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Toys Clusters Land Scam: कांग्रेस का आरोप- कौड़ियों के भाव आवंटित की गई टॉय क्लस्टर की बेशकीमती जमीन

राज्य सरकार ने टॉयज क्लस्टर की पौने 9 एकड़ जमीन 20 फर्नीचर व्यवसायियों को आवंटित कर दी. इससे निराश उद्यमी अब हाई कोर्ट में याचिका दायर (Petition filed in High Court) करने की तैयारी कर रहे हैं. तो वहीं कांग्रेस (Congress) नेता राकेश सिंह यादव ने एमएसएमई मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा (MSME Minister Omprakash Saklecha) पर भू माफिया (Indore land mafia) से जुड़े लोगों को फायदा पहुंचाने के आरोप लगाए हैं.

Toys Clusters Land Scam
इंदौर जमीन घोटाला
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Published : Jun 11, 2022, 8:34 PM IST

इंदौर। टॉय क्लस्टर (Toys Clusters Land) की बेशकीमती जमीन चोरी कौड़ियों के भाव पर छुपे फर्नीचर व्यवसायियों को आवंटित करने का मामला सामने आया है. राज्य सरकार ने इस मामले में सारे नियमों को शिथिल करते हुए आचार संहिता के दौरान जमीन आवंटन का प्रस्ताव कैबिनेट में पारित कर दिया. मामला सामने आने के बाद जमीन का प्राथमिक शुल्क जमा करा चुके खिलौना उद्यमी अब हाईकोर्ट ( High Court) में अपील करने जा रहे हैं. इधर कांग्रेस सचिव राकेश सिंह यादव ने एमएसएमई मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा (MSME Minister Omprakash Saklecha) पर करोड़ों के लेनदेन का आरोप लगाया है.

कांग्रेस का आरोप

भूमि आवंटन का प्रस्ताव: इंदौर के राऊ रंगवासा में उद्योग विभाग की 9 एकड़ जमीन टॉयज क्लस्टर (Indore Toys Clusters Land) के लिए 2009 में अधिग्रहण की गई थी. इसके बाद 80 लाख की लागत से इस जमीन का विकास किया गया. इंदौर के जिन खिलौना उद्यमियों ने इस जमीन पर उद्योग लगाने के लिए उद्योग विभाग (industry department) में निर्धारित शुल्क जमा किया था वे लगातार यहां उद्योग शुरू करने के लिए जमीन की मांग कर रहे थे. इन उद्यमियों की मदद करने के लिए पूर्व केंद्रीय लघु एवं सूक्ष्म उद्योग मंत्री कलराज मिश्र (Former Union Minister for Small and Micro Industries Kalraj Mishra) ने भी जमीन देने के निर्देश राज्य सरकार को दिए थे. कलराज मिश्र के अलावा एमपी के पूर्व उद्योग मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया (Industries Minister Yashodhara Raje Scindia) ने भी इन्हीं उद्यमियों को वरीयता के अनुसार जमीन आवंटित करने संबंधी पत्र (Letter) लिखा. उद्योग विभाग ने इन उद्योगपतियों को भूमि आवंटन का प्रस्ताव (land allotment proposal) 2009 में शासन को भेजा था. इसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) की कैबिनेट में 15 दिसंबर 2009 को भूमि की सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान करते हुए इस भूमि का नामांतरण विभाग के पक्ष में किया गया.

Toys Clusters Land Scam
इंदौर जमीन घोटाला

यह भी पढ़ें- सरकारी जमीन को काटकर बेचने के मामले में सरपंच सचिव सहित 4 लोगों पर मुकदमा दर्ज

यदि जमीन आवंटन का कोई प्रस्ताव कई सालों से लंबित है, तो हजारों लोगों को रोजगार देने के लिए कोई ना कोई फैसला कैबिनेट को लेना पड़ेगा. सभी मामलों को कोर्ट में अटका कर नहीं रखा जा सकता. कैबिनेट का आदेश नियमानुसार हुआ है. आचार संहिता के 3 महीने पहले विभाग और मुख्यमंत्री के संज्ञान में यह मामला आया था. इस पर आदेश अब हुआ है. टॉय क्लस्टर में विभिन्न प्रकार की व्यावसायिक गतिविधियां होती हैं, इसलिए व्यापारिक गतिविधियों के लिहाज से इस तरह की रियायत दी गई है. -ओमप्रकाश सकलेचा,एमएसएमई मंत्री

