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युवाओं के लिए मिसाल हैं 81 वर्षीय शांति बाई! रोजाना चलाती हैं 20-22 किमी साइकिल, किसी पर नहीं हैं आश्रित

81 वर्षीय शांति बाई (81 year old shanti bai cycling for work) आजकल के नौजवानों के लिए मिसाल हैं. वह रोजाना 20 से 22 किलोमीटर साइकिल चलाती हैं और 9 घंटे काम करती हैं.

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Published : Jan 8, 2022, 2:14 PM IST

Updated : Jan 8, 2022, 3:47 PM IST

cycle Queen Shantibai
शांतिबाई के जज्बे को सलाम

जबलपुर। एक कहावत है कि अगर ​हौसले बुलंद (Salute to the spirit of Shantibai) हो और दिल में कुछ करने का जज्बा हो तो बढ़ती उम्र भी रास्ते का रोड़ा नहीं बन सकती. इस कहावत को सच कर दिखाया है जबलपुर की 81 वर्षीय शांति बाई ने. इस उम्र में वह रोजाना 20 से 22 किलोमीटर साइकिल चलाती हैं, शांति बाई अकेली रहती है. उनके परिवार में कोई नहीं है. आइए बताते हैं शांति बाई की कहानी.

440 वोल्ट की भेल! खाने से पहले देना पड़ता है मेडिकल कंसर्न

उम्र कभी नहीं बनी बाधा

खुद को सेहतमंद रखने के लिए लोग एक्सरसाइज और योग का सहारा लेते हैं, कई लोग ऐसे हैं जो साइकिल चलाकर अपने आप को स्वस्थ रख रहे हैं. जबलपुर के गढ़ा के पास रहने वाली शांति बाई भी साइकिल चलाकर खुद को इस उम्र में भी स्वस्थ रखती हैं. उनकी दो बेटियां हैं, जिनकी शादी हो चुकी है. शांति बाई बताती हैं कि वह पढ़ी लिखी नही हैं, पर उसके हौसले उन पढ़े लिखों से भी बुलंद हैं, जोकि एक उम्र के बाद थक हारकर बैठ जाते हैं. जो काम 81 साल की शांति रोजाना कर रही हैं, उसे आजकल के युवा भी नहीं कर सकते हैं.

Age never came before passion
जज्बे के आगे कभी उम्र नहीं आई आड़े

रोजाना 9 घंटे करती हैं काम

शांति बाई बताती है कि वह रोजाना सुबह 8 बजे अपने घर से काम के लिए निकल जाती हैं और फिर शाम को 5 बजे वापस आती हैं, वह कई घरों में काम भी करती हैं. उनका कहना है कि रोजाना वह 20 से 22 किलोमीटर साइकिल चलाती हैं. कई मर्तबा ऐसा भी होता है कि जब साइकिल चलाते-चलाते वह थक जाती हैं, फिर उनसे साइकिल नहीं संभलती है. इस दौरान वह सड़क किनारे बैठ कर आराम करती हैं, फिर अपनी मंजिल की ओर निकल पड़ती हैं.

81 साल की उम्र में भी नहीं लगा चश्मा

आज की बदलती जीवनशैली के कारण कम उम्र के बच्चों को भी चश्मा लगने लगा है, लेकिन 81 साल की होने के बावजूद शांति बाई की आंखों पर चश्मा नहीं है और इस उम्र में भी वह साफ देख सकती हैं. वह न सिर्फ बाहर बल्कि घर का भी अपना पूरा काम (81 year old shanti bai cycling for work) स्वयं करती हैं, कह सकते हैं कि वह इस उम्र में भी वह किसी के लिए बोझ नहीं हैं.

Shantibai lives alone in the house
घर में अकेली रहती हैं शांतिबाई

सेहत के लिए जरूरी है साइकिलिंग

भले ही 81 साल की शांति बाई मजबूरी में रोजाना 20-22 किलोमीटर रोजाना साइकिल चला रही हैं, उनका इस उम्र में भी साइकिल चलाना यह बताता है कि जीवन के लिए साइकिलिंग करना कितना फायदेमंद होता है, साइकिलिंग करने से न सिर्फ व्यक्ति स्वस्थ रहता है, बल्कि सेहत भी बनी रहती है. साइकिलिंग से ताकत, समन्वय और संतुलन में सुधार होता है. रोजाना साइकिल चलाने से मानसिक स्वास्थ्य रोग जैसे अवसाद, तनाव और चिंता को कम किया जा सकता. साथ ही बढ़ते वजन को भी कंट्रोल किया जा सकता है.

