इंदौर। फर्जी अधिकारी बनकर युवकों को ठगने की वारदातें लगातार सामने आ रही हैं. इसी कड़ी में एक और मामला इंदौर से सामने आया है. पिछले दिनों शिकायत मिली थी कि एक युवक द्वारा इंदौर क्राइम ब्रांच और एसटीएफ में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी की जा रही है. जिसके आधार पर एसटीएफ की टीम ने एक युवक को अपनी हिरासत में लिया और जब उससे पूछताछ की तो उसने अपना जुर्म कबूल लिया. आरोपी के पास से पुलिस का सामान भी जब्त हुआ है. जिसमें वर्दी और अन्य सामान शामिल है. फिलहाल एसटीएफ की टीम पकड़े गए आरोपी से पूछताछ कर रही है.
क्या है पूरा मामला ?
फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर युवाओं को पुलिस विभाग में अलग-अलग पदों पर नियुक्ति दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले आरोपी को एसटीएफ पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. पकड़े गए आरोपी के पास से फर्जी आई कार्ड, नकली पिस्टल, खाकी वर्दी और अन्य दस्तावेज बरामद किए गए हैं. दरअसल, एसटीएफ पुलिस को सूचना मिली थी कि किसी पुलिसकर्मी द्वारा युवाओं को एसटीएफ और क्राइम ब्रांच में नियुक्ति दिलाई जा रही है. बदले में आरोपी युवाओं से पैसे भी ले रहा है.
सूचना पर गोमटगिरी स्थित एक जगह STF पहुंची. टीम में पुलिस की वर्दी में घूम रहे एक युवक से पूछताछ की. उसने पहले अपने आप को पूर्व एसटीएफ में उप-निरीक्षक बताया. जिसके बाद एसटीएफ पुलिस उसे थाने लेकर पहुंची. जहां सख्ती से पूछताछ करने पर आरोपी ने अपना नाम रोहित शर्मा बताया, जो नई युवा पीढ़ियों को 8 से 10 हजार रुपए के लिए झांसा देकर पुलिस में भर्ती कराने के नाम पर ठगी करता था.
प्रचार का सुपर 'सोमवार', जोबट में दिखा थ्री-ऑन-वन Battle, कद्दावर नेताओं ने लगा दी आरोपों की झड़ी
ट्रैफिक पुलिस से जुड़कर सीखा था काम
पकड़े गए आरोपी से जब एसटीएफ ने पूछताछ की तो उसने बताया कि वह सबसे पहले ट्रैफिक पुलिस से जुड़ा. इसके बाद उसने पुलिसकर्मी किस तरह से काम करती है, यह सबसे पहले सीखा. थोड़े समय बाद उसे ख्याल आया कि क्यों ना पैसा कमाने के लिए नकली पुलिस अधिकारी बन युवकों को ठगा जाए. यहां से उसने ठगी का यह सिलसिला शुरू कर दिया.