इंदौर। बाणगंगा थाना क्षेत्र के एक ऑक्सीजन प्लांट के मालिक ने अपनी बेटी और पुलिसकर्मियों के साथ मिलकर प्लांट में काम करने वाले 5 कर्मचारियों की बेरहमी से पिटाई कर दी, कंपनी के मालिक ने कर्मचारियों पर चोरी का आरोप लगाया, जब पीड़ित कर्मचारियों ने पूरे मामले की शिकायत बाणगंगा थाना पुलिस से की, तो पुलिस ने इस पूरे मामले में मामुली धाराओं पर केस दर्ज कर मामले को रफादफा कर दिया. वहीं अब सभी कर्मचारियों ने पूरे मामले की शिकायत आला अधिकारियों से करने की बात कही है.
क्या है पूरा मामला ?
पूरा मामला बाणगंगा थाना क्षेत्र के कुमेडी का है, कुमेडी के गांव में ऑक्सीजन प्लांट है, लेकिन इस प्लांट से ऑक्सीजन सिलेंडर चुराने के आरोप में 5 कर्मचारियों के साथ मालिक ,उसकी बेटी, मैनेजर और चाय वाले ने रातभर बेहरमी से युवकों की पिटाई की, सजा के तौर पर बर्फ पर खड़ा किया गया, साथ ही मुंह में मिर्ची डालकर पीटा गया. जब इस बात की जानकारी कर्मचारियों के परिजनों को मिली, तो सुबह परिजन प्लांट पहुंचे और कर्मचारियों को छुड़ाकर पूरे मामले की थाने में शिकायत की, वहीं इस पूरे मामले में पीड़ितों ने दो सिपाहियों पर भी मारपीट के आरोप लगाए हैं. इसी के साथ इस पूरे मामले में पुलिस ने फरियादी राज वर्मा की शिकायत पर भवरलाल शेखावत ,उनकी बेटी कोमल, मैनेजर धीरज और चाय वाले पप्पू के खिलाफ मारपीट की साधारण धाराओं में केस दर्ज कर पूरे मामले में इतिश्री कर दी है.
ऑक्सीजन प्लांट के मालिक की बेटी पाइप से मारती रही
वहीं घटना को लेकर पीड़ित राज और चिराग वर्मा का कहना है कि हम दोनों भंवरलाल शेखावत के कुमेडी स्थित बीआरजे कॉरपोरेशन प्लांट में काम करते हैं. हम 12 मई की रात 10:00 बजे काम पर पहुंचे, जैसे ही अंदर पहुंचे, तो हमें एक हॉल में ले जाया गया. यहां पर बाणगंगा थाने के दो सिपाही भी मौजूद थे. इसके अलावा प्लांट का मालिक उसकी बेटी कोमल मैनेजर धीरज ,चायवाला पप्पू सहित 15 से 20 लोग हॉल के अंदर मौजूद थे. अंदर ले जाते ही, जानवरों की तरह पीटा गया, फिर आधे घंटे बाद पुलिस वाले वहां से चले गए, इसके बाद कम्पनी से जुड़े लोग अंदर वाले कमरे में ले गए, यहां पर फिर से उनसे मारपीट की गई. इस दौरान दोनों कर्मचारियों ने छोड़ देने की गुहार भी लगाई, लेकिन किसी का दिल नहीं पसीजा. पीड