इंदौर। अगर आप जन्मदिन, सगाई या परिवार के मांगलिक कार्यक्रमों में गीत संगीत का कार्यक्रम चाहते हैं, तो इंदौर में यह समस्या अब देश के पहले स्ट्रीट सिंगर ने खत्म कर दी है. रोमी नामक यह स्ट्रीट सिंगर बस एक फोन कॉल पर स्कूटर पर सजे हुए पूरे म्यूजिक सिस्टम के साथ आपके घर पहुंचकर गीत संगीत और भजन संध्या का समा बांध देगा. रोमी पिछले पांच साल से इंदौर समेत देश के 4 राज्यों में अपने स्कूटर पर भजन के कई कार्यक्रमों की प्रस्तुति दे चुके हैं. उनकी पॉप्युलैरिटी इतनी हो गई है कि उन्हें शहर के विभिन्न स्थानों पर कार्यक्रमों के लिए गाना गाने बुलाया जा रहा है.
इंदौर से शिरडी तक भजन यात्रा की: रोमी ने स्कूटर पर गाना गाने की शुरुआत 2018 से की थी. हालांकि इसके पहले वे 2008 से भजन लिखते और गाते थे. जब धीरे-धीरे उन्हें जानने वाले एवं इंदौर में कई साईं भक्त उन्हें कार्यक्रमों की प्रस्तुति देने बुलाने लगे तो उन्होंने सड़कों पर गाने गाना शुरू कर दिया. इसके बाद वे फिल्मी गानों, सुंदरकांड, शिव पुराण, साईं जागरण, जैन भजन, खाटू भजन, सिंधी भजन और पंजाबी भजन तक की ऑनडिमांड प्रस्तुति देने लगे. रोमी को लोग इसलिए भी जानते हैं क्योंकि वह अकेले ऐसे साईं भक्त हैं, जो इंदौर से शिरडी तक की यात्रा भजन गाते हुए कर चुके हैं. साथ ही एक्टिवा से इंदौर से महेश्वर, त्र्यंबकेश्वर, शिरडी मालेगांव तक भजन यात्रा पूरी कर चुके हैं.
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हर महीने मिलते हैं तीन म्यूजिकल प्रोग्राम: रोमी एक जमाने में स्टेशनरी विक्रेता रह चुके हैं. खजूरी बाजार में अतिक्रमण में आने के कारण उनकी दुकान सिमट गई, जब कोई काम नहीं दिखा तो उन्होंने साईं बाबा की भक्ति में गाने गाना शुरू कर दिया. इस दौरान कई मौके ऐसे आए जब वे साईं बाबा के कार्यक्रमों में अपने स्कूटर पर अकेले गाना गाते देखे गए. नतीजतन लोगों ने भी उन्हें बुलाना शुरू कर दिया. अब धीरे-धीरे उनकी लोकप्रियता में इजाफा हो रहा है. हर महीने उन्हें इंदौर में ही दो से तीन म्यूजिकल प्रोग्राम मिल रहे हैं.
साईं बाबा के भक्त हैं रोमी: रोमी साईं बाबा के भक्त हैं. वे बाबा की तरह ही अपने नाम के साथ सरनेम नहीं लगाते. जब उनसे इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि कई सालों से अपना सरनेम लगाना छोड़ दिया है, क्योंकि साईं बाबा भी सरनेम नहीं लगाते थे. वह अपने नाम के साथ रोमी (कलम साईं की) लिखते हैं. उन्होंने कहा जो भी बाबा को प्रेरणा देनी होती है वह उनके लेखन से देते हैं, इसलिए उन्होंने अपने नाम के साथ कलम साईं की लिखना शुरू किया था.
(street singing in indore)