यह भी पढ़ें- 'मिनी मुंबई' में बनेगा दवा, फर्नीचर और खिलौना क्लस्टर

कांग्रेस का आरोप: 2013 में भूखंड आवेदन पत्रों की प्रतीक्षा सूची उद्योग आयुक्त को भेजी गई थी. इसके बाद भी खिलौना उद्यमियों को भूमि आवंटित नहीं हो पाई. इसके बाद तत्कालीन उद्योग मंत्री संजय पाठक ने जमीन को ऑनलाइन टेंडर (online tender of land) प्रक्रिया से आवंटित करने के निर्देश दिए, लेकिन यह प्रक्रिया भी लंबित रह गई. हाल ही में टॉय क्लस्टर को तैयार करने के लिए जमीन आवंटन का मौका आया. मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा ने पूर्व से जमीन आवंटन की मांग कर रहे खिलौना उद्यमियों (toy entrepreneur) को दरकिनार कर 20 अज्ञात 20 लोगों को जमीन आवंटित करने का प्रस्ताव 7 जून को कैबिनेट की बैठक (Cm Shivraj Cabinet Meeting) में रख दिया.

यह भी पढ़ें- बच्चों के लिए सुरक्षित खिलौने बनाने पर सरकार का जोर

कांग्रेस ने उठाए सवाल: कैबिनेट ने सारे नियमों को शिथिल करते हुए आचार संहिता (Code Of Conduct) के दौरान टॉयज क्लस्टर की 8:45 एकड़ जमीन मात्र 20 फर्नीचर उद्यमियों को देने का आदेश जारी कर दिया. मामले की जानकारी जब खिलौना उद्यमियों को लगी तो उन्होंने राज्य शासन पर उद्यमियों का हक मारने और एमएसएमई मंत्री पर अन्यायपूर्ण फैसला कराने का आरोप लगाया. इधर म.प्र कांग्रेस सचिव (MP Congress Secretary) का कहना है कि, मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा ने 60 करोड़ की जमीन मात्र 24 करोड़ में आवंटित कर दी है. इससे राज्य शासन को करोड़ों की हानि हुई है. जिन लोगों को जमीन दी गई है वह खिलौना उद्यमियों के स्थान पर फर्नीचर बनाने वाले हैं. फिर भी राज्य शासन ने भू-माफिया (Land Mafia) से जुड़े लोगों पर करोड़ों रुपए की मेहरबानी की है. इस मामले की शिकायत प्रधानमंत्री मोदी ( PM Modi) के अलावा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan), सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के चीफ जस्टिस और आर्थिक अपराध ब्यूरो (economic crime bureau) समेत अन्य एजेंसियों से की गई है. ताकि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई हो सके.

इंदौर। टॉय क्लस्टर (Toys Clusters Land) की बेशकीमती जमीन चोरी कौड़ियों के भाव पर छुपे फर्नीचर व्यवसायियों को आवंटित करने का मामला सामने आया है. राज्य सरकार ने इस मामले में सारे नियमों को शिथिल करते हुए आचार संहिता के दौरान जमीन आवंटन का प्रस्ताव कैबिनेट में पारित कर दिया. मामला सामने आने के बाद जमीन का प्राथमिक शुल्क जमा करा चुके खिलौना उद्यमी अब हाईकोर्ट ( High Court) में अपील करने जा रहे हैं. इधर कांग्रेस सचिव राकेश सिंह यादव ने एमएसएमई मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा (MSME Minister Omprakash Saklecha) पर करोड़ों के लेनदेन का आरोप लगाया है.

