इंदौर। शिवराज सरकार प्रदेश में हुए पोषण आहार घोटाला को लेकर कटघरे में है. मामला कागजों पर ही 4 मैटिक टन अनाज गरीब बच्चों को बांट दिए जाने से जुड़ा है. यह घोटाला कोरोनाकाल में लगे लॉक डाउन के दौरान होना सामने आया है. घोटाले को लेकर कांग्रेस ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. इस मामले में कांग्रेस सीएम शिवराज पर सवाल उठाते हुए आने वाले विधानसभा सत्र में उनके इस्तीफे की मांग करेगी.
महालेखाकार जांच में सामने आया घोटाला: यह पोषण आहार घोटाला हाल ही में प्रदेश में सामने आया है. महालेखाकार मध्य प्रदेश की रिपोर्ट में दर्शाया गया था कि बीते साल लॉकडाउन के दौरान महिला बाल विकास विभाग ने 4.05 मेट्रिक टन टेक होम राशन का वितरण किया है. इस अनाज को टेक होम योजना के अंतर्गत सूची में शामिल बच्चों और महिलाओं को बांट दिया गया है, लेकिन उसी दौरान आई स्कूल शिक्षा विभाग की रिपोर्ट दर्शाती है कि पंजीकृत बच्चों में से करीब 9000 बालिकाएं स्कूल छोड़ चुकी थीं, जबकि महिला बाल विकास विभाग ने कागजों पर ही 36000 से ज्यादा स्कूल छोड़ चुके बच्चों को भी पोषण आहार उपलब्ध कराना दिखाया गया है.
ट्रांसपोर्टेशन में इस्तेमाल ट्रकों के नंबर बाइक्स के निकले: रिपोर्ट में 4 मेट्रिक टन से ज्यादा टेक होम राशन योजना का अनाज जिन ट्रकों से परिवहन होना दर्शाया वे नंबर मोटरसाइकिल, कार, ऑटो रिक्शा के पाए गए हैं. इसके अलावा रिपोर्ट में प्रदेश के कुपोषण बहुल इलाके बाड़ी, धार मंडला , रीवा, सागर, और शिवपुरी के छह प्लांटों के जरिए राशन की सप्लाई होना बताया गया है, जबकि उन प्लांट के स्टाक में भी इतना राशन नहीं था. अब इस पूरे मामले में करोड़ों का घोटाला उजागर होते ही कांग्रेस ने मंगलवार को प्रदेश भर में इस मुद्दे पर शिवराज सरकार को घेरा
कांग्रेस का आरोप बच्चों का खाना खा गए मामा: कांग्रेस नेता जीतू पटवारी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए शिवराज सरकार को पूरी तरह भ्रष्टाचार में डूबी सरकार बताया है. उन्होंने विधानसभा सत्र में इस मामले को उठाने की बात कहते हुए सीएम शिवराज सिंह चौहान से इस्तीफा मांगा है. जीतू पटवारी ने आरोप लगाते हुए कहा इस योजना में और 49.58 लाख बच्चे और महिलाओं को पोषण आहार दिया जाना था. इसमें 64000 वे बच्चे भी थे जिन्होंने किसी कारण से स्कूल छोड़ दिया था, लेकिन महिला एवं बाल विकास विभाग ने इन्हें भी राशन दिया जाना बता दिया. इसके अलावा 237 करोड़ का ऐसा राशन सप्लाई किया गया जो पोषक नहीं था. सीएम शिवराज पर निशाना साधते हुए कहा कि मामा बच्चों का खाना खा गए.दूसरी तरफ मामले के सुर्खियों में आने के बाद राज्य सरकार ने महालेखाकार मध्य प्रदेश की रिपोर्ट पर ही सवाल खड़े किए की हैं.