भोपाल। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले साल का बजट शुक्रवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में पेश किया, वित्त मंत्री के मुंह से निकलते शब्द पर सत्ता पक्ष के सांसद मेज थपथपाते और विपक्ष खामोशी से मंत्री की हर बात पर विचार कर रहा था. इस बजट में सरकार ने हायर एजुकेशन के लिए अलग से कानून बनाने का मसौदा पेश किये जाने की बात कही है, जबकि सरकार का फोकस ऑनलाइन कोर्स बढ़ाने पर है. साथ ही गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा पर भी जोर दिया है.
सरकार पहले से ही नई शिक्षा नीति बनाने की तैयारी कर रही है, जिसके लिए मसौदा भी तैयार कर लिया गया है, सरकार का उद्देश्य है कि समय के साथ शिक्षा नीति को बदलकर इसे गुणवत्ता पूर्ण बनाया जाये, लेकिन सबसे बड़ा सवाल है कि आवाम महंगाई से कैसे निपटेगी, मुद्रा स्फीति बढ़ने से महंगाई पर अंकुश लगना नामुमकिन है, ऐसे में आवाम तालीम से पहले पेट की आग बुझाने के बारे में सोचेगी.
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किसान- गाँव -ग़रीब - युवाओं के रोज़गार - शिक्षा- स्वास्थ्य - महिलाओं - आमजन के लिये इस बजट में कुछ नही।
— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) July 5, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
इस बजट से विकास की रफ़्तार धीमी होगी।
यह बजट जनता की उम्मीदों के विपरीत है।
अच्छे दिन से इसका कोई सरोकार नही।#Budget2019
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— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) July 5, 2019
इस बजट से विकास की रफ़्तार धीमी होगी।
यह बजट जनता की उम्मीदों के विपरीत है।
अच्छे दिन से इसका कोई सरोकार नही।#Budget2019
3/3किसान- गाँव -ग़रीब - युवाओं के रोज़गार - शिक्षा- स्वास्थ्य - महिलाओं - आमजन के लिये इस बजट में कुछ नही।
— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) July 5, 2019
इस बजट से विकास की रफ़्तार धीमी होगी।
यह बजट जनता की उम्मीदों के विपरीत है।
अच्छे दिन से इसका कोई सरोकार नही।#Budget2019
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जिस बही-खाते पर सरकार अपनी पीठ थपथपा रही है, विपक्ष उसे धोखा बता रहा है. हालांकि, बजट पर लोगों की अपनी अपनी राय है और सब अपने-अपने नफा-नुकसान के चश्मे से देख रहे हैं.