इंदौर। आपने सुना होगा चोर सूने मकानों से सोने-चांदी के जेवरात या अन्य सामान चुरा लेते हैं, लेकिन इंदौर के जिला कोर्ट में एक सनसनीखेज चोरी की घटना का खुलासा हुआ है जिसमें सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता के गैंगरेप की कोर्ट फाइल को गैंग रेप करने वाले आरोपी ने ही चुरी ली. इसका खुलासा हाईकोर्ट की एक फाइल में छूटे सबूतों से हुआ, जिसके बाद पीड़िता द्वारा अपने वकील के माध्यम से चीफ जस्टिस ऑफ मध्यप्रदेश सहित इंदौर उच्च न्यायालय से आरोपी के खिलाफ सख्त सजा को लेकर गुहार लगाई है.
क्या है मामला: पीड़िता के एडवोकेट कृष्णकांत कुंहरे ने बताया कि सिमरन फिशरीज के मालिक हरपाल सिंह भाटिया, अभिमन्यु तिवारी, सुग्रीव बिश्नोई और इंद्रजीत के ऊपर पीड़िता के साथ गैंगरेप किया था, जिसकी शिकायतकर्ता द्वारा छोटी ग्वालटोली थाने पर दर्ज कराई थी. इस पर छोटी ग्वालटोली पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर जेल न्यायालय में केस चल रहा है. एडवोकेट कुंहरे ने बताया कि आरोपी के सिमरन फिशरीश में पीड़िता का पति खंडवा में अकाउंटेंट था और उसे अकाउंटेंट संभालते समय पता चला कि सिमरन फिशरीज कंपनी मछली बीजों को लेकर सरकार को करोड़ों रुपए की राजस्व हानि कर रहे हैं और उसके पास पूरे ही मामले को लेकर लेजर रखा हुआ है. जिसकी भनक पड़ते ही आरोपियों द्वारा पीड़िता के पति पर झूठे गमन केस लगा दिया. इसके साथ ही पीड़ित पत्नी के पास सबूत स्वरूप लेजर मौजूद था जिसके पता चलते ही आरोपी पीड़िता को खंडवा से इंदौर लाकर होटल सिमरन में गैंगरेप किया.
ऐसे हुआ खुलासा: बाद में पीड़िता द्वारा छोटी ग्वालटोली में दर्ज करवाई गई और अब न्यायालय में प्रकरण चल रहा है. इसके साथ ही पीड़िता ने जिला न्यायालय में परिवाद भी दायर की गई थी, जिस पर न्यायालय ने गैंगरेप के अलावा आरोपियों पर पृथक से सबूत मिटाने की धारा, शासन को चूना लगाने की धारा के आदेश किए थे. जिस पर आरोपियों ने धारा बढ़ाने वाले केस को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय इंदौर खंडपीठ में याचिका लगाई, जिसमें आरोपियों ने पीड़िता के गैंगरेप के केस की फाइल धोखे से चुराकर अप्रमाणित रुप से उच्च न्यायालय में पेश कर दी. साथ ही जिला न्यायालय के तीन जजों की आर्डर शीट की कॉपी भी याचिका में लगा दी, जिसका पता पीड़िता को याचिका लगाने के बाद कोर्ट से पीड़िता को नोटिस मिलने के बाद हुआ.
पीड़िता ने लगाई न्याय की गुहार: पीड़िता द्वारा चीफ जस्टिस मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय इंदौर व जिला जज इंदौर को शिकायत की गई, जिसके बाद जिला जज ने सेशन जज को जांच अधिकारी बनाया जिस पर गोपनीय जांच में माना कि जिससे यह दर्शित होता है कि आरोपियों द्वारा बिना सत्य प्रतिलिपि के आवेदन ना देते हुए सीधे-सीधे कोर्ट कॉपी में दस्तावेज चुराए और उच्च न्यायालय के प्रकरण में लगाए हैं. एडवोकेट ने बताया कि आरोपियों ने न्यायालय के साथ धोखाधड़ी की है गैंगरेप की फाइल चुराना अप्रमाणित रुप में हाईकोर्ट की फाइल में पेश किया जाता है, जिसमें 10 वर्ष तक की सजा और जुर्माने का प्रावधान है. फिलहाल पीड़िता द्वारा एडवोकेट के माध्यम से चीफ जस्टिस मध्य प्रदेश इंदौर उच्च न्यायालय व जिलाध्यक्ष को संज्ञान लेने के लिए अपील की गई है.