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किसानों के लिए खुशखबरी, अब दुनिया चखेगी मालवा के आलू और लहसुन का जायका, किया जाएगा एक्सपोर्ट

​मध्यप्रदेश के इंदौर स​​मेत अन्य राज्यों में होने वाली आलू (Malwa potato and garlic) की बंपर फसल का एक्सपोर्ट अब विदेशों में किया जा सकेगा. लंबे समय से आलू और लहसुन के एक्सपोर्ट पर लगी रोक को कृषि मंत्रालय ने हटा लिया है.

Malwa potato and garlic
मालवा का आलू और लहसुन
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Published : Mar 10, 2022, 12:52 PM IST

इंदौर। लंबे समय से आलू और लहसुन (Malwa potato and garlic) के एक्सपोर्ट पर लगी रोक को कृषि मंत्रालय ने हटा लिया है. ​मध्यप्रदेश के इंदौर स​​मेत अन्य राज्यों में होने वाली आलू की बंपर फसल का एक्सपोर्ट अब विदेशों में किया जा सकेगा. इस साल मालवा समेत राज्य के अन्य आलू उत्पादक इलाकों में अच्छी फसल के बावजूद एक्सपोर्ट नहीं होने के कारण किसानों को अपनी फसल ओने पौने दामों में बेचनी पड़ रही थी.

निया भर में एक्सपोर्ट हो सकेगा मालवा का आलू और लहसुन

आवक ज्यादा होने से नहीं मिल पा रहै आलू के दाम
इंदौर, उज्जैन, देवास, शाजापुर के अलावा सीमित उत्पादन वाले छिंदवाड़ा, सीधी, सतना, रीवा, सरगुजा, राजगढ़, सागर, दमोह, जबलपुर, पन्ना आदि इलाकों में भी इस साल आलू की फसल अच्छी हुई है. बंपर आवक के चलते मंडियों में किसानों को आलू की फसल के पर्याप्त दाम नहीं मिल पा रहे हैं. प्रदेश की मंडियों में 8 से 10 रूपए किलो आलू बिक रहा है. किसानों को लागत निकालना भी मुश्किल हो रहा है.

सांसद ने संसद में उठाया था मुद्दा
इस मसले को लेकर इंदौर सांसद शंकर लालवानी ने कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को अवगत कराया था. इंदौर आगमन के दौरान कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने इसके एक्सपोर्ट पर लगे प्रतिबंध को हटाने की जानकारी दी थी. ऐसा माना जा रहा है कि आलू और लहसुन के एक्सपोर्ट से प्रतिबंध हटने पर अंचल में आलू की फसल का एक्सपोर्ट किया जा सकेगा. आलू की फसल का पर्याप्त दाम मिलने से फसल को सड़ने से भी बचाया जा सकेगा.

सड़क से सदन तक कांग्रेस का विरोधः महंगाई, बेरोजगारी और बढ़ी हुई बिजली दरों को लेकर किया विधानसभा का घेराव

एमपी में होता है सबसे ज्यादा आलू का उत्पादन
आलू की सबसे ज्यादा पैदावार मध्यप्रदेश में होती है, कुल आलू उत्पादन का 30% योगदान इंदौर जिले का है. क्योंकि आलू ही इंदौर की प्रमुख फसल है यहां बीते 5 सालों में आलू का उत्पादन लगभग 15000 टन तक पहुंच चुका है जो करीब करीब 50000 हेक्टेयर इलाके में बोया जा रहा है. इसके अलावा अंचल के विभिन्न जिलों में आलू की पैदावार होती है.
(government will take big step for potato export) (malwa ka zayka)

इंदौर। लंबे समय से आलू और लहसुन (Malwa potato and garlic) के एक्सपोर्ट पर लगी रोक को कृषि मंत्रालय ने हटा लिया है. ​मध्यप्रदेश के इंदौर स​​मेत अन्य राज्यों में होने वाली आलू की बंपर फसल का एक्सपोर्ट अब विदेशों में किया जा सकेगा. इस साल मालवा समेत राज्य के अन्य आलू उत्पादक इलाकों में अच्छी फसल के बावजूद एक्सपोर्ट नहीं होने के कारण किसानों को अपनी फसल ओने पौने दामों में बेचनी पड़ रही थी.

निया भर में एक्सपोर्ट हो सकेगा मालवा का आलू और लहसुन

आवक ज्यादा होने से नहीं मिल पा रहै आलू के दाम
इंदौर, उज्जैन, देवास, शाजापुर के अलावा सीमित उत्पादन वाले छिंदवाड़ा, सीधी, सतना, रीवा, सरगुजा, राजगढ़, सागर, दमोह, जबलपुर, पन्ना आदि इलाकों में भी इस साल आलू की फसल अच्छी हुई है. बंपर आवक के चलते मंडियों में किसानों को आलू की फसल के पर्याप्त दाम नहीं मिल पा रहे हैं. प्रदेश की मंडियों में 8 से 10 रूपए किलो आलू बिक रहा है. किसानों को लागत निकालना भी मुश्किल हो रहा है.

सांसद ने संसद में उठाया था मुद्दा
इस मसले को लेकर इंदौर सांसद शंकर लालवानी ने कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को अवगत कराया था. इंदौर आगमन के दौरान कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने इसके एक्सपोर्ट पर लगे प्रतिबंध को हटाने की जानकारी दी थी. ऐसा माना जा रहा है कि आलू और लहसुन के एक्सपोर्ट से प्रतिबंध हटने पर अंचल में आलू की फसल का एक्सपोर्ट किया जा सकेगा. आलू की फसल का पर्याप्त दाम मिलने से फसल को सड़ने से भी बचाया जा सकेगा.

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एमपी में होता है सबसे ज्यादा आलू का उत्पादन
आलू की सबसे ज्यादा पैदावार मध्यप्रदेश में होती है, कुल आलू उत्पादन का 30% योगदान इंदौर जिले का है. क्योंकि आलू ही इंदौर की प्रमुख फसल है यहां बीते 5 सालों में आलू का उत्पादन लगभग 15000 टन तक पहुंच चुका है जो करीब करीब 50000 हेक्टेयर इलाके में बोया जा रहा है. इसके अलावा अंचल के विभिन्न जिलों में आलू की पैदावार होती है.
(government will take big step for potato export) (malwa ka zayka)

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