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MP World Tribal Day Politics: विधानसभा चुनाव के पहले टंट्या भील की शरण में कांग्रेस, पढ़िए राजनीतिक मायने - इंदौर न्यूज़

मध्य प्रदेश में अभी विधानसभा चुनाव में सालभर से अधिक का समय है, लेकिन सियासी दल अपने वोट बैंक को साधने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. यही वजह है कि विश्व आदिवासी दिवस 2022 पर कांग्रेस टंट्या मामा की जन्मस्थली पातालपानी पहुंची, तो इससे पहले भाजपा ने टंट्या भील के बलिदान दिवस के जरिए आदिवासी वोट बैंक पर फोकस किया था. (MP World Tribal Day Politics)

MP World Tribal Day Politics Kamal Nath at Tantya Bhil Tomb in Indore Congress Mission 2023
विधानसभा चुनाव के पहले टंट्या भील की शरण में कांग्रेस
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Published : Aug 9, 2022, 4:07 PM IST

इंदौर। मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2023 में होने वाले हैं, लेकिन इससे पहले प्रदेश के आदिवासी मतदाता राजनीतिक दलों के चुनावी रणनीति का केंद्र बन गये हैं. यही वजह है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जहां आदिवासी वर्ग की सुध ली है, वहीं कांग्रेस की और से पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भी आदिवासी वोट बैंक के जरिए ही 2023 में सत्ता में वापसी के लिए मोर्चा संभाल चुके हैं. कमलनाथ ने इसका आगाज मंगलावर को विश्व आदिवासी दिवस पर टंट्या मामा की जन्मस्थली पातालपानी से कर दिया है.

आदिवासी वोटों से कांग्रेस ने 2018 में वापसी की थी: आजादी के बाद से ही लगातार आदिवासी वोट बैंक कांग्रेस का परंपरागत वोट बैंक माना जाता रहा है इसी वोट बैंक के जरिए राज्य में कांग्रेस ने 2018 में सत्ता में वापसी की थी. इसके अलावा आदिवासी वोट बैंक इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि मध्य प्रदेश में 84 विधानसभा क्षेत्र ऐसे हैं जो आदिवासी बहुल हैं. 2018 के चुनाव में भाजपा इनमें से मात्र 34 सीट ही जीत पाई थी. इसमें भी महत्वपूर्ण यह है कि जिन सीटों पर आदिवासी हार और जीत तय करते हैं उनमें सिर्फ भाजपा 16 सीटें ही जीत पाई थी.

विधानसभा चुनाव के पहले टंट्या भील की शरण में कांग्रेस

आदिवासी वोटों के लिए भाजपा भी लगा रही है जोर: अब जबकि, 2023 में फिर से विधानसभा चुनाव हैं, तो भाजपा 2018 की तरह बहुमत से दूर नहीं रहना चाहती. यही वजह है कि भाजपा ने पूरे जनजाति समुदाय को अपने पाले में लाने के लिए टंट्या भील के जरिए आदिवासी वोट बैंक पर फोकस किया है. हाल ही में राजधानी भोपाल में आदिवासियों के सम्मेलन में गृह मंत्री अमित शाह ने भी इसी लाइन पर विधानसभा चुनाव में आगे बढ़ने के संकेत दिए थे जिसके तहत शिवराज सरकार ने आदिवासी क्रांतिकारी टंट्या भील के बलिदान दिवस पर पातालपानी महू में बड़ा आयोजन करने के बाद से ही सक्रिय है.

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टंट्या भील के दर कमलनाथ: विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर कांग्रेस और खासकर कमलनाथ ने एक बार फिर पार्टी के परंपरागत वोट बैंक के बीच पहुंचकर आगामी चुनाव के मद्देनजर समर्थन मांगा. कमलनाथ ने पातालपानी में मौजूद सैकड़ों आदिवासियों के बीच कहा कि- " कांग्रेस नहीं कमलनाथ नहीं, पर इस बार आदिवासियों को सच्चाई का समर्थन करना है ". उन्होंने कहा आज आदिवासी वर्ग के नौजवान रोजगार और कामकाज को लेकर मोहताज हैं. शिवराज सरकार में आदिवासियों पर ही सर्वाधिक अत्याचार हो रहे हैं. ऐसे में आदिवासियों को आगामी चुनाव में सच्चाई का साथ देना होगा." कमलनाथ ने दावा किया कि आगामी चुनाव में कोई भी कांग्रेस की सरकार बनने से नहीं रोक सकता.

