जबलपुर। मंडला और बालाघाट जिले में अमानक स्तर का चावल बांटे जाने का मामला गर्माता जा रहा है. लिहाजा राज्य सरकार के निर्देश पर जबलपुर संभाग के संभागीय कमिश्नर महेश चंद्र चौधरी ने इस मामले की जांच खुद शुरु की है. उन्होंने ईटीवी भारत को बताया कि वह खुद बालाघाट और मंडला का दौरा करेंगे.
महेश चंद्र चौधरी ने कहा कि संभाग के सभी जिलों में पीडीएस चावलों की सैंपलिंग शुरू कर दी गई है. कमिश्नर के निर्देश पर जिला प्रशासन ने राइस मिल, वेयरहाउस कॉरपोरेशन, नागरिक आपूर्ति निगम से सैंपल लेना भी शुरू कर दिया है. अभी तक 265 नमूने लिए गए हैं जिसमें करीब 40 नमूने चावल के अमानक पाए गए हैं. जहां-जहां से चावल के नमूने अमानक पाए गए हैं उन सभी पर कार्रवाई की जा रही है.
सभी कलेक्टरों को दिए जांच के निर्देश
कमिश्नर महेशचंद्र चौधरी ने जबलपुर संभाग के सभी आठ जिलों के कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि किसी भी कीमत में अमानक चावल राशन की दुकान तक ना पहुंचे. जांच में अभी तक यह पाया गया है कि जो अमानक धान की खरीदी गई थी वह पिछले खरीफ सीजन की थी. प्राथमिक जांच में यह भी सामने आया है कि क्वालिटी इंस्पेक्टर और मिलर की सहभागिता के चलते अमानक चावल राशन दुकान तक पहुंचा.
16 मिलों पर एफआईआर
प्रशासन ने अभी तक 16 मिलों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है. फिलहाल संभाग कमिश्नर महेशचंद्र चौधरी चार दिवसीय संभाग दौरे पर निकल चुके हैं. बताया जा रहा है कि जब जांच अंतिम पड़ाव में पहुंचेगी तो अमानक चावल मामले में कई बड़े खुलासे हो सकते हैं.