जबलपुर। मध्यप्रदेश में पशुओं में वेक्टर बॉर्न डिसीज (vector borne diseases) का खतरा मंडराने लगा है. अस्पतालों में बीमार पशुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है. पशु चिकित्सा विभाग ने भी अलर्ट जारी किया है. खास तौर पर कुत्तों (pet dogs) में ये बीमारी ज्यादा हो रही है.
वेक्टर बॉर्न डिसीज से ग्रसित हो रहे पालतू जानवर
जबलपुर के नानाजी देशमुख पशु विज्ञान अस्पताल में बीमार पालतू जानवरों (pet dogs) की संख्या अचानक बढ़ने लगी है. (vector borne diseases) ओपीडी में बीमार पशुओं के आने की संख्या में करीब 40 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. पहले ओपीडी में रोजाना 50 से 60 पशु इलाज के लिए आते थे. अब इनकी संख्या बढ़कर 80 से 100 हो गई है.बीमार पशुओ में कुत्तों की संख्या तेजी से बढ़ी है.
भले ही कुत्तों में होने वाली वेक्टर बॉर्न डिजीज बीमारी (vector borne diseases) का रिकवरी रेट अच्छा है .लेकिन जिस हिसाब से रोजाना बीमार श्वान सामने आ रहे हैं, उसे लेकर पशु चिकित्सकों ने बेहद सावधानी बरतने के अपील की है. जयेश बताते हैं कि उनके डॉगी (pet dogs) को अचानक बुखार आ गया और फिर उलटी (vomit) होने लगी. जिसके बाद उसे इलाज के लिए वैटनरी पशु चिकित्सालय (veterinary hospital) लाया गया है. इसी तरह संचिता जैन का भी लेब्रा डॉग बीमार हो गया था. इसका छोटा सा ऑपरेशन करवाना पड़ा.
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10 फीसदी जानवरों में vector borne diseases
जानकारी के मुताबिक वैटनरी अस्पताल की ओपीडी में रोजाना करीब 80 से 100 के बीच पालतू जानवर आ रहे हैं. इनमें 10 फीसदी वेक्टर बॉर्न डिसीज बीमारी से पीड़ित होते हैं. इन डिसीज में अरचलिया-बेबेशिया-एनप्लजमा से पीड़ित Dogs ज्यादा होते हैं. डॉक्टर्स का कहना है कि अगर बीमार डॉग को समय पर अस्पताल ले आते हैं तो इसकी रिकवरी भी फुल हो जाती है.