इंदौर। केरल के बाद मध्यप्रदेश में भी मंकीपाक्स के संक्रमण की आशंका के चलते स्वास्थ विभाग ने इस वायरल जूनोटिक बीमारी के प्रति एडवाइजरी जारी कर दी है. इधर इंदौर में बंदरों समेत घरों में पाए जाने वाले पालतू पशुओं के संक्रमण से लोगों को बचने की सलाह दी जा रही है. दरअसल स्वास्थ विभाग का मानना है कि, केरल की तरह ही उष्णकटिबंधीय वर्षा वन क्षेत्रों वाले देशों से आने वाले यात्रियों के जरिए यह संक्रमण कोरोना संक्रमण की तरह मध्यप्रदेश में भी प्रवेश कर सकता है. लिहाजा इसके लिए सतर्कता जरूरी है.
पशुओं से ऐसे मनुष्य में फैलती है ये बीमारी: सीएमएचओ भूरे सिंह सेतिया के मुताबिक मंकी पॉक्स एक वायरल जूनोटिक बीमारी है. जो मुख्य रूप से मध्य और पश्चिम अफ्रीका के उष्णकटिबंधीय वर्षा वन क्षेत्रों में पाई जाती है. यह एक self-limited (स्व-सीमित) संक्रमण है, इसके लक्षण सामान्यतः 2 से 4 सप्ताह में खत्म हो जाते हैं. गंभीर मामलों में इसकी मृत्यु दर 1 से 10% तक है. यह वायरस पशुओं से मनुष्य में और एक से दूसरे व्यक्ति में भी फैल सकता है. यह वायरस कटी-फटी त्वचा, Respiratory tract, या mucous membrane (आंख, नाक या मुंह) के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है. संक्रमित पशु, वन्यपशु से मानव में वायरस का सर्कुलेशन काटने, खरोंचने, शरीर के तरल पदार्थ एवं घाव से सीधे और अप्रत्यक्ष संपर्क (जैसे दूषित बिस्तर contaminated bedding) के माध्यम से हो सकता है.
बालाघाट: महाराष्ट्र से आने वाले यात्रियों की जांच के नाम पर हो रही खानापूर्ति
यात्रियों की जांच जरूरी: स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक यह संक्रमण अफ्रीकन देशों से केरल तक पहुंचा है. इसलिए विमानों से आने वाले यात्रियों की जांच होना चाहिए. इस संक्रमण के मद्देनजर हाल ही में भारत सरकार और राज्य सरकार ने संयुक्त एडवाइजरी जारी की है. इसे देशभर में सतर्कता के लिहाज से जारी किया गया है. हालांकि यह बीमारी ज्यादा गंभीर लक्षण नहीं दिखा रही है. फिर भी संक्रमण पाए जाने पर मरीज को आइसोलेट करके उसका इलाज कराना आवश्यक बताया गया है.