इंदौर। देवी अहिल्या के नगर इंदौर में इन दिनों कान्ह और सरस्वती नदी को अपने पुराने स्वरूप में लाने का काम जोरों पर है. इसके लिए नदियों को संवराने के लिए एक अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें एक विशेष प्रोजेक्ट के तहत दोनों नदियों के किनारों को सजाया और संवारने का काम तेजी से चल रहा है.
बता दें कि एक समय कान्ह और सरस्वती नदी इंदौर की जीवनदायनी और प्यास बुझाने वाली नदियां कही जाती है. कालंतर में ये नदियां इतनी विख्यात थी कि इंदौर को भी इन्हीं नदियों से जाना जाता था. कहा तो ये भी जाता है कि सिंहस्थ के दौरान पूर्व में साधू-संत इन नदियों में स्नान करने के बाद उज्जैन जाते थे. लेकिन समय और आधुनिकता ने नदियों को नाले में तब्दील कर दिया.
हालांकि अब दोनों ही नदियों को स्वच्छ करने के लिए प्रशासन विशेष प्रोजेक्ट चला रहा है, ताकि दोनों नदियां फिर से पहले की तरह जीवंत हो जाए. अभियान में नदियों के किनारों को सजाने और संवारने के लिए सीमेंट और कांक्रीट का उपयोग भी ना के बराबर किया जा रहा है. नदी के आसपास की दीवार चुने और पत्थर को जमा करके तैयार की जा रही है.
अधिकारियों के मुताबिक नदी के किनारों पर गार्डन भी तैयार किए जा रहे हैं, जिससे नदी खुबसूरत दिखाई देने लगेगी. फिलहाल प्रोजेक्ट को छोटे-छोटे हिस्सों में बांटा गया है ताकि जल्द काम पूरा हो सके.