इंदौर। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (Indian Institute of Technology) आईआईटी इंदौर में (India Tryst With Global Destiny) पर एक सार्वजनिक व्याख्यान आयोजित किया गया. यह भारत सरकार द्वारा भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष के उत्सव के रूप में "इंडिया@75 विदेश नीति विशिष्ट व्याख्यान श्रृंखला" नामक स्मारक व्याख्यान श्रृंखला के तहत आयोजित किया गया था. इस पहल के तहत देश भर के कई संस्थानों में भारत के प्रतिष्ठित सेवानिवृत्त राजदूतों द्वारा भारत की विदेश नीति पर अपने विचार व्यक्त किए. (Lectures at IIT Indore) (IIT Indore Lecture by Manjeev Singh Puri)
युवाओं को पता हो भारत की अंतरराष्ट्रीय स्थिति: पूर्व राजदूत पुरी ने भारत के अतीत के गौरव और वर्तमान समय के साथ इसके जुड़ाव पर प्रकाश डाला. उन्होंने आग्रह किया कि, सभी युवा पीढ़ी के छात्रों को पता होना चाहिए कि, भारत किस अंतर्राष्ट्रीय स्थिति में है. इससे सभी देशवासियों को हमारे देश के अतीत और भविष्य से जुड़ने में मदद मिलेगी. उन्होंने भारत की वैश्विक नियति की व्यापक तस्वीर दिखाई.
भारत को आर्थिक शक्ति में बदलने की क्षमता: उन्होंने जनसांख्यिकी और मानव क्षमता के महत्व पर जोर देते हुए उल्लेख किया कि हमारे पास एक बड़ी आबादी है, लेकिन हमारे पास भारत को महान सामाजिक-आर्थिक शक्ति में बदलने की क्षमता है. उन्होंने कहा कि भारत जिस गति से आगे बढ़ रहा है. 2024 तक वह एक महान आर्थिक शक्ति के रूप में उभरेगा.
IIT इंदौर में सार्वजनिक व्याख्यान श्रृंखला का आयोजन, कई विज्ञान महाविद्यालय के शामिल होने की संभावना
विदेश नीति का ज्ञान आवश्यक: आईआईटी इंदौर के निदेशक प्रो. सुहास जोशी ने विशिष्ट अतिथि का स्वागत करते हुए कहा कि, विदेश नीति और अंतरराष्ट्रीय संबंधों के क्षेत्र में ऐसे दिग्गजों द्वारा निरंतर ज्ञान साझा करने की आवश्यकता पर बल दिया. प्रो. रघुनाथ साहू अंतरराष्ट्रीय संबंध के कार्यवाहक डीन और संयोजक संस्थान संगोष्ठी और आउटरीच समिति ने दर्शकों को वक्ता का परिचय दिया. संस्थान द्वारा की गई आउटरीच गतिविधियों का अवलोकन प्रस्तुत किया.