जबलपुर। न्यायालयों में लंबित आपराधिक मामलों में अभियोजन पक्ष की पैरवी के लिए पब्लिक प्रॉसिक्यूटर की नियुक्ति से संबंधित याचिका पर हाईकोर्ट (Jabalpur High court) में सुनवई हुई. राज्य सरकार की तरफ से हाईकोर्ट में 6 बिंदुओं पर अपना जवाब पेश किया गया. युगलपीठ ने केन्द्र सरकार के संबंधित विभागों को जवाब देने के लिए अगली सुनवाई 26 अक्टूबर को निर्धारित की है.
डायरेक्टर प्रॉसिक्यूशन में गड़बड़ी ?
अधारताल निवासी ज्ञानप्रकाश की तरफ से दायर याचिका में आरोप लगाया गया है कि (Jabalpur High court) राज्य सरकार ने नियमों की अनदेखी करके डायरेक्टर प्रॉसिक्यूशन के पद पर नियुक्ति नहीं की जा रही है, जो अवैधानिक है. याचिका में बताया गया है कि रिट पिटीशनों की सुनवाई के लिए फास्ट ट्रैक और नॉर्मल ट्रैक बनाए गए हैं. इसी तरह क्रिमिनल मामलों में फांसी की सजा, रेप और दहेज हत्या जैसे मामलों के लिए एक्सप्रेस ट्रैक बनाए गए हैं. जिन मामलों में आरोपी को जमानत नहीं मिली उसके लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट हैं. ऐसे संवेदनशील मामले जिनमें कई लोग प्रभावित हो रहे हों उनके लिए रैपिड ट्रैक, विशेष कानून के तहत आने वाले मुकदमों के लिए ब्रिस्क ट्रैक और शेष सभी सामान्य अपराधों के लिए नॉर्मल ट्रैक बनाए गए हैं.
26 अक्टूबर को अगली सुनवाई
याचिकाकर्ता का कहना था कि वर्ष 2006 में बने कानून में तय किए गए ट्रैक्स का पालन नहीं हो रहा. हाईकोर्ट ने मामले को संज्ञान में लेते हुए मामले की सुनवाई करने के निर्देश दिये थे.
केन्द्र सरकार की तरफ से पेश जवाब में कहा गया था कि सीबीआई, रेलवे सहित अन्य विभागों को यह नियुक्तियां करनी है. पहले सुनवाई के दौरान प्रदेश सरकार को कई मौके दिये जाने के बावजूद जवाब पेश नहीं किये जाने को गंभीरता से लेते हुए हाईकोर्ट (Jabalpur High court) ने 25 हजार रूपये(Penalty of 25 thousand Rupees) का जुर्माना लगाया था. युगलपीठ ने केन्द्र सरकार के संबंधित विभाग को जवाब पेश करने के निर्देश दिये थे.
थर्ड जेंडर को मिले सरकारी योजनाओं का लाभ
इंदौर निवासी थर्ड जेंडर नूरी (Third Gender) की तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि सरकारी फार्म में विकल्प नहीं होने के कारण थर्ड जेंडर को कोई कार्ड जारी नहीं किया जाता है. कोरोना संक्रमण काल में राशन कार्ड नहीं होने के कारण थर्ड जेंडर को पीडीएस योजना के तहत राशन भी नहीं मिला. इसके अलावा उन्हें अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ भी नहीं मिला. हाईकोर्ट ने इस बारे में पहले दायर याचिका का निराकरण करते हुए संबंधित अधिकारियों के समक्ष अभ्यावेदन पेश करने के निर्देश दिये थे. इसके बावजूद कार्यवाही नहीं किये जाने के कारण ये याचिका (Jabalpur High court दायर की गयी.
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याचिका पर पहले हुई सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से बताया गया था कि थर्ड जेंडर को नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट के तहत राशन प्रदान किया जाएगा. याचिकाकर्ता की तरफ से आपत्ति व्यक्त करते हुए युगलपीठ को बताया गया कि थर्ड जेंडर (ID Card For Third Gender) को कोई आईडी कार्ड प्रदान नहीं किया जाता है. इसके अलावा उनके नाम से शासन कार्ड भी नहीं बनाया जाता है.
5 अक्टूबर को होगी अगली सुनवाई
हाईकोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए अपने आदेश में कहा कि मध्य प्रदेश विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव अपने मार्गदर्शन में पैरालीगल वॉलेन्टियर की मदद से पूरे प्रदेश में थर्ड जेंडर को चिह्नित करें और उन्हें पहचान-पत्र , राशन कार्ड बनवाएं. युगलपीठ ने प्रदेश के सभी कलेक्टरों को निर्देशित किया कि थर्ड जेंडर को खाद्य सामग्री उपलब्ध करवाई जाये. इसके अलावा उन्हें केन्द्र और राज्य सरकार की योजनओं का लाभ भी दिया जाए.
याचिका पर हुई सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से परिपालन रिपोर्ट पेश करने के लिए समय प्रदान करने का आग्रह किया गया. जिसे स्वीकार करते हुए युगलपीठ ने याचिका पर अगली सुनवाई 5 अक्टूबर को निर्धारित की है.
सिंधिया के दौरे के खिलाफ याचिका
केंद्र सरकार में शामिल होने के बाद पहली बार ग्वालियर चंबल संभाग के दौरे पर आ रहे नागरिक विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के दौरे के विरोध में हाईकोर्ट की मुख्य पीठ में एक जनहित याचिका दायर की गई है. याचिका में कहा गया है कि कोरोना गाइडलाइन का इस दौरे के दौरान जमकर उल्लंघन किया जाएगा. ऐसे में जब कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर का असर कई राज्यों में देखा जा रहा है, तो राजनीतिक आयोजन करके संक्रमण को बढ़ावा देने का काम किया जा रहा है.ग्वालियर के थाटीपुर इलाके में रहने वाले डोंगर सिंह नामक ठेकेदार ने यह याचिका हाईकोर्ट में दायर की है. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने उम्मीद जताई है कि अर्जेंट हियरिंग की एप्लीकेशन के बाद यह मामला मुख्य पीठ में मंगलवार को सुनवाई में आ सकता है.