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इंदौर अग्निकांड: घायलों ने बयां की दास्तां, बताया कुछ ही मिनट के फासले से बची जान

इंदौर के विजय नगर थाना क्षेत्र में एक सिरफिरे प्रेमी की सनक के कारण सात लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी. प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि कुछ लोगों की मौत दम घुटने से और कुछ की मौत आग में जलकर हुई है. आगजनी में कई लोग घायल भी हुए हैं, जिनका इलाज निजी अस्पताल में चल रहा है. आइए घटना की रात की कहानी सुनते हैं घायलों की जुबानी. (Indore fire incident)

Indore fire incident
इंदौर आग की घटना
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Published : May 8, 2022, 4:38 PM IST

इंदौर। विजय नगर थाना क्षेत्र के स्वर्ण बाग में मौजूद बिल्डिंग में आगजनी करने वाले आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन इस घटना में 7 लोगों की मौत हो गई. कई लोग घायल भी हुए हैं. घायलों ने आग लगने के दौरान के हालतों को लेकर जो बताया उसे सुनकर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे. (Indore fire incident)

इंदौर आग की घटना

अग्निकांड में 7 लोगों की मौत: आगजनी की घटना में 7 लोगों की मौत हो गई और 5 से अधिक लोग घायल हुए हैं. मृतकों में ईश्वर सिंह सिसोदिया, उनकी पत्नी नीतू सिसोदिया, आशीष, गौरव, आकांक्षा, देवेंद्र और समीर शामिल हैं. वहीं घायलों में फिरोज, मुनीरा, विशाल, अरशद और सोनाली शामिल हैं, जिनका इलाज निजी हॉस्पिटल में किया जा रहा है. आगजनी की घटना के समय फ्लैट में रहने वाले लोगों को बाहर निकलने की जगह नहीं मिली. बिल्डिंग से बाहर निकलने का एक ही रास्ता था जहां आग लगी हुई थी.

घायलों ने सुनाई घटना की दास्तां: घायल मुनीरा विजयनगर क्षेत्र के स्वर्ण बाग कॉलोनी के एक फ्लैट में अकेले रहती थी. मुनीरा उस बिल्डिंग में डेढ़ महीने पहले ही शिफ्ट हुई थी, और वहीं पर किसी निजी कंपनी में काम करती हैं. मुनीरा ने घटना वाली रात की दास्तां बयां करते हुए कहा,

मैं अपने फ्लैट में सो रही थी. उसी समय अचानक से तेज आवाजों के साथ फ्लैट में गर्मी बढ़ गई थी. अचानक से तेज आवाज आने की वजह से मैं फ्लैट का गेट खोल कर देखा तो आग लगने की वजह से पूरे फ्लैट में धुंआ भरा हुआ चुका था. मैंने धुएं से बचने के लिए गीला कपड़ा अपने मुंह पर बांध लिया और तकरीबन 7 मिनट तक अपने फ्लैट को बंद करके अंदर बैठी रही. लेकिन इस दौरान मुझे घबराहट होने लगी और इसके बाद मैं अपने फ्लैट की बालकनी में चली गई. इस दौरान आसपास के कुछ लोग जाग चुके थे, जिसके बाद मुझे बॉलकनी में खड़ा देख उन्होंने मदद करते हुए मुझे बाहर निकाला. इस तरह से मेरी जान बची है, अगर मैं थोड़ी देर वहां और फंसी रहती तो मेरी भी मौत हो जाती. ये हादसा काफी भीषण था और बचने की कोई उम्मीद नहीं थी, लेकिन बालकनी में आने का फैसलाऔर आसपास के रहने वाले लोगों की तत्काल की गई मदद की वजह से मैं जीवित हूं.

थोड़ी देर और रूकता तो तय थी मौत को गले: विदिशा के रहने वाले विनोद सोलंकी भी आगजनी की घटना के समय उसी बिल्डिंग में मौजूद था. विनोद ने उस रात के बारे में बताते हुए कहा,

मैं जिस फ्लैट में रहता था उसमें मेरे कुछ दोस्त और भी रहते थे. जब देर रात मैं गहरी नींद में था, तो अचानक से सांसे रुकने लगीं, जिससे नींद खुल गई. जब मैंने देखा तो पूरे घर में धुआं ही धुआं भरा हुआ था. इसके बाद मैंने खिड़की और दरवाजे को तोड़कर बाहर निकलने की कोशिश की. इसकी वजह से शरीर पर कई जगह चोट भी आई. वहीं मेरे साथ वालों की अभी भी कुछ जानकारी नहीं है. मैं जैसे-तैसे तोड़फोड़ कर बिल्डिंग में से निकला और अपनी जान बचाई. यदि कुछ देर और मैं उस बिल्डिंग में रह जाता तो निश्चित तौर पर मेरी भी मौत हो जाती.

इंदौर अग्निकांड: सिरफिरे प्रेमी की सनक से काल के गाल में समा गए सात निर्दोष, किसी की जलकर तो किसी की दम घुटकर हुई मौत

आरोपी ने कबूला जुर्म: स्वर्ण बाग स्थित दो मंजिला इमारत में एक युवती से बदला लेने के लिए एकतरफा प्यार में पागल उसके प्रेमी ने आग लगा दी थी. युवती यहां किराए पर रह रही थी, उसकी जान पहचान क्षेत्र के संजय और शुभम दीक्षित नामक युवक से थी. बीते दिनों युवती की संजय से अनबन हो गई, तो संजय ने बदला लेने के लिए शनिवार तड़के युवती की स्कूटी में आग लगा दी थी. जिसके बाद यह आग पूरी इमारत में फैल गई और देखते ही देखते इस भीषण आग में 7 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि कई अन्य घायल हो गए. पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर गंभीर धाराओं में प्रकरण दर्ज कर लिया है. आरोपी ने भी सभी आरोप कबूल किए हैं.