कांग्रेस का आरोप

भूमि आवंटन का प्रस्ताव: इंदौर के राऊ रंगवासा में उद्योग विभाग की 9 एकड़ जमीन टॉयज क्लस्टर (Indore Toys Clusters Land) के लिए 2009 में अधिग्रहण की गई थी. इसके बाद 80 लाख की लागत से इस जमीन का विकास किया गया. इंदौर के जिन खिलौना उद्यमियों ने इस जमीन पर उद्योग लगाने के लिए उद्योग विभाग (industry department) में निर्धारित शुल्क जमा किया था वे लगातार यहां उद्योग शुरू करने के लिए जमीन की मांग कर रहे थे. इन उद्यमियों की मदद करने के लिए पूर्व केंद्रीय लघु एवं सूक्ष्म उद्योग मंत्री कलराज मिश्र (Former Union Minister for Small and Micro Industries Kalraj Mishra) ने भी जमीन देने के निर्देश राज्य सरकार को दिए थे. कलराज मिश्र के अलावा एमपी के पूर्व उद्योग मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया (Industries Minister Yashodhara Raje Scindia) ने भी इन्हीं उद्यमियों को वरीयता के अनुसार जमीन आवंटित करने संबंधी पत्र (Letter) लिखा. उद्योग विभाग ने इन उद्योगपतियों को भूमि आवंटन का प्रस्ताव (land allotment proposal) 2009 में शासन को भेजा था. इसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) की कैबिनेट में 15 दिसंबर 2009 को भूमि की सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान करते हुए इस भूमि का नामांतरण विभाग के पक्ष में किया गया.

Toys Clusters Land Scam
इंदौर जमीन घोटाला

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यदि जमीन आवंटन का कोई प्रस्ताव कई सालों से लंबित है, तो हजारों लोगों को रोजगार देने के लिए कोई ना कोई फैसला कैबिनेट को लेना पड़ेगा. सभी मामलों को कोर्ट में अटका कर नहीं रखा जा सकता. कैबिनेट का आदेश नियमानुसार हुआ है. आचार संहिता के 3 महीने पहले विभाग और मुख्यमंत्री के संज्ञान में यह मामला आया था. इस पर आदेश अब हुआ है. टॉय क्लस्टर में विभिन्न प्रकार की व्यावसायिक गतिविधियां होती हैं, इसलिए व्यापारिक गतिविधियों के लिहाज से इस तरह की रियायत दी गई है. -ओमप्रकाश सकलेचा,एमएसएमई मंत्री

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कांग्रेस का आरोप: 2013 में भूखंड आवेदन पत्रों की प्रतीक्षा सूची उद्योग आयुक्त को भेजी गई थी. इसके बाद भी खिलौना उद्यमियों को भूमि आवंटित नहीं हो पाई. इसके बाद तत्कालीन उद्योग मंत्री संजय पाठक ने जमीन को ऑनलाइन टेंडर (online tender of land) प्रक्रिया से आवंटित करने के निर्देश दिए, लेकिन यह प्रक्रिया भी लंबित रह गई. हाल ही में टॉय क्लस्टर को तैयार करने के लिए जमीन आवंटन का मौका आया. मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा ने पूर्व से जमीन आवंटन की मांग कर रहे खिलौना उद्यमियों (toy entrepreneur) को दरकिनार कर 20 अज्ञात 20 लोगों को जमीन आवंटित करने का प्रस्ताव 7 जून को कैबिनेट की बैठक (Cm Shivraj Cabinet Meeting) में रख दिया.

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कांग्रेस ने उठाए सवाल: कैबिनेट ने सारे नियमों को शिथिल करते हुए आचार संहिता (Code Of Conduct) के दौरान टॉयज क्लस्टर की 8:45 एकड़ जमीन मात्र 20 फर्नीचर उद्यमियों को देने का आदेश जारी कर दिया. मामले की जानकारी जब खिलौना उद्यमियों को लगी तो उन्होंने राज्य शासन पर उद्यमियों का हक मारने और एमएसएमई मंत्री पर अन्यायपूर्ण फैसला कराने का आरोप लगाया. इधर म.प्र कांग्रेस सचिव (MP Congress Secretary) का कहना है कि, मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा ने 60 करोड़ की जमीन मात्र 24 करोड़ में आवंटित कर दी है. इससे राज्य शासन को करोड़ों की हानि हुई है. जिन लोगों को जमीन दी गई है वह खिलौना उद्यमियों के स्थान पर फर्नीचर बनाने वाले हैं. फिर भी राज्य शासन ने भू-माफिया (Land Mafia) से जुड़े लोगों पर करोड़ों रुपए की मेहरबानी की है. इस मामले की शिकायत प्रधानमंत्री मोदी ( PM Modi) के अलावा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan), सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के चीफ जस्टिस और आर्थिक अपराध ब्यूरो (economic crime bureau) समेत अन्य एजेंसियों से की गई है. ताकि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई हो सके.

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