इंदौर। कोरोना संक्रमण के कारण एक ओर जहां लोगों के स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ा है, वहीं लोगों की नियमित दिनचर्या पर भी वायरस का असर दिखा है. इंदौर में गर्मी में लोगों से भरे रहने वाले स्वीमिंग पूल पूरी तरह से वीरान पड़े हैं. इससे निगम को तो आर्थिक नुकसान उठाना पड़ ही रहा है, वहीं स्वीमिंग के शौकीन निराश हैं. आने वाले समय में भी शहर के स्वीमिंग पुलों को खोलने की कोई योजना फिलहाल नहीं है, पानी में संक्रमण फैलने का खतरा ज्यादा है.
इंदौर नगर निगम की तरफ से संचालित किए जाने वाले शहर के दो स्वीमिंग पूल भी पूरी तरह से बंद हैं, लॉकडाउन के कारण अन्य गतिविधियों के साथ ही ये स्विमिंग पूल भी बंद हैं, जबकि सबसे अधिक तैराकों की भीड़ गर्मी के मौसम में इन्हीं स्वीमिंग पुलों में दिखाई देती थी. इसके अलावा शहर में बड़े स्वीमिंग पुल के न होने के कारण तैराक भी यहीं आते थे.
स्वीमिंग खिलाड़ियों को हो रही परेशानी
स्वीमिंग पुलों के बंद होने का असर सबसे ज्यादा असर उन खिलाड़ियों पर पड़ा है, जोकि इससे जुड़े हुए हैं और नगर निगम के इन्हीं स्वीमिंग पुलों में अभ्यास किया करते थे. साथ ही गर्मी में स्वीमिंग पुलों में तैराकी सीखने वालों की भी भीड़ लगी रहती थी.
निगम को हो रहा लाखों का नुकसान
अधिकारियों का कहना है कि नगर निगम हर साल मार्च माह में सदस्यता शुल्क से 60 से 65 लाख रुपए कमाता था, जोकि इस बार नहीं मिल पाई. इंदौर में नगर निगम के उद्यान विभाग के दो स्वीमिंग पुलों का संचालन किया जाता था, जिसमें पहला नेहरू पार्क और दूसरा महू नाका चौराहे पर स्थित तरण पुष्कर है. लगातार बंद रहने के कारण स्वीमिंग पूल से होने वाली आय पूरी तरह से बंद है, जबकि मेंटेनेंस के लिए अभी भी निगम को लाखों रुपए खर्च करने पड़ रहे हैं.
पानी में संक्रमण फैलने का अधिक खतरा
स्वीमिंग पुल के अंदर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कराया जा सकता है. एक ही स्वीमिंग पूल में कई लोगों के नहाने से कोरोना संक्रमण के भी फैलने की आशंका है. इसके चलते भविष्य में भी स्वीमिंग पूल को खोलने की इजाजत जिला प्रशासन नहीं देगा.