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CBI करेगी ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के JMW एससी खाटूआ की हत्या की जांच - mp news

जबलपुर में ऑर्डिनेंस फेक्ट्री के जेएमजब्ल्यू एससी खाटूआ की हत्या की जांच अब सीबीआई करेगी. जबलपुर एसपी ने मामले की पूरी जानकारी सीबीआई को दे दी है.

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Published : Jun 8, 2019, 5:17 AM IST

जबलपुर। जीसीएफ में पदस्थ रहे जनरल वर्क्स मैनेजर एससी खाटूआ की हत्या के मामले की जांच अब पूरी तरह सीबीआई के हाथों में सौंप दी गई है. गृह मंत्रालय से मिले आदेश के बाद जबलपुर पुलिस ने इस मामले की जानकारी सीबीआई को सौंप दी है. खाटूआ की पत्नी ने भी सीबीआई जांच की मांग की थी.

गौरतलब है कि एससी खाटूआ इस पूरे मामले में मुख्य संदेही थे जिनके पास न सिर्फ चाइनीस कल पुर्जों की खरीद से जुड़े महत्वपूर्ण जानकारियां थी बल्कि यह भी माना जा रहा था कि इस घोटाले में अन्य लोग जो शामिल हैं उन्हें खाटूआ बहुत करीब से जानते हैं. इस मामले में जबलपुर एसपी अमित सिंह का कहना है कि अब धनुष बैरिंग सहित खाटूआ की हत्या की जांच सीबीआई ही करेगी. इसके साथ ही सीबीआई को यदि जरूरत पड़ेगी तो जबलपुर पुलिस उनका सहयोग करने बिल्कुल तैयार है.

CBI करेगी एससी खाटूआ हत्याकांड की जांच


ये है पूरा मामला
हम आपको बता दें जीसीएफ में बनने वाली धनुष गन में वायरलेस रोलिंग बैरिंग का इस्तेमाल किया गया था जबकि डिफेंस सेक्टर में चाइना के माल का उपयोग किया जाना पूरी तरह से प्रतिबंधित है. सीबीआई ने जून 2017 में प्रकरण दर्ज कर मामले की जांच शुरू की थी प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई थी कि वायरलेस बैरिंग का ठेका दिल्ली की सिद्ध सेल्स सिलीकेट कंपनी को दिया गया था. कंपनी द्वारा जिन बैरिंग की सप्लाई की गई थी, उसमें मेड इन जर्मन लिखा था लेकिन उनका निर्माण चाइना में हुआ था, जिसके बाद से मामले की जांच सीबीआई कर रही थी. इस पूरे घोटाले में मृतक खाटूआ भी संदिग्ध थे और सीबीआई ने दो बार पूछताछ के लिए उनके घर में रेड भी मारी थी, जहां पर कई दस्तावेज जब्त हुए थे. सीबीआई की जांच टीम जब 17 जनवरी को दोबारा फैक्ट्री जांच करने पहुंची थी तबसे खाटूआ लापता थे. 5 फरवरी को एससी खाटूआ की लाश जीसीएफ फैक्ट्री के पास स्थित एक जंगल से बरामद हुई थी.

जबलपुर। जीसीएफ में पदस्थ रहे जनरल वर्क्स मैनेजर एससी खाटूआ की हत्या के मामले की जांच अब पूरी तरह सीबीआई के हाथों में सौंप दी गई है. गृह मंत्रालय से मिले आदेश के बाद जबलपुर पुलिस ने इस मामले की जानकारी सीबीआई को सौंप दी है. खाटूआ की पत्नी ने भी सीबीआई जांच की मांग की थी.

गौरतलब है कि एससी खाटूआ इस पूरे मामले में मुख्य संदेही थे जिनके पास न सिर्फ चाइनीस कल पुर्जों की खरीद से जुड़े महत्वपूर्ण जानकारियां थी बल्कि यह भी माना जा रहा था कि इस घोटाले में अन्य लोग जो शामिल हैं उन्हें खाटूआ बहुत करीब से जानते हैं. इस मामले में जबलपुर एसपी अमित सिंह का कहना है कि अब धनुष बैरिंग सहित खाटूआ की हत्या की जांच सीबीआई ही करेगी. इसके साथ ही सीबीआई को यदि जरूरत पड़ेगी तो जबलपुर पुलिस उनका सहयोग करने बिल्कुल तैयार है.

