जबलपुर। पूर्व मुख्यमंत्री व पीसी चीफ कमलनाथ शिवराज सरकार पर हमलावर हो गये हैं. सरकार से ओबीसी को उनका हक दिलाने की मांग कर रहे हैं. इधर, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद नगरीय निकाय चुनाव में पिछड़ा वर्ग को 27 फीसदी आरक्षण का लाभ मिलने की गुंजाइश नहीं बचने के बाद कांग्रेस ने चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है. ओबीसी वर्ग के प्रत्याशियों को 27 फीसदी आरक्षण देने को लेकर मंथन शुरू है. कोर्ट का फैसला आने के बाद राज्यसभा सांसद विवेक तंखा ने अपना अभिमत पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के समक्ष रखा है. (Kamal Nath targeted on Shivraj Government mp) (Rajya Sabha MP Vivek Tankha)
आरक्षण में टिकट की तैयारी: कांग्रेस का दावा है कि, कमलनाथ की सरकार के समय सरकार ने ओबीसी वर्ग को निकाय चुनाव में 27 फीसदी आरक्षण का लाभ दिलाने का फैसला किया था. सरकार गिरने के बाद शिवराज सरकार के विधि विशेषज्ञों ने कोर्ट के समक्ष इस मामले को सही तरीके से नहीं रखा. इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने पंचायत एवं नगरी निकाय चुनाव में 27 फीसदी आरक्षण का लाभ देने का फैसला नहीं दिया. ऐसी स्थिति में जब दोनों ही पार्टियां एक दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रही हैं, तो कांग्रेस ने आगे बढ़कर पार्टी के प्रत्याशी चयन प्रक्रिया में आरक्षण के अनुरूप टिकट देने का मन बना लिया है.
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तंखा के अभिमत से सहमत: माना जा रहा है कि विवेक तंखा और कमलनाथ के बीच इस मामले में पहले भी चर्चा हो चुकी है. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भी विधि विशेषज्ञ विवेक तंखा के अभिमत से सहमत हैं. कांग्रेस इस मामले में शिवराज सरकार को पटखनी देने के लिए नगरीय निकाय एवं पंचायत चुनाव के प्रत्याशियों के चयन में 27 फीसदी आरक्षण का ध्यान रखने की कोशिश में जुटी हुई है. (OBC reservation mp )