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ठेकेदारों की मनमानी ग्रामीणों के लिए बनी परेशानी का सबब, एयरपोर्ट का विकास या गांवों का विनाश

जबलपुर के डुमना एयरपोर्ट पर एयर कनेक्टिविटी को बढ़ाने के लिए एयरपोर्ट के विस्तारीकरण का काम किया जा रहा है, लेकिन एयरपोर्ट के विस्तारीकरण के काम से आस-पास के कई गांव के लोग परेशान हैं. एयरपोर्ट के काम के लिए यहां लगातार ब्लास्टिंग की जा रही है. आसपास के गांवों में स्थित कच्चे मकान ब्लास्टिंग से थर्रा जाते हैं. कई मर्तबा तो बड़े-बड़े पत्थर भी गांव में आकर गिरते हैं. जिससे ग्रामीण हर वक्त खौफ के साए में जीने को मजबूर हैं.

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जबलपुर न्यूज
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Published : Jul 21, 2020, 5:27 PM IST

जबलपुर। एयरपोर्ट का विकास या ग्रामीणों का विनाश, जी हां कुछ इस तरह का सवाल आज हर उस शख्स के दिमाग में चल रहा है. जिसका घर जबलपुर के डुमना एयरपोर्ट के पास है. क्योंकि एयरपोर्ट विस्तारीकरण के काम से सबसे ज्यादा परेशानी आस-पास के ग्रामीणों को हो रही है. दरअसल, एयर कनेक्टिविटी को बढ़ाने के लिए जबलपुर के डुमना एयरपोर्ट को करीब ढाई सौ करोड़ रुपए की लागत से संवारा जा रहा है. जिसके लिए 170 एकड़ जमीन पर एयरपोर्ट के विस्तारीकरण का काम भी शुरु हो गया. लेकिन विस्तारीकरण के इस काम से करीब आधा दर्जन से ज्यादा गांव के लोग परेशानियों का सामना कर रहे हैं.

लगतार हो रही जमीन की खुदाई
लगतार हो रही जमीन की खुदाई

स्थानीय लोगों का कहना है कि, एयरपोर्ट का काम रहे ठेकेदार दिन रात बड़ी-बड़ी मशीनों से ब्लास्टिंग कर रहे हैं, यह विस्फोट इतना तेज होता है कि, आसपास लगे गांव के कच्चे मकान थर्रा जाते हैं. कई मर्तबा तो बड़े-बड़े पत्थर भी गांव में आकर गिरते हैं. जिससे ग्रामीण हर वक्त खौफ के साए में जीने को मजबूर हैं.

स्थानीय ग्रामीण परेशान
स्थानीय ग्रामीण परेशान

स्थानीय पार्षद ने लगाए संगीन आरोप

स्थानीय बीजेपी पार्षद विनोद चौधरी के मुताबिक एयरपोर्ट विस्तारीकरण के नाम पर ग्रामीणों को परेशान किया जा रहा है, ठेकेदार की मनमानी चरम सीमा पर पहुंच गई है. बताया जा रहा है कि, ठेकेदार बड़े नेता का रिश्तेदार है, जिस कारण इसकी मनमानी चल रही है. पार्षद का ये भी कहना है कि, जब एयरपोर्ट विस्तारीकरण की बात चल रही थी, तब एयरपोर्ट प्रबंधन, जिला प्रशासन, राजनेता सभी ने आश्वासन दिया था कि, ग्रामीणों को कभी भी कोई परेशानी नहीं आएगी. इतना ही नहीं ग्रामीणों के विकास के लिए एयरपोर्ट पूरी तरह से मदद भी करेगा. लेकिन आज ये आलम है कि, ग्रामीण रोजाना हो रही ब्लास्टिंग से इतनी दहशत में हैं कि, दिन हो या रात अपने घरों में ही डर के साए में जी रहे हैं.

एयरपोर्ट का विकास या गांवों का विनाश

ब्लास्टिंग की जगह से कुछ दूरी पर है एम्युनेशन डिपो

एयरपोर्ट के विस्तार के लिए जिस जगह पर बड़े-बड़े ब्लास्ट किए जा रहे हैं, वहां से कुछ ही दूरी पर केंद्रीय सुरक्षा संस्थान ऑर्डिनेंस फैक्ट्री खमरिया का एम्युनेशन डिपो स्थापित है. इस डिपो में सेना के लिए बड़े-बड़े बमों को तैयार करने के गोला बारूद रखा जाता है. कहा जा सकता है कि, कभी अगर गलती से भी ब्लास्टिंग की धमक ईडीके तक चली गई, तो ना सिर्फ जबलपुर बल्कि वहां से लगे आसपास के कई गांव पूरी तरह से तबाह हो जाएंगे.

