इंदौर। कांग्रेस के महासचिव दिग्विजय सिंह के एयर स्ट्राइक वाले बयान पर बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि दिग्विजय सिंह की उम्र उनके दिमाग पर चढ़ गई है, इसलिए वह इस तरह के बयान दे रहे हैं. यही नहीं उन्होंने दिग्विजय सिंह को मानसिक तौर पर विक्षिप्त भी बताया है.
दरअसल, यह बयान उन्होंने भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान में की गई एयर स्ट्राइक के सबूत मांगने पर दिया है. इंदौर में एक कार्यक्रम को संबोधित करने के बाद विजयवर्गीय ने यह बयान दिया. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति जाकिर नायक के मंच पर जाकर उन्हें शांतिदूत बता सकता है, वह कुछ भी कह सकता है. उन्होंने कहा कि दिग्विजय सिंह मानसिक तौर पर विक्षिप्त हो चुके हैं, इसलिए उन्हें चुल्लू भर पानी में डूब मर जाना चाहिए.
जवानों के शौर्य का सबूत मांगना सबसे बड़ी बेशर्मीः विजयवर्गीय
विजयवर्गीय यहीं नहीं रुके उन्होंने कहा कि दिग्विजय सिंह को अपने बेटे को सेना में भेजना चाहिए, जिससे कि उन्हें सैनिकों के माता-पिता की स्थिति का पता चले. हमारे पायलट अभिनंदन ने शौर्य का काम किया है और जो जवान दुश्मन की छाती पर वार करके आता है, उससे सबूत मांगे जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि इससे बड़ी बेशर्मी की कोई बात नहीं हो सकती.
वहीं कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि देश में चल रहे कुंभ में मैं नहाने नहीं गया था, लेकिन यहां सेनानायकों के बीच आकर मैंने ज्यादा पुण्य कमाया है. उन्होंने कहा कि सेना अपना काम करती रहती है और हमेशा तैयार रहती है. देश आजाद कराने में जितने नौजवानों ने बलिदान दिया उससे ज्यादा विभाजन होने के बाद आजादी बचाने के लिए नौजवानों ने अपना बलिदान दिया है.
धारा 370 एक गलत कदम था
इसके साथ ही उन्होंने धारा 370 पर निशाना साधते हुए कहा कि देश की आजादी के बाद तत्कालीन राजनीतिक नेतृत्व की छोटी सी भूल ने एक नासूर जैसी समस्या दे दी. उन्होंने कहा कि पहले 370 लगाकर गलत कदम उठाया और जो इसे ठीक कर रहा है उसकी टांग खींची जा रही है. उन्होंने कहा कि जब हमारा जवान अभिनंदन पाकिस्तान में था तो लोग प्रधानमंत्री से उन्हें छुड़ाने की बात कर रहे थे.
पाकिस्तान वाली की मानसिकता देश में भी मौजूद
वहीं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात करना चाह रहे थे, लेकिन मोदी जी ने बात नहीं की, जिससे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के पतलून के कांटे ढीले हो गए. उन्होंने कहा कि दुख की बात यह है कि जब अभिनंदन हमारे देश आए तो लोग उसका श्रेय पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को देने लगे, पाकिस्तान वाली मानसिकता इस देश में चल रही है. अदालतें आतंकियों को फांसी की सजा देती हैं और कुछ लोग उन्हें छुड़ाने के लिए रात को सुप्रीम कोर्ट खुलवा देते हैं. उन्होंने कहा कि बाहर के दुश्मनों से तो सेना निपट लेगी, लेकिन अंदर के दुश्मनों से कौन निपटेगा इसका फैसला हमें करना है.