Jabalpur latest News
रोजाना 20 से 22 किलोमीटर साइकिल से सफर करती हैं शांतिबाई

जबलपुर। एक कहावत है कि अगर ​हौसले बुलंद (Salute to the spirit of Shantibai) हो और दिल में कुछ करने का जज्बा हो तो बढ़ती उम्र भी रास्ते का रोड़ा नहीं बन सकती. इस कहावत को सच कर दिखाया है जबलपुर की 81 वर्षीय शांति बाई ने. इस उम्र में वह रोजाना 20 से 22 किलोमीटर साइकिल चलाती हैं, शांति बाई अकेली रहती है. उनके परिवार में कोई नहीं है. आइए बताते हैं शांति बाई की कहानी.

440 वोल्ट की भेल! खाने से पहले देना पड़ता है मेडिकल कंसर्न

उम्र कभी नहीं बनी बाधा

खुद को सेहतमंद रखने के लिए लोग एक्सरसाइज और योग का सहारा लेते हैं, कई लोग ऐसे हैं जो साइकिल चलाकर अपने आप को स्वस्थ रख रहे हैं. जबलपुर के गढ़ा के पास रहने वाली शांति बाई भी साइकिल चलाकर खुद को इस उम्र में भी स्वस्थ रखती हैं. उनकी दो बेटियां हैं, जिनकी शादी हो चुकी है. शांति बाई बताती हैं कि वह पढ़ी लिखी नही हैं, पर उसके हौसले उन पढ़े लिखों से भी बुलंद हैं, जोकि एक उम्र के बाद थक हारकर बैठ जाते हैं. जो काम 81 साल की शांति रोजाना कर रही हैं, उसे आजकल के युवा भी नहीं कर सकते हैं.

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रोजाना 9 घंटे करती हैं काम

शांति बाई बताती है कि वह रोजाना सुबह 8 बजे अपने घर से काम के लिए निकल जाती हैं और फिर शाम को 5 बजे वापस आती हैं, वह कई घरों में काम भी करती हैं. उनका कहना है कि रोजाना वह 20 से 22 किलोमीटर साइकिल चलाती हैं. कई मर्तबा ऐसा भी होता है कि जब साइकिल चलाते-चलाते वह थक जाती हैं, फिर उनसे साइकिल नहीं संभलती है. इस दौरान वह सड़क किनारे बैठ कर आराम करती हैं, फिर अपनी मंजिल की ओर निकल पड़ती हैं.

81 साल की उम्र में भी नहीं लगा चश्मा

आज की बदलती जीवनशैली के कारण कम उम्र के बच्चों को भी चश्मा लगने लगा है, लेकिन 81 साल की होने के बावजूद शांति बाई की आंखों पर चश्मा नहीं है और इस उम्र में भी वह साफ देख सकती हैं. वह न सिर्फ बाहर बल्कि घर का भी अपना पूरा काम (81 year old shanti bai cycling for work) स्वयं करती हैं, कह सकते हैं कि वह इस उम्र में भी वह किसी के लिए बोझ नहीं हैं.

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घर में अकेली रहती हैं शांतिबाई

सेहत के लिए जरूरी है साइकिलिंग

भले ही 81 साल की शांति बाई मजबूरी में रोजाना 20-22 किलोमीटर रोजाना साइकिल चला रही हैं, उनका इस उम्र में भी साइकिल चलाना यह बताता है कि जीवन के लिए साइकिलिंग करना कितना फायदेमंद होता है, साइकिलिंग करने से न सिर्फ व्यक्ति स्वस्थ रहता है, बल्कि सेहत भी बनी रहती है. साइकिलिंग से ताकत, समन्वय और संतुलन में सुधार होता है. रोजाना साइकिल चलाने से मानसिक स्वास्थ्य रोग जैसे अवसाद, तनाव और चिंता को कम किया जा सकता. साथ ही बढ़ते वजन को भी कंट्रोल किया जा सकता है.

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रोजाना 20 से 22 किलोमीटर साइकिल से सफर करती हैं शांतिबाई
Last Updated : Jan 8, 2022, 3:47 PM IST
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