MP World Tribal Day Politics Kamal Nath at Tantya Bhil Tomb in Indore Congress Mission 2023
विश्व आदिवासी दिवस पर टंट्या मामा की जन्मस्थली पातालपानी में कमलनाथ

टंट्या मामा बलिदान दिवस: आदिवासियों के साथ झूमे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान

टंट्या भील के मंदिर में कांग्रेस: पातालपानी के वन क्षेत्र में स्थित क्रांतिकारी टंट्या भील के मंदिर में पूजा अर्चना के साथ पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने टंट्या मामा की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया इस दौरान उनके साथ वरिष्ठ कांग्रेस नेता कांतिलाल भूरिया, विजयलक्ष्मी साधो, बाला बच्चन, विक्रांत भूरिया, जीतू पटवारी, अंतर सिंह दरबार, सदाशिव यादव, विनय बाकलीवाल समेत पार्टी के स्थानीय आदिवासी नेता एवं बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद थे.(Kamal Nath at Tantya Bhil Tomb)(MP World Tribal Day Politics)(Congress Mission 2023)

इंदौर। मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2023 में होने वाले हैं, लेकिन इससे पहले प्रदेश के आदिवासी मतदाता राजनीतिक दलों के चुनावी रणनीति का केंद्र बन गये हैं. यही वजह है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जहां आदिवासी वर्ग की सुध ली है, वहीं कांग्रेस की और से पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भी आदिवासी वोट बैंक के जरिए ही 2023 में सत्ता में वापसी के लिए मोर्चा संभाल चुके हैं. कमलनाथ ने इसका आगाज मंगलावर को विश्व आदिवासी दिवस पर टंट्या मामा की जन्मस्थली पातालपानी से कर दिया है.

आदिवासी वोटों से कांग्रेस ने 2018 में वापसी की थी: आजादी के बाद से ही लगातार आदिवासी वोट बैंक कांग्रेस का परंपरागत वोट बैंक माना जाता रहा है इसी वोट बैंक के जरिए राज्य में कांग्रेस ने 2018 में सत्ता में वापसी की थी. इसके अलावा आदिवासी वोट बैंक इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि मध्य प्रदेश में 84 विधानसभा क्षेत्र ऐसे हैं जो आदिवासी बहुल हैं. 2018 के चुनाव में भाजपा इनमें से मात्र 34 सीट ही जीत पाई थी. इसमें भी महत्वपूर्ण यह है कि जिन सीटों पर आदिवासी हार और जीत तय करते हैं उनमें सिर्फ भाजपा 16 सीटें ही जीत पाई थी.

विधानसभा चुनाव के पहले टंट्या भील की शरण में कांग्रेस

आदिवासी वोटों के लिए भाजपा भी लगा रही है जोर: अब जबकि, 2023 में फिर से विधानसभा चुनाव हैं, तो भाजपा 2018 की तरह बहुमत से दूर नहीं रहना चाहती. यही वजह है कि भाजपा ने पूरे जनजाति समुदाय को अपने पाले में लाने के लिए टंट्या भील के जरिए आदिवासी वोट बैंक पर फोकस किया है. हाल ही में राजधानी भोपाल में आदिवासियों के सम्मेलन में गृह मंत्री अमित शाह ने भी इसी लाइन पर विधानसभा चुनाव में आगे बढ़ने के संकेत दिए थे जिसके तहत शिवराज सरकार ने आदिवासी क्रांतिकारी टंट्या भील के बलिदान दिवस पर पातालपानी महू में बड़ा आयोजन करने के बाद से ही सक्रिय है.

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टंट्या भील के दर कमलनाथ: विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर कांग्रेस और खासकर कमलनाथ ने एक बार फिर पार्टी के परंपरागत वोट बैंक के बीच पहुंचकर आगामी चुनाव के मद्देनजर समर्थन मांगा. कमलनाथ ने पातालपानी में मौजूद सैकड़ों आदिवासियों के बीच कहा कि- " कांग्रेस नहीं कमलनाथ नहीं, पर इस बार आदिवासियों को सच्चाई का समर्थन करना है ". उन्होंने कहा आज आदिवासी वर्ग के नौजवान रोजगार और कामकाज को लेकर मोहताज हैं. शिवराज सरकार में आदिवासियों पर ही सर्वाधिक अत्याचार हो रहे हैं. ऐसे में आदिवासियों को आगामी चुनाव में सच्चाई का साथ देना होगा." कमलनाथ ने दावा किया कि आगामी चुनाव में कोई भी कांग्रेस की सरकार बनने से नहीं रोक सकता.

MP World Tribal Day Politics Kamal Nath at Tantya Bhil Tomb in Indore Congress Mission 2023
विश्व आदिवासी दिवस पर टंट्या मामा की जन्मस्थली पातालपानी में कमलनाथ

टंट्या मामा बलिदान दिवस: आदिवासियों के साथ झूमे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान

टंट्या भील के मंदिर में कांग्रेस: पातालपानी के वन क्षेत्र में स्थित क्रांतिकारी टंट्या भील के मंदिर में पूजा अर्चना के साथ पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने टंट्या मामा की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया इस दौरान उनके साथ वरिष्ठ कांग्रेस नेता कांतिलाल भूरिया, विजयलक्ष्मी साधो, बाला बच्चन, विक्रांत भूरिया, जीतू पटवारी, अंतर सिंह दरबार, सदाशिव यादव, विनय बाकलीवाल समेत पार्टी के स्थानीय आदिवासी नेता एवं बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद थे.(Kamal Nath at Tantya Bhil Tomb)(MP World Tribal Day Politics)(Congress Mission 2023)

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