कमिश्नर ने दिया कार्रवाई का भरोसा

मामले में जब जबलपुर संभाग कमिश्नर महेश चंद्र चौधरी बात की गई, तो उन्होंने कहा कि, एयरपोर्ट के काम के लिए जिस तरह से ब्लास्टिंग की जा रही है. वो खतरनाक है, इस ब्लास्टिंग से ना सिर्फ ग्रामीणों को खतरा होगा, बल्कि जंगल में रहने वाले जानवर भी प्रभावित होंगे. कमिश्नर ने कहा कि, अब ये देखा जाएगा कि, एयरपोर्ट विस्तारीकरण के लिए अगर ठेकेदार ने ब्लास्टिंग की अनुमति ली है तो उसे विधिवत करवाया जाए. अगर ब्लास्टिंग की अनुमति के बगैर ही इस तरह के ब्लास्ट किए जा रहे हैं, तो निश्चित रूप से ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

जबलपुर। एयरपोर्ट का विकास या ग्रामीणों का विनाश, जी हां कुछ इस तरह का सवाल आज हर उस शख्स के दिमाग में चल रहा है. जिसका घर जबलपुर के डुमना एयरपोर्ट के पास है. क्योंकि एयरपोर्ट विस्तारीकरण के काम से सबसे ज्यादा परेशानी आस-पास के ग्रामीणों को हो रही है. दरअसल, एयर कनेक्टिविटी को बढ़ाने के लिए जबलपुर के डुमना एयरपोर्ट को करीब ढाई सौ करोड़ रुपए की लागत से संवारा जा रहा है. जिसके लिए 170 एकड़ जमीन पर एयरपोर्ट के विस्तारीकरण का काम भी शुरु हो गया. लेकिन विस्तारीकरण के इस काम से करीब आधा दर्जन से ज्यादा गांव के लोग परेशानियों का सामना कर रहे हैं.

लगतार हो रही जमीन की खुदाई
लगतार हो रही जमीन की खुदाई

स्थानीय लोगों का कहना है कि, एयरपोर्ट का काम रहे ठेकेदार दिन रात बड़ी-बड़ी मशीनों से ब्लास्टिंग कर रहे हैं, यह विस्फोट इतना तेज होता है कि, आसपास लगे गांव के कच्चे मकान थर्रा जाते हैं. कई मर्तबा तो बड़े-बड़े पत्थर भी गांव में आकर गिरते हैं. जिससे ग्रामीण हर वक्त खौफ के साए में जीने को मजबूर हैं.

स्थानीय ग्रामीण परेशान
स्थानीय ग्रामीण परेशान

स्थानीय पार्षद ने लगाए संगीन आरोप

स्थानीय बीजेपी पार्षद विनोद चौधरी के मुताबिक एयरपोर्ट विस्तारीकरण के नाम पर ग्रामीणों को परेशान किया जा रहा है, ठेकेदार की मनमानी चरम सीमा पर पहुंच गई है. बताया जा रहा है कि, ठेकेदार बड़े नेता का रिश्तेदार है, जिस कारण इसकी मनमानी चल रही है. पार्षद का ये भी कहना है कि, जब एयरपोर्ट विस्तारीकरण की बात चल रही थी, तब एयरपोर्ट प्रबंधन, जिला प्रशासन, राजनेता सभी ने आश्वासन दिया था कि, ग्रामीणों को कभी भी कोई परेशानी नहीं आएगी. इतना ही नहीं ग्रामीणों के विकास के लिए एयरपोर्ट पूरी तरह से मदद भी करेगा. लेकिन आज ये आलम है कि, ग्रामीण रोजाना हो रही ब्लास्टिंग से इतनी दहशत में हैं कि, दिन हो या रात अपने घरों में ही डर के साए में जी रहे हैं.

एयरपोर्ट का विकास या गांवों का विनाश

ब्लास्टिंग की जगह से कुछ दूरी पर है एम्युनेशन डिपो

एयरपोर्ट के विस्तार के लिए जिस जगह पर बड़े-बड़े ब्लास्ट किए जा रहे हैं, वहां से कुछ ही दूरी पर केंद्रीय सुरक्षा संस्थान ऑर्डिनेंस फैक्ट्री खमरिया का एम्युनेशन डिपो स्थापित है. इस डिपो में सेना के लिए बड़े-बड़े बमों को तैयार करने के गोला बारूद रखा जाता है. कहा जा सकता है कि, कभी अगर गलती से भी ब्लास्टिंग की धमक ईडीके तक चली गई, तो ना सिर्फ जबलपुर बल्कि वहां से लगे आसपास के कई गांव पूरी तरह से तबाह हो जाएंगे.

कमिश्नर ने दिया कार्रवाई का भरोसा

मामले में जब जबलपुर संभाग कमिश्नर महेश चंद्र चौधरी बात की गई, तो उन्होंने कहा कि, एयरपोर्ट के काम के लिए जिस तरह से ब्लास्टिंग की जा रही है. वो खतरनाक है, इस ब्लास्टिंग से ना सिर्फ ग्रामीणों को खतरा होगा, बल्कि जंगल में रहने वाले जानवर भी प्रभावित होंगे. कमिश्नर ने कहा कि, अब ये देखा जाएगा कि, एयरपोर्ट विस्तारीकरण के लिए अगर ठेकेदार ने ब्लास्टिंग की अनुमति ली है तो उसे विधिवत करवाया जाए. अगर ब्लास्टिंग की अनुमति के बगैर ही इस तरह के ब्लास्ट किए जा रहे हैं, तो निश्चित रूप से ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

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