इंदौर। शहर के नौलक्खा स्थिति पीडीएलएफ कंपनी के दफ्तर के बाहर दलित नेता मनोज परमार के साथ कंपनी से जुड़े मजदूरों ने जमकर हंगामा किया. हंगामा करने वालों में खरगोन जिले के कसरावद के मजदूर शामिल थे. उनका कहना है कि हमें 5 माह का वेतन और 31 माह का पीएफ नहीं मिला. उक्त कंपनी पहले इंदौर में थी, जिसका ऑफिस नौलक्खा और फैक्टरी देवगुराड़िया में था. इसके बाद यहां से ऑफिस व फैक्ट्री दोनों बंद कर दिया. इसके बाद अगली ब्रांच गोवा में डाली गई. वहां से दिवालिया होकर कंपनी का दफ्तर देहरादून खोला गया. इसके बाद यहां से भी बंद कर भुवनेश्वर और होशियारपुर में कंपनी खुली.
कई राज्यों में कंपनी के दफ्तर : अब कंपनी का दफ्तर राजस्थान में खोला गया है. आरोप है कि दवाई के इंजेक्शन से कुछ मजदूरों की मौत हो गई थी. अभी कंपनी कसरावद में चल रही थी. यहां भी बंद हो गई. मजदूरों का कहना है कि कंपनी के मालिक विनोद गुप्ता से भी वे लोग मिले. मालिक विनोद कह रहा है कि कंपनी में उसके पार्टनर मनोहर गुप्ता और आदित्य गुप्ता भी हैं. कंपनी में घाटे में चल रही है. इसके बाद सभी मजदूर विनोद को पकड़कर भंवरकुआं थाने पहुंचे. वहीं थाना प्रभारी शशिकांत चौरसिया ने बताया कि मजदूरों को पैसे देने की बात मालिक से कही गई है और 15 दिनों में जितने भी मजदूरों का बकाया है, उन सभी को सौंपने की बात का करार हुआ है.
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मजदूरों को करार पर शक : फिलहाल इसके बाद भी पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है. अब देखना ये है कि आगे पुलिस किस तरह की कार्रवाई करती है. संभावना जताई जा रही है कि कंपनी के दफ्तर कई जगहों पर खुले हुए हैं, इन सभी स्थानों पर पुलिस जाकर जांच कर सकती है. मजदूरों ने आशंका जताई है कि कंपनी के मालिक फरार हो सकते हैं. मजदूरों को इस बात पर भी संदेह है कि करार के मुताबिक उनका पेमेंट हो पाएगा. indore bankrupt company, worker demand due payment, inquiry company owner