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बाबा बागेश्वर ने बदला गांव का नाम, बोले- अलीपुरा अब होगा हरिपुरा

अलीपुरा रियासत की स्थापना 1757 में पन्ना राज्य के राजा हुंडुपत अमन सिंह ने की थी. बाबा बागेश्वर ने नाम बदलने का किया ऐलान.

BAGESHWAR BABA CHANGE ALIPURA NAME
बाबा बागेश्वर ने बदला अलीपुरा गांव का नाम (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : 3 hours ago

छतरपुर: सनातन हिंदू जोड़ो यात्रा के दौरान हर दिन कुछ न कुछ विशेष हो रहा है. बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की पदयात्रा चौथे दिन छतरपुर के अलीपुरा गांव पहुंची जहां उन्होंने अलीपुरा के नाम बदलकर हरिपुरा करने की घोषणा कर दी. बता दें कि पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री की पदयात्रा में शामिल होने के लिए देश भर से भक्तों का तांता लगा हुआ है. मध्य प्रदेश, बिहार, यूपी, महाराष्ट्र, राजस्थान, हैदराबाद, दिल्ली, नेपाल सहित कई राज्यों से श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है.

अलीपुरा को धीरेंद्र शास्त्री ने किया हरिपुरा

पंडित धीरेंद्र शास्त्री की पदयात्रा में भक्तों की संख्या ज्यादा होने के कारण नेशनल हाइवे झांसी-खजुराहो पूरी तरह से भगवामय दिखाई दिया. चौथे दिन पदयात्रा जैसे ही छतरपुर जिले के अलीपुरा गांव में पहुंची, तो बाबा बागेश्वर पूछने लगे ये कौन सा गांव है? तो भक्तों ने कहा अलीपुरा गांव है. इस पर बाबा जोर-जोर से कहने लगे आज से इसका नाम हरिपुरा हो गया. अब सब इसे हरिपुरा ही बोलेंगे. बाबा बोले अलीपुरा तो ऊ.....वालों का नाम है, नाम बदलते ही भक्तों में जोश और उत्साह और बढ़ गया. हालांकि, जानकारों की मानें तो किसी जगह या स्थान का नाम बदलने की एक कानूनी प्रकिया होती है.

पदयात्रा में शामिल हो रहे विभिन्ना प्रदेशों से लोग (ETV Bharat)

एक रियासत थी अलीपुरा

अलीपुरा गांव के संबंध में इतिहासकार शंकर लाल सोनी बताते हैं, " अलीपुरा रियासत 1757 में स्थापित हुई थी. दरअसल, अलीपुरा मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले की एक रियासत थी, जो 1808 में ब्रिटिश भारत का हिस्सा बन गई थी. यह जगह राजसी अलीपुरा महल का घर है, जो पहले बुंदेलखंड की सभी दिशाओं को फैलाने के लिए काम करता था. अलीपुरा रियासत ने मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में एक छोटे से क्षेत्र को नियंत्रित किया था."

महल में अब चल रहा हेरिटेज होटल

बता दें कि पन्ना राज्य के राजा हुंडुपत अमन सिंह ने शहर के आसपास की जमीनें मुकुंद सिंह के बेटे अचल सिंह को दे दी थी, जो उस समय पन्ना के सरदार थे. अलीपुरा के पूर्व रियासत शासकों का महल अब एक हेरिटेज होटल है, जिसे शासक परिवार से पूर्व मंत्री मानवेन्द्र सिंह और उनके बेटे महाराजपुर विधायक टीका राजा प्रत्यक्ष वंशज द्वारा चलाया जा रहा है.

सरकारी प्रक्रिया से बदलेगा नाम

एडवोकेट अरविन्द्र निरंजन बताते है, " किसी भी जिले या शहर का नाम बदलना इतना आसान नहीं होता है. इसके लिए कैबिनेट तक प्रस्ताव जाता है. इसके बाद कैबिनेट में प्रस्ताव पास होने के बाद ही शहर या जिले का नाम बदलने को अनुमति मिलती है. जब प्रस्ताव पारित हो जाता है, तो फिर शहर या जिले के नाम का गजट पत्र तैयार होता है. जिसके बाद नए नाम को मंजूरी मिल जाती है."

