इंदौर। नगर निगम के द्वारा राजस्व वसूली में तेजी का असर दिखाई दे रहा है. नगर निगम इंदौर ने शहर में 90% से अधिक राजस्व वसूली कर ली है. कोरोना संक्रमण के कारण लगाए गए लॉकडाउन के बाद नगर निगम की राजस्व वसूली में हुई बढ़ोतरी का असर यह है कि नगर निगम के खाली खजाने में बड़ी मात्रा में राजस्व जमा हो रहा है. अनलॉक के दौर में नगर निगम ने जमकर राजस्व वसूली की है.
स्वच्छता सर्वेक्षण में जरूरी है कचरा शुल्क वसूलना
स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 में भी नगर निगम को अंक लेने के लिए हर घर से कचरा शुल्क वसूलना जरूरी है, यही कारण है कि नगर निगम ने घर-घर से वसूले जाने वाले कचरा संग्रहण शुल्क के लिए नगर निगम के सहयोगी एनजीओ की भी मदद ली थी, जो कि घर-घर जाकर लोगों से कचरा संग्रहण शुल्क जमा करने के लिए कह रहे थे. इसके लिए नगर निगम ने जन जागरूकता अभियान भी चलाया था और जनप्रतिनिधियों के द्वारा कचरा संग्रहण शुल्क पर जाने पर उन्हें बैच लगाकर सम्मानित भी किया था.
500 करोड़ के करीब पहुंचा राजस्व का आंकड़ा
नगर निगम ने अपने राजस्व के लिए 500 करोड़ का लक्ष्य रखा था जिसके लिए नगर निगम के द्वारा लगातार राजस्व विभाग में वसूली को लेकर लगातार सख्ती की जा रही थी, जिसकी वसूली की जा चुकी है.
राजस्व जमा कराने पहुंच रहे लोग
कोरोना के कारण समय से कर का भुगतान नहीं कर पाने वालों को जलकर और किराया राशि में सर चार्ज में 100% तक की छूट प्रदान करने की स्वीकृति भी दी गई थी. यह छूट 31 दिसंबर तक भुगतान करने पर ही प्राप्त होनी थी, जिसके कारण भी नगर निगम में बड़ी संख्या में लोग राजस्व जमा करने के लिए पहुंच रहे हैं.
नगर निगम के अधिकारियों को उम्मीद है कि अधिभार में दी गई छूट के कारण नगर निगम के राजस्व में और बढ़ोतरी हो सकती है और लक्ष्य से आगे निकलकर नगर निगम अपने राजस्व में बढ़ोतरी कर सकता है.