इंदौर। प्रदेशभर में नगरीय निकाय चुनावों में टिकट घोषणा के बाद अब वोट मांगने घर-घर जा रहे पार्षद और सरपंचों के फूल मालाओं से स्वागत के कारण प्रदेश की फूल मंडी में फूलों का संकट गहरा रहा है. स्थिति यह है कि गुलाब, गेंदा समेत जितने भी प्रकार के फूल फल एवं फूल मंडी में आते थे वह सभी दुोगनी कीमत पर बिक रहे हैं. फूलों के अलावा इन से तैयार होने वाली मालाएं भी अब दुगने रेट में बिक रही हैं. जो माला ₹50 की आती थी वह ₹100 में दी जा रही है, यही स्थिति ₹20, ₹10 वाली फूल मालाओं को लेकर भी देखी जा रही है. हालांकि मालियों का कहना है कि यह स्थिति बाजार में 3 जुलाई तक रहेगी. क्योंकि उसके बाद प्रचार थम जाएगा और 6 जुलाई को मतदान होंगे इसके बाद फूलों के दाम भी इंदौर में पहले जैसे हो जाएंगे.
दोगुनी कीमत में बिक रहे फूल: प्रदेश में ऐसी स्थिति लंबे अरसे के बाद बनी है, जब पंचायतों के साथ नगर निगम के चुनाव हो रहे हैं. कोरोना के कारण चुनाव नहीं हो पाने की वजह से भी इस बार प्रत्याशियों से लेकर पार्टियों के कार्यकर्ता अपने सरपंच अथवा पार्षद बनने जा रहे नेता के स्वागत सत्कार में भी कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते. लिहाजा स्वागत सत्कार के लिए फूल मालाओं की मांग अचानक बढ़ गई है. इंदौर की फूल मंडी में प्रतिदिन महाराष्ट्र के नासिक समेत देवास, उज्जैन और शाजापुर आदि इलाकों से गेंदा, गुलाब, सेवंती अथवा अन्य जो फूल आ रहे हैं, उससे चुनावी मांग की पूर्ति नहीं हो पा रही है, यही वजह है कि इन दिनों फूलों के दाम मंडियों में भी दुगने हो चुके हैं.
बढ़ी कीमतों पर भी फूल खरीदने को तैयार व्यापारी: मानसून की शुरुआत के इन दिनों में जो गुलाब ₹120 किलो मिलता था, उसकी कीमत अब ₹200 से लेकर ₹220 तक हो गई है. यही स्थिति सेवंती समेत गेंदा आदि फूल के भावों को लेकर भी देखी जा रही है. इसके बावजूद इंदौर की फूल मंडी, जिसमें खरीदी बिक्री सुबह से लेकर दोपहर तक होती थी, वहां अब सुबह की ग्राहकी में ही सारा माल खत्म हो रहा है. क्योंकि शहर भर के फूल मालियों के पास से आने वाली डिमांड के कारण फूलों के थोक व्यापारी से लेकर फुटकर खरीदार बढ़ी हुई कीमतों में भी फूल खरीदने को तैयार हैं.
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गर्मी के कारण घटी आवक: इन दिनों में प्रदेश के विभिन्न इलाकों में बारिश शुरू हुई है लेकिन मालवा निमाड़ मैं अभी भी बारिश की स्थिति नहीं बनी है मानसून पूर्व एक दो बार इसके अलावा यहां फिलहाल बारिश शुरू नहीं हो सकी है यही वजह है कि खंडवा धार खरगोन सेंधवा बड़वानी झाबुआ आदि अंचल में भी इंदौर की तरह ही फूलों की मांग चुनाव के कारण लगातार बढ़ी हुई है