इंदौर। शहर में पिछले दिनों पकड़ी गई 70 करोड़ की एडीएमए ड्रग्स रैकेट का भंड़ाफोड़ करते हुए क्राइम ब्रांच ने अब तक 33 लोगों को गिरफ्तार किया है. इस मामले में सबसे पहली गिरफ्तारी एक फार्मासिस्ट की हुई थी जो हैदराबाद से ड्रग्स की डिलेवरी देने यहां आया था. उसके बाद पुलिस ने अपना इंवेस्टीगेशन तेज किया जिससे बाद एक के बाद ड्रग्स रैकेटियर की तार जुड़ते गए और इनके राज खुलते गए. इस ड्रग रैकेट के तार इंदौर, दिल्ली, मुंबई या फिर बाॉलीवुड ही नहीं बल्कि अफगानिस्तान और दुबई तक जुड़े हुए हैं. मामले में एक महिला एक किन्नर सहित कुछ और गिरफ्तारियां भी हुईं हैं.
इंदौर पुलिस का ऑपरेशन 'कुर्सी'
70 किलो एमडीएमए ड्रग्स पकड़े जाने के बाद इंदौर क्राइम ब्रांच ने इससे जुड़े पूरे रैकेट का भंड़ा फोडने के चलाए गए अभियान को नाम दिया 'ऑपरेशन कुर्सी'. इससे पहले भी इंदौर क्राइम ब्रांच ने इस पूरे ड्रग तस्कर के गिरोह से जुड़े कुछ लोगों को गिरफ्तार किया था. इनमें इंदौर के कुछ टेंट कारोबारी भी शामिल थे. इनसे पूछताछ के बाद ही कई और लोगों की भी गिरफ्तारी हुई. इंदौर में एक टेंट कारोबारी ही इस पूरे रैकेट को चलाता था. रैकेट के अधिकतर लोग ड्रग्स के लेनदेन की बातें 'कुर्सी' के लेनदेन के रूप में करते थे, 'कुर्सी' ड्रग्स के लेन देन से जुड़ा उनका कोडवर्ड था. इसलिए इंदौर पुलिस ने इसे ऑपरेशन कुर्सी नाम दिया.
MP से ऐसे जुड़े तार
इस मामले में सबसे पहले जनवरी में इंदौर क्राइम ब्रांच ने हैदराबाद के वेद प्रकाश और उसके ड्राइवर मांगी वेंकटेश को गिरफ्तार किया. वेद प्रकाश से शुरू हुआ इस पूरे रैकेट का खुलासा. तार जुड़ते गए और राज खुलते गए. हैदराबाद का वेद प्रकाश व्यास इंदौर के दिनेश अग्रवाल, अक्षय अग्रवाल और रईसुद्दीन को ड्रग्स की डिलेवरी देने आया था. रईस के साथ जुड़े थे मंदसौर के चिमन अग्रवाल और मोहम्मद सरदार खान, राजस्थान से रज्जाक अहमद और खुर्शीद उर्फ कुंडी बाबा, गुजरात, वडोदरा से गुलाम हैदर महाराष्ट्र के नासिक और मुंबई से कई और अपराधियों के साथ सलीम चौधरी, जुबेर ,अनवर उर्फ लाला और महजबीन शामिल थी.
इंदौर से खरीद कर मुंबई में खपाई 40 करोड़ की ड्रग्स
एमडीएमए ड्रग्स रैकेट में मुंबई से गिरफ्तार चारों आरोपी 12 जुलाई तक पुलिस रिमांड पर हैं. पूछताछ में आरोपी महजबीन और उसके तीन साथियों सलीम चौधरी, जुबेर और अनवर लाला से अफगानिस्तान, दुबई सहित कई देशों के संपर्कों से जुड़े कई अहम सबूत और चैटिंग भी पुलिस के हाथ लगी है. यह भी पता चला है कि रैकेट की मास्टर माइंड महजबीन डार्क नेट और डार्क वेब के जरिए बड़े पैमाने पर अन्य देशों में भी ड्रग्स की सप्लाई कर चुकी है. पुलिस आरोपियों के बैंक खाते सिम और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स् से भी जानकारी निकाल रही है. पुलिस को यह भी सुराग मिला है कि आरोपियों ने इंदौर से करीब 40 करोड़ की एमडीएमए ड्रग्स और क्रेटा माइन कोकीन खरीद कर मुंबई दिल्ली में खपाई है. इस ड्रग्स की सप्लाई और ट्रांसपोर्ट दवाइयों के पैकेट्स में किया जाता था. जिसके लिए महजबीन ने कई डॉक्टरों और फार्मासिस्टों को अपने जाल में फंसा रखा था.
