जबलपुर। मृतका की मां गौराबाई का आरोप है कि जब वे बेटी राधा बाई की ससुराल पहुंचे तो उसे श्मशान ले जाया जा चुका था. गले में निशान देखा तो संदेह जताया और पुलिस में रिपोर्ट कर पोस्टमार्टम की बात कही थी. लेकिन ससुराल वालों ने साफ कह दिया था कि पोस्टमार्टम हुआ तो अंतिम संस्कार नहीं करेंगे. शव को उन्हीं को ले जाना पड़ेगा.
बड़ा सवाल - कौन सच बोल रहा : वहीं, सोहन लोधी मृतका राधाबाई के पति हैं और गोपी लोधी ससुर, जिनका कहना है कि मायके वालों ने बेटी का पोस्टमार्टम कराने से इंकार कर दिया था. इन दोनों पक्षों के बयानों से यह भी सामने आया कि गर्भस्थ शिशु को दफनाने भर के लिए ही नहीं बल्कि यह पता लगाने के लिए भी पेट पर चीरा लगाया गया था कि मौत जहर से तो नहीं हुई थी. राधाबाई की मौत से एक दिन पहले 16 सितंबर को भाभी से बात हुई थी. तब उसने कुछ अनबन की बात कही थी. मां गौराबाई का कहना है कि ये कुछ लोगों के साथ पनागर जाकर समझौता कराने की तैयारी कर रही थी.
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