इंदौर। देश में लोगों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए एक तरफ उनका वैक्सीनेशन किया जा रहा है तो दूसरी तरफ इंदौर में पाकिस्तानी शरणार्थियों का वैक्सीनेशन विवाद की वजह बन गया है. स्थानीय सांसद शंकर लालवानी ने इँदौर में रह रहे लगभग 8000 से ज्यादा सिंधी परिवारों और पाकिस्तानी शरणार्थियों का भी वैक्सीनेशन करने को कहा था. राज्य सरकार ने भी इसे परमीशन दे दी है लेकिन, कांग्रेस इसे लेकर आरोप लगा रही है. कांग्रेस ने पाकिस्तानी शरणार्थियों के बजाए पहले इंदौर के लोगों का वैक्सीनेशन कराने की मांग की है.
शरणार्थियों की वैक्सीनेशन पर कांग्रेस को आपत्ति
इंदौर के अलग अलग इलाकों में पाकिस्तान से आए करीब 25000 सिंधी शरणार्थियों ने इंदौर सांसद शंकर लालवानी और जिला प्रशासन से उन्हें भी वैक्सीन लगाेए जाने की मांग की थी जिसके बाद जिला प्रशासन ने भारत की नागरिकता लेने का प्रयास करने वाले तमाम शरणार्थियों को वैक्सीन लगाए जाने के निर्देश दिए हैं. वैक्सीनेशन सेंटर पर जाने वाले पाकिस्तानी शरणार्थियों को भी आम नागरिकों की तरह ही वैक्सीन लगाई जा रही है, लेकिन कांग्रेस को इस पर आपत्ति है. कांग्रेस नेता अमीनुल खान सूरी ने आरोप लगाया है कि शंकर लालवानी को इंदौर की जनता ने चुनाव जिताया है इसलिए उनकी जिम्मेदारी पहले इंदौर की जनता को वैक्सीन लगवाने की बनती है, लेकिन सांसद महोदय अपना वोट बैंक मजबूत कर रहे हैं. कांग्रेस प्रवक्ता ने यह भी कहा कि पाकिस्तानियों को वैक्सीन लगवाने की जिम्मेदारी उनके देश की है.
जैकबावााद में शुरू हुआ वैक्सीनेशन
पाकिस्तान से आकर इंदौर में आकर बसे पाकिस्तानी शरणार्थियों ने जैकबाबाद बाद इलाके में अपनी बस्तियां और सिंधी पंचायतें बसाई थी. अब इलाकों में सांसद के प्रयासों से शरणार्थियों का वैक्सीनेशन किया जा रहा है. भारत की नागरिकता लेने के लिए सहमति दे चुके इन शरणार्थियों का कहना है कि वह बीते कई सालों से भारत में रह रहे हैं ऐसे में उन्हें वैक्सीनेशन से वंचित नहीं किया जा सकता. दस्तावेज के तौर पर उनके पास पासपोर्ट के अलावा और दूसरे कागजात हैं. इसके बाद इन लोगों का वैक्सीनेशन शुरू कर दिया गया है.
पासपोर्ट दिखाकर और ऑफलाइन वैक्सीन की भी है सुविधा
इंदौर में रहने वाले पाकिस्तानी सिंधी शरणार्थियों को वैक्सीन ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर कार्ड और पासपोर्ट के आधार पर लग रही है. इसके अलावा जो लोग ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन नहीं करवा पा रहे हैं उनके लिए शाम 4:00 बजे के बाद ऑफलाइन वैक्सीनेशन की सुविधा भी दी गई है. वैक्सीनेशन सेंटर पर काम करने वाले लोग कहते हैं कि उन्हें यहां हिंदुस्तानी -पाकिस्तानी जैसा कुछ भी नहीं लगता, जो भी सेंटर पर आता है उसे वैक्सीन देना हमारी ड्यूटी है फिर चाहे वो किसी भी देश का नागरिक हो.
इंदौर में 8000 से ज्यादा लोगों को लगा पहला डोज
इंदौर के पाकिस्तानी शरणार्थी बहुल इलाके सिंधी कॉलोनी, पल्सीकर कॉलोनी, माणिकबाग भवर कुआं, सिंधी कॉलोनी जैसे इलाकों में रहते हैं. जिन्हें वैक्सीनेशन के लिए आवश्यक दस्तावेज न होने पर परेशानी आ रही थी. शरणार्थियों के पास आधार और पैन कार्ड नहीं थे. लेकिन अब पासपोर्ट वीजा समेत एक व्यक्ति के डाक्यूमेंट्स पर ज्यादा लोगों को भी टीके लगाए जा रहे हैं. इन इलाकों के करीब 8000 से ज्यादा लोगों को वैक्सीनेशन का लाभ मिल चुका है. सभी शरणार्थियों को टीके लगवाने की जिम्मेदारी संबंधित पंचायतों के प्रतिनिधियों को सौंपी गई है. जिनकी सहमति और वैक्सीनेशन करवाने आने वाले व्यक्ति के डाक्यूमेंट्स चेक करने करने के बाद उनका सामान्य लोगों की तरह ही वैक्सीनेशन किया जा रहा है.