जबलपुर। जीसीएफ में पदस्थ रहे जनरल वर्क्स मैनेजर एससी खाटूआ की हत्या के मामले की जांच अब पूरी तरह सीबीआई के हाथों में सौंप दी गई है. गृह मंत्रालय से मिले आदेश के बाद जबलपुर पुलिस ने इस मामले की जानकारी सीबीआई को सौंप दी है. खाटूआ की पत्नी ने भी सीबीआई जांच की मांग की थी.
गौरतलब है कि एससी खाटूआ इस पूरे मामले में मुख्य संदेही थे जिनके पास न सिर्फ चाइनीस कल पुर्जों की खरीद से जुड़े महत्वपूर्ण जानकारियां थी बल्कि यह भी माना जा रहा था कि इस घोटाले में अन्य लोग जो शामिल हैं उन्हें खाटूआ बहुत करीब से जानते हैं. इस मामले में जबलपुर एसपी अमित सिंह का कहना है कि अब धनुष बैरिंग सहित खाटूआ की हत्या की जांच सीबीआई ही करेगी. इसके साथ ही सीबीआई को यदि जरूरत पड़ेगी तो जबलपुर पुलिस उनका सहयोग करने बिल्कुल तैयार है.
ये है पूरा मामला
हम आपको बता दें जीसीएफ में बनने वाली धनुष गन में वायरलेस रोलिंग बैरिंग का इस्तेमाल किया गया था जबकि डिफेंस सेक्टर में चाइना के माल का उपयोग किया जाना पूरी तरह से प्रतिबंधित है. सीबीआई ने जून 2017 में प्रकरण दर्ज कर मामले की जांच शुरू की थी प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई थी कि वायरलेस बैरिंग का ठेका दिल्ली की सिद्ध सेल्स सिलीकेट कंपनी को दिया गया था. कंपनी द्वारा जिन बैरिंग की सप्लाई की गई थी, उसमें मेड इन जर्मन लिखा था लेकिन उनका निर्माण चाइना में हुआ था, जिसके बाद से मामले की जांच सीबीआई कर रही थी. इस पूरे घोटाले में मृतक खाटूआ भी संदिग्ध थे और सीबीआई ने दो बार पूछताछ के लिए उनके घर में रेड भी मारी थी, जहां पर कई दस्तावेज जब्त हुए थे. सीबीआई की जांच टीम जब 17 जनवरी को दोबारा फैक्ट्री जांच करने पहुंची थी तबसे खाटूआ लापता थे. 5 फरवरी को एससी खाटूआ की लाश जीसीएफ फैक्ट्री के पास स्थित एक जंगल से बरामद हुई थी.