छतरपुर: सनातन हिंदू जोड़ो यात्रा के दौरान हर दिन कुछ न कुछ विशेष हो रहा है. बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की पदयात्रा चौथे दिन छतरपुर के अलीपुरा गांव पहुंची जहां उन्होंने अलीपुरा के नाम बदलकर हरिपुरा करने की घोषणा कर दी. बता दें कि पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री की पदयात्रा में शामिल होने के लिए देश भर से भक्तों का तांता लगा हुआ है. मध्य प्रदेश, बिहार, यूपी, महाराष्ट्र, राजस्थान, हैदराबाद, दिल्ली, नेपाल सहित कई राज्यों से श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है.

अलीपुरा को धीरेंद्र शास्त्री ने किया हरिपुरा

पंडित धीरेंद्र शास्त्री की पदयात्रा में भक्तों की संख्या ज्यादा होने के कारण नेशनल हाइवे झांसी-खजुराहो पूरी तरह से भगवामय दिखाई दिया. चौथे दिन पदयात्रा जैसे ही छतरपुर जिले के अलीपुरा गांव में पहुंची, तो बाबा बागेश्वर पूछने लगे ये कौन सा गांव है? तो भक्तों ने कहा अलीपुरा गांव है. इस पर बाबा जोर-जोर से कहने लगे आज से इसका नाम हरिपुरा हो गया. अब सब इसे हरिपुरा ही बोलेंगे. बाबा बोले अलीपुरा तो ऊ.....वालों का नाम है, नाम बदलते ही भक्तों में जोश और उत्साह और बढ़ गया. हालांकि, जानकारों की मानें तो किसी जगह या स्थान का नाम बदलने की एक कानूनी प्रकिया होती है.

पदयात्रा में शामिल हो रहे विभिन्ना प्रदेशों से लोग (ETV Bharat)

एक रियासत थी अलीपुरा

अलीपुरा गांव के संबंध में इतिहासकार शंकर लाल सोनी बताते हैं, " अलीपुरा रियासत 1757 में स्थापित हुई थी. दरअसल, अलीपुरा मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले की एक रियासत थी, जो 1808 में ब्रिटिश भारत का हिस्सा बन गई थी. यह जगह राजसी अलीपुरा महल का घर है, जो पहले बुंदेलखंड की सभी दिशाओं को फैलाने के लिए काम करता था. अलीपुरा रियासत ने मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में एक छोटे से क्षेत्र को नियंत्रित किया था."

महल में अब चल रहा हेरिटेज होटल

बता दें कि पन्ना राज्य के राजा हुंडुपत अमन सिंह ने शहर के आसपास की जमीनें मुकुंद सिंह के बेटे अचल सिंह को दे दी थी, जो उस समय पन्ना के सरदार थे. अलीपुरा के पूर्व रियासत शासकों का महल अब एक हेरिटेज होटल है, जिसे शासक परिवार से पूर्व मंत्री मानवेन्द्र सिंह और उनके बेटे महाराजपुर विधायक टीका राजा प्रत्यक्ष वंशज द्वारा चलाया जा रहा है.

सरकारी प्रक्रिया से बदलेगा नाम

एडवोकेट अरविन्द्र निरंजन बताते है, " किसी भी जिले या शहर का नाम बदलना इतना आसान नहीं होता है. इसके लिए कैबिनेट तक प्रस्ताव जाता है. इसके बाद कैबिनेट में प्रस्ताव पास होने के बाद ही शहर या जिले का नाम बदलने को अनुमति मिलती है. जब प्रस्ताव पारित हो जाता है, तो फिर शहर या जिले के नाम का गजट पत्र तैयार होता है. जिसके बाद नए नाम को मंजूरी मिल जाती है."

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