जबलपुर। केंद्र सरकार केंद्रीय कर्मचारियों के लिए सीजीएचएस की सुविधा देती है, इस सुविधा के अंतर्गत शहर के कई बड़े अस्पतालों में केंद्र सरकार का कर्मचारी निशुल्क इलाज करवा सकता है, इस इलाज के बिल का पूरा खर्च केंद्र सरकार देती है.
सीजीएचएस कर्मचारी संगठन के सदस्य ने खटखटाया कोर्ट का दरवाजा
यह खर्च सीजीएचएस की दरों पर दिया जाता है, लेकिन जब कोरोना वायरस का संक्रमण बहुत तेजी से फैल रहा था, तब अस्पतालों में जगह नहीं थी, ऐसे हालात में अस्पतालों ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों को मुफ्त इलाज देने से मना कर दिया गया और इलाज के एवज में लंबे चौड़े बिल बसूले गए, इस मुद्दे पर जबलपुर के सीजीएचएस कर्मचारी संगठन के कार्यकर्ताओं ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.
चार अस्पतालों की जमा राशि जब्त
हाईकोर्ट के आदेश पर अब केंद्र सरकार के सीजीएचएस विभाग ने जबलपुर के चार अस्पतालों मेट्रो अस्पताल, स्वास्तिक अस्पताल, सिटी अस्पताल और अनंत अस्पताल को सीजीएचएस के पैनल से एंपैनलमेंट कर दिया गया है, वहीं इनकी जमा राशि जब्त कर ली गई है, जिसे उन सीजीएचएस के सुविधा पाने वाले केंद्रीय कर्मचारियों को बांटा जाएगा, जिन्होंने मोटे-मोटे बिल देकर इलाज करवाया है.
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हालांकि जिन लोगों ने यह याचिका लगाई थी उन्हें भरोसा नहीं है कि सीजीएचएस के कर्मचारी केंद्र सरकार के इस आदेश का पालन करेंगे, कर्मचारी संगठन के नेताओं का कहना है कि यदि निजी अस्पतालों से पैसे वसूल कर महंगा इलाज पाने वाले कर्मचारियों को नहीं बांटे गए, तो वे दोबारा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे.