इंदौर। भारत सरकार के पेटेंट कार्यालय से IIT इंदौर को 16 वां पेटेंट मिला. इसके पहले तक भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT Indore mp) इंदौर को विभिन्न विषयों में 14 पेटेंट मिल चुके हैं. दो और मिलने के बाद अब कुल संख्या 16 हो गई है. पेटेंट के आविष्कारक डॉ भूपेंद्र सिंह रेनीवाल और प्रो. संतोष कुमार विश्वकर्मा हैं. (Offset Compensated Data prosesing Technique for Low Energy Embedded SRAM). डॉ. विश्वकर्मा भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान इंदौर के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग में प्रोफेसर हैं. डॉ भूपेंद्र ने (BITS) पिलानी और के.के बिड़ला गोवा कैंपस में फैकल्टी के रूप में भी काम किया है.
इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों की डिज़ाइन: आविष्कार (IIT Indore Invention) से कम ऊर्जा वाले इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों को डिज़ाइन करना और मेमोरी आर्किटेक्चर (memory architecture) के विकास को जन्म दिया गया है. यह आधुनिक आईसी (ic) की निर्माण प्रक्रिया में बदलाव कर सकता है. पारंपरिक माइक्रोप्रोसेसर (microprocessor) आधारित हैंड हेल्ड डिवाइस (Device) में एम्बेडेड मेमोरी (memory) शामिल है. जो सिस्टम ऑन चिप (SOC) के बड़े हिस्से की विशेषता है.
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डेटा को पढ़ने में होगी आसानी : ऑफसेट के कारण कार्य में विफलता की संभावना है. यह तकनीक चिप्स को प्रोसेसर ऑन-चिप मेमोरी से डेटा को पढ़ने के लिए सरल बनाएगी. यह न्यूरोमॉर्फिक कंप्यूटिंग चिप्स (neuromorphic computing chips) कम ऊर्जा वाले इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरण, (electronics equipment) स्मार्टफोन (smart fone) स्मार्ट साइबर सिस्टम (cyber system) में डेटा प्रोसेसिंग (data processing) के लिए उपयोगी है. जो ऊर्जा की बचत करेगा.
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डिजिटल इंडिया के क्षेत्र में गति मिलेगी : डॉ. संतोष कुमार विश्वकर्मा (Prof. Santosh Kumar Vishwakarma) भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान इंदौर के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग में प्रोफेसर हैं. (SRAM MEMORY) मेमोरी डिज़ाइन में (DNN) और विन्यास योग्य वास्तुकला को बढ़ाने के लिए SRAM आधारित मेमोरी कंप्यूटिंग आर्किटेक्चर (IOT) एप्लिकेशन की डिजाइन के अनुसंधान में लगे हुए हैं. इनका मानना है कि 16 वां पेटेंट प्राप्त होने से उभरते हुए चिप्स को प्रोसेसर ऑन-चिप मेमोरी से डेटा को पढ़ने के लिए आसानी होगी. बेहतर संचार होगा. मेक इन इंडिया, नीति आयोग, आत्मनिर्भर भारत, डिजिटल इंडिया के क्षेत्र में भारत को गति मिलेगी.
शोध कार्य करने और पेटेंट प्राप्त करने वाली टीम के डॉ. भूपेंद्र सिंह रेनीवाल (Dr Bhupendra Singh Reniwal) ने एसजीएसआईटीएस इंदौर (SGSITS Indore) से स्नातक और पी.एच.डी. आईआईटी इंदौर से प्राप्त की है. इनके पास यूएसटी ग्लोबल बैंगलोर, इंटेल कॉर्पोरेशन मलेशिया, आईबीएम बैंगलोर में सीनियर प्रोडक्ट डेवलपमेंट इंजीनियर, सेमीकंडक्टर वर्टिकल की भारत और विदेश का अकादमिक अनुभव है. डॉ. भूपेंद्र सिंह रेनीवाल एनर्जी एफिशिएंट मेमोरी आर्किटेक्चर और आईओ सर्किट डिजाइन के विकास में शामिल थे.