CBI करेगी एससी खाटूआ हत्याकांड की जांच


ये है पूरा मामला
हम आपको बता दें जीसीएफ में बनने वाली धनुष गन में वायरलेस रोलिंग बैरिंग का इस्तेमाल किया गया था जबकि डिफेंस सेक्टर में चाइना के माल का उपयोग किया जाना पूरी तरह से प्रतिबंधित है. सीबीआई ने जून 2017 में प्रकरण दर्ज कर मामले की जांच शुरू की थी प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई थी कि वायरलेस बैरिंग का ठेका दिल्ली की सिद्ध सेल्स सिलीकेट कंपनी को दिया गया था. कंपनी द्वारा जिन बैरिंग की सप्लाई की गई थी, उसमें मेड इन जर्मन लिखा था लेकिन उनका निर्माण चाइना में हुआ था, जिसके बाद से मामले की जांच सीबीआई कर रही थी. इस पूरे घोटाले में मृतक खाटूआ भी संदिग्ध थे और सीबीआई ने दो बार पूछताछ के लिए उनके घर में रेड भी मारी थी, जहां पर कई दस्तावेज जब्त हुए थे. सीबीआई की जांच टीम जब 17 जनवरी को दोबारा फैक्ट्री जांच करने पहुंची थी तबसे खाटूआ लापता थे. 5 फरवरी को एससी खाटूआ की लाश जीसीएफ फैक्ट्री के पास स्थित एक जंगल से बरामद हुई थी.

Intro:जबलपुर
जीसीएफ में पदस्थ रहे जनरल वर्क्स मैनेजर एससी खाटूआ की हत्या के मामले में अब जबलपुर पुलिस की बजाय सीबीआई मामले की जांच करेगी। गृह मंत्रालय द्वारा मिले आदेश के बाद जबलपुर पुलिस ने इस मामले की संपूर्ण जानकारी सीबीआई को सौंप दी है।गौरतलब है कि एससी खाटूआ इस पूरे मामले में मुख्य संदेही थे जिनके पास न सिर्फ चाइनीस कल पुर्जों की खरीद से जुड़े महत्वपूर्ण जानकारियां थी बल्कि यह भी माना जा रहा था कि इस घोटाले में अन्य लोग जो शामिल हैं उन्हें खाटूआ बहुत करीब से जानते हैं।jwm की पत्नी ने भी इस पूरे मामले में सीबीआई जांच की मांग की थी।


Body:जबलपुर एसपी अमित सिंह का खाटूआ हत्याकांड मामले को लेकर कहना है कि अब धनुष बैरिंग सहित खाटूआ की हत्या की जांच सीबीआई ही करेगी इसके साथ ही सीबीआई को यदि जरूरत पड़ेगी तो जबलपुर पुलिस उनका सहयोग करने बिल्कुल तैयार है। हम आपको बता दें जीसीएफ में बनने वाली धनुष गन में वायरलेस रोलिंग बैरिंग का इस्तेमाल किया गया था जबकि डिफेंस सेक्टर में चाइना के माल का उपयोग किया जाना पूरी तरह से प्रतिबंधित है।


Conclusion:दिल्ली सीबीआई ने जून 2017 में प्रकरण दर्ज कर मामले की जांच शुरू की थी प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई थी कि वायरलेस बैरिंग का ठेका दिल्ली की सिद्ध सेल्स सिलीकेट कंपनी को दिया गया था। कंपनी द्वारा जिन बेरिंग की सप्लाई की गई थी उसमें मेड इन जर्मन लिखा था परंतु उनका निर्माण चाइना में हुआ था जिसके बाद से मामले की जांच सीबीआई कर रही थी।इस पूरे घोटाले में मृतक एसस खाटूआ भी संदिग्ध थे और सीबीआई ने दो बार पूछताछ के लिए उन्हें उनके घर में रेड भी मारी थी जहां पर कई दस्तावेज जप्त हुए थे। सीबीआई की जांच टीम जब 17 जनवरी को दोबारा फैक्ट्री जांच करने पहुंची थी तब से jwm लापता थे। 5 फरवरी को एससी खाटूआ की लाश जीसीएफ फैक्ट्री के पास स्थित एक जंगल से बरामद हुई थी।
बाईट.1-अमित सिंह....एसपी,जबलपुर
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