के लिए मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाइ कार्पोरेशन नोडल एजेंसी होगी. इसके अलावा विभाग द्वारा केन्द्र एवं राज्य सरकार की अन्य एजेंसी और उनके द्वारा अधिकृत संस्था को भी उपार्जन एजेंसी घोषित किया जा सकेगा. उपार्जित खाद्यान्न के भण्डारण एवं रखरखाव के लिए मध्यप्रदेश वेयर हाऊसिंग एवं लॉजिस्टिक कार्पोरेशन नोडल राज्य समन्वयक एजेंसी होगी."

किसानों की सुविधा अनुसार उपार्जन केन्द्रों का निर्धारण

किसान की फसलों के लिए उपार्जन केन्द्र किसानों की सुविधा को देखते हुए तए किए जाएंगे. विभाग की प्राथमिकता होगी कि उपार्जन केन्द्र गोदाम/केप परिसर में बनाए जाएंगे. इसके अलावा समिति एवं अन्य स्तर पर उपार्जन केन्द्र बनाए जा सकेंगे. समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन के लिये 46 प्रतिशत पुराने और 54 प्रतिशत नवीन जूट वारदाने उपयोग किये जाएंगे. वारदानों की व्यवस्था उपार्जन एजेंसी द्वारा की जायेगी. ज्वार एवं बाजरे का उपार्जन नवीन जूट वारदानों में किया जायेगा.

किसानों को वेबसाइट पर बुक कराना होगा स्लॉट

कृषि उपज मण्डियों में एफएक्यू मानक की धान, ज्वार एवं बाजरा की खरीदी समर्थन मूल्य से कम पर क्रय नहीं किया जायेगी. नॉन एफएक्यू उपज का सैम्पल कृषि उपज मण्डी द्वारा संधारित किया जायेगा. किसान पंजीयन में दर्ज फसल के रकबे एवं राजस्व विभाग द्वारा तहसीलवार निर्धारित उत्पादकता के आधार पर कृषक द्वारा खाद्यान्न की विक्रय योग्य अधिकतम मात्रा का निर्धारण किया जायेगा. फसल बेचने के लिए किसानों को विभाग की वेबसाइट पर पर स्लॉट बुक कराना होगा.

भोपाल: मोहन यादव सरकार ने धान, ज्वार और बाजरा के उपार्जन के लिए नीति घोषित कर दी है. प्रदेश में समर्थन मूल्य पर ज्वार और बाजरा का उपार्जन किया जाएगा. ज्वार और बाजरा की खरीदी 22 नवंबर से और धान की खरीदी 2 दिसंबर से की जाएगी. विभाग ने आदेश जारी करते हुए निर्देश दिए हैं कि अच्छी गुणवत्ता की धान, ज्वार एवं बाजरा की खरीदी समर्थन मूल्य से कम पर नहीं की जाएगी. नॉन एफएक्यू उपज का सैम्पल कृषि उपज मण्डी द्वारा संधारित किया जायेगा. खरीदी में गड़बड़ी को रोकने के लिए तय किया गया है कि उन्हीं किसानों का अनाज खरीदा जाएगा जिनके रकबे में फसल दर्ज है. फसल बेचने के लिए किसानों को विभाग की वेबसाइट पर स्लॉट बुक कराना होगा.

खाद्य, नागरिक आपूर्ति मंत्री ने दिए निर्देश

खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बताया कि "प्रदेश के सभी कलेक्टर्स, नागरिक आपूर्ति निगम तथा वेयर हाउसिंग कॉर्पोरेशन के अफसरों को खरीदी के संबंध में निर्देश दे दिए गए हैं. अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि उपार्जन नीति का पूरी तरह से पालन होना चाहिए, ताकि किसानों को फसल विक्रय में परेशानी न आए. इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही मिलने पर उपार्जन कार्य से जुड़े अधिकारी-कर्मचारियों पर कार्रवाई की जाएगी."

इस तरह तय होगी फसल खरीदी

खाद्य मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बताया कि "किसान की फसल कितनी खरीदी जाएगी, इसका निर्धारण पिछले 3 सालों में धान, ज्वार एवं बाजरा की उपार्जन मात्रा में औसत वृद्धि तथा बोए गए रकबे के आधार पर किया जाएगा. समर्थन मूल्य पर धान, ज्वार एवं बाजरा के उपार्जन के लिए मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाइ कार्पोरेशन नोडल एजेंसी होगी. इसके अलावा विभाग द्वारा केन्द्र एवं राज्य सरकार की अन्य एजेंसी और उनके द्वारा अधिकृत संस्था को भी उपार्जन एजेंसी घोषित किया जा सकेगा. उपार्जित खाद्यान्न के भण्डारण एवं रखरखाव के लिए मध्यप्रदेश वेयर हाऊसिंग एवं लॉजिस्टिक कार्पोरेशन नोडल राज्य समन्वयक एजेंसी होगी."

किसानों की सुविधा अनुसार उपार्जन केन्द्रों का निर्धारण

किसान की फसलों के लिए उपार्जन केन्द्र किसानों की सुविधा को देखते हुए तए किए जाएंगे. विभाग की प्राथमिकता होगी कि उपार्जन केन्द्र गोदाम/केप परिसर में बनाए जाएंगे. इसके अलावा समिति एवं अन्य स्तर पर उपार्जन केन्द्र बनाए जा सकेंगे. समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन के लिये 46 प्रतिशत पुराने और 54 प्रतिशत नवीन जूट वारदाने उपयोग किये जाएंगे. वारदानों की व्यवस्था उपार्जन एजेंसी द्वारा की जायेगी. ज्वार एवं बाजरे का उपार्जन नवीन जूट वारदानों में किया जायेगा.

किसानों को वेबसाइट पर बुक कराना होगा स्लॉट

कृषि उपज मण्डियों में एफएक्यू मानक की धान, ज्वार एवं बाजरा की खरीदी समर्थन मूल्य से कम पर क्रय नहीं किया जायेगी. नॉन एफएक्यू उपज का सैम्पल कृषि उपज मण्डी द्वारा संधारित किया जायेगा. किसान पंजीयन में दर्ज फसल के रकबे एवं राजस्व विभाग द्वारा तहसीलवार निर्धारित उत्पादकता के आधार पर कृषक द्वारा खाद्यान्न की विक्रय योग्य अधिकतम मात्रा का निर्धारण किया जायेगा. फसल बेचने के लिए किसानों को विभाग की वेबसाइट पर पर स्लॉट बुक कराना होगा.

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