इंदौर से क्रेटामाइन ड्रग्स खरीद (कोकीन) अफगानिस्तान और दुबई तक सप्लाई
अफगानिस्तान से आई एमडीएमए अजमेर (राजस्थान) के कफील खान से खरीदी जाती थी. इसे दिल्ली, मुंबई और इंदौर में खपाया जाता था. इसके बदले में इंदौर - मंदसौर में बनने वाली कोकीन (क्रेटा माइन) ड्रग्स खरीदकर उसे अफगानिस्तान और दुबई तक सप्लाई किया जाता था. इस मामले में मंदसौर के कुछ डॉक्टर भी पुलिस के रडार पर हैं. बताया जाता है मंदसौर में ही एक डॉक्टर एमडीएमए ड्रग्स तैयार करता था.
क्या है एमडीएमए
एमडीएम ड्रग्स का पूरा नाम Methylene di oxy metham phetamine ( मिथाइलीन डाइ ऑक्सी मेथैमफेटामाइन (एमडीएमए) है. इसे इंग्लिश शार्ट टर्म में MDMA भी कहते हैं. सुशांत सिंह आत्महत्या केस में भी कथित तौर पर रिया पर सुशांत को यही ड्रग्स देने के आरोप हैं. एमडीएमए एक सिंथेटिक ड्रग जो उत्तेजक और मतिभ्रम और नींद को दूर रखने का काम करती है.
5 राज्यों में चला ऑपरेशन
ड्रग रैकेट का खुलासा करने के लिए इंदौर क्राइम ब्रांच ने 5 राज्यों में इस रैकेट से जुड़े लोगों को गिरफ्तार किया.
तेलंगाना- हैदराबाद , राजस्थान- अजमेर, गुजरात - बड़ोदरा, महाराष्ट्र - नासिक और मुंबई, मध्य प्रदेश- इंदौर और मंदसौर
1 साल से चल रहा है ऑपरेशन कुर्सी ऐसे हुआ खुलासा
इस पूरे मामले की शुरुआत लगभग साल भर पहले हुई थी- साल भर पहले इंदौर क्राइम ब्रांच को मुखबिर के जरिए इंफॉर्मेशन मिली कि हैदराबाद का रहने वाला वेद प्रकाश व्यास (फार्मासिस्ट) 70 किलो एमडीएम ड्रग्स की डिलेवरी देने अपने ड्राइवर मांगी वेंकटेश के साथ इंदौर आया हुआ है. जिसके बाद एक-एक कर आरोपियों के पूछताछ के बाद गिरफ्तारी शुरू हुई. सबसे पहले
इंदौर- वेद प्रकाश व्यास और वेंकटेश की निशानदेही पर इंदौर से दिनेश अग्रवाल,अक्षय अग्रवाल, और रईसुद्दीन (उर्फ रईस) को गिरफ्तार किया.
मंदसौर - रईस की निशानदेही पर मंदसौर से आरोपी चिमन अग्रवाल और मोहम्मद सरदार खान.
अजमेर - रज्जाक अहमद और खुर्शीद उर्फ कुंडी बाबा.
बड़ौदा - गुलाम मोहम्मद को गिरफ्तार किया गया. इन सबसे हुई पूछताछ के बाद क्राइम ब्रांच ने इंदौर से और गिरफ्तारियां की जिनमें मोहम्मद अशफाक खान ,तबरेज ,मोहम्मद कासिम ,रिजवान ,नाजिम, साहिब, गौरव ,अकरम ,जुनैद ,इरफान पठान ,अब्दुल ,शाहिद और वजीर हैं.
नासिक - नासिक महाराष्ट्र से वसीम उर्फ असलम खान को गिरफ्तार किया था वहीं मुंबई से अय्यूब कुरैशी, सोनू उर्फ मोहम्मद यासीन ,मोईन खान, बिल्ला उर्फ वसीम खान, सलीम चौधरी, जुबेर हलवाई, अनवर लाला और महजबीन खान को गिरफ्तार किया है. इस तरह से इस पूरे रैकेट में अब तक 33 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. जिसके लिए पांच राज्यों में मुहिम चलाई गई.
पुलिस से बचने मोबाइल की जगह करते थे इंटरनेट कॉलिंग का इस्तेमाल
इंदौर पुलिस ने इस पूरे मामले में 6 जुलाई को जिन 4 हाई प्रोफाइल आरोपियों को गिरफ्तार किया है वे मोबाइल का इस्तेमाल बहुत कम करते थे. इसकी जगह इंटरनेट या व्हाट्सएप कॉलिंग का इस्तेमाल किया जाता था. जिससे यह पुलिस की पकड़ में नहीं आते थे, लेकिन इनकी लोकेशन आइडेंटिफाइड होने के बाद पुलिस ने 2 महीने तक रेकी की. इनके घरों के आसपास पहचान छुपाकर और भेष बदल कर पुलिसकर्मी मौजूद रहे. बारीकी से नजर रखने के बाद इन चारों आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. इस मामले में अब तक गिरफ्तार आरोपियों से कई महंगी गाड़ियां और 40 से ज्यादा मोबाइल फोन भी जब्त किए गए हैं. इस पूरे गिरोह की मास्टरमाइंड एक महिला है जिसका नाम महजबीन है.