इंदौर। विजय नगर थाना क्षेत्र के स्वर्ण बाग में मौजूद बिल्डिंग में आगजनी करने वाले आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन इस घटना में 7 लोगों की मौत हो गई. कई लोग घायल भी हुए हैं. घायलों ने आग लगने के दौरान के हालतों को लेकर जो बताया उसे सुनकर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे. (Indore fire incident)

इंदौर आग की घटना

अग्निकांड में 7 लोगों की मौत: आगजनी की घटना में 7 लोगों की मौत हो गई और 5 से अधिक लोग घायल हुए हैं. मृतकों में ईश्वर सिंह सिसोदिया, उनकी पत्नी नीतू सिसोदिया, आशीष, गौरव, आकांक्षा, देवेंद्र और समीर शामिल हैं. वहीं घायलों में फिरोज, मुनीरा, विशाल, अरशद और सोनाली शामिल हैं, जिनका इलाज निजी हॉस्पिटल में किया जा रहा है. आगजनी की घटना के समय फ्लैट में रहने वाले लोगों को बाहर निकलने की जगह नहीं मिली. बिल्डिंग से बाहर निकलने का एक ही रास्ता था जहां आग लगी हुई थी.

घायलों ने सुनाई घटना की दास्तां: घायल मुनीरा विजयनगर क्षेत्र के स्वर्ण बाग कॉलोनी के एक फ्लैट में अकेले रहती थी. मुनीरा उस बिल्डिंग में डेढ़ महीने पहले ही शिफ्ट हुई थी, और वहीं पर किसी निजी कंपनी में काम करती हैं. मुनीरा ने घटना वाली रात की दास्तां बयां करते हुए कहा,

मैं अपने फ्लैट में सो रही थी. उसी समय अचानक से तेज आवाजों के साथ फ्लैट में गर्मी बढ़ गई थी. अचानक से तेज आवाज आने की वजह से मैं फ्लैट का गेट खोल कर देखा तो आग लगने की वजह से पूरे फ्लैट में धुंआ भरा हुआ चुका था. मैंने धुएं से बचने के लिए गीला कपड़ा अपने मुंह पर बांध लिया और तकरीबन 7 मिनट तक अपने फ्लैट को बंद करके अंदर बैठी रही. लेकिन इस दौरान मुझे घबराहट होने लगी और इसके बाद मैं अपने फ्लैट की बालकनी में चली गई. इस दौरान आसपास के कुछ लोग जाग चुके थे, जिसके बाद मुझे बॉलकनी में खड़ा देख उन्होंने मदद करते हुए मुझे बाहर निकाला. इस तरह से मेरी जान बची है, अगर मैं थोड़ी देर वहां और फंसी रहती तो मेरी भी मौत हो जाती. ये हादसा काफी भीषण था और बचने की कोई उम्मीद नहीं थी, लेकिन बालकनी में आने का फैसलाऔर आसपास के रहने वाले लोगों की तत्काल की गई मदद की वजह से मैं जीवित हूं.

थोड़ी देर और रूकता तो तय थी मौत को गले: विदिशा के रहने वाले विनोद सोलंकी भी आगजनी की घटना के समय उसी बिल्डिंग में मौजूद था. विनोद ने उस रात के बारे में बताते हुए कहा,

मैं जिस फ्लैट में रहता था उसमें मेरे कुछ दोस्त और भी रहते थे. जब देर रात मैं गहरी नींद में था, तो अचानक से सांसे रुकने लगीं, जिससे नींद खुल गई. जब मैंने देखा तो पूरे घर में धुआं ही धुआं भरा हुआ था. इसके बाद मैंने खिड़की और दरवाजे को तोड़कर बाहर निकलने की कोशिश की. इसकी वजह से शरीर पर कई जगह चोट भी आई. वहीं मेरे साथ वालों की अभी भी कुछ जानकारी नहीं है. मैं जैसे-तैसे तोड़फोड़ कर बिल्डिंग में से निकला और अपनी जान बचाई. यदि कुछ देर और मैं उस बिल्डिंग में रह जाता तो निश्चित तौर पर मेरी भी मौत हो जाती.

इंदौर अग्निकांड: सिरफिरे प्रेमी की सनक से काल के गाल में समा गए सात निर्दोष, किसी की जलकर तो किसी की दम घुटकर हुई मौत

आरोपी ने कबूला जुर्म: स्वर्ण बाग स्थित दो मंजिला इमारत में एक युवती से बदला लेने के लिए एकतरफा प्यार में पागल उसके प्रेमी ने आग लगा दी थी. युवती यहां किराए पर रह रही थी, उसकी जान पहचान क्षेत्र के संजय और शुभम दीक्षित नामक युवक से थी. बीते दिनों युवती की संजय से अनबन हो गई, तो संजय ने बदला लेने के लिए शनिवार तड़के युवती की स्कूटी में आग लगा दी थी. जिसके बाद यह आग पूरी इमारत में फैल गई और देखते ही देखते इस भीषण आग में 7 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि कई अन्य घायल हो गए. पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर गंभीर धाराओं में प्रकरण दर्ज कर लिया है. आरोपी ने भी सभी आरोप कबूल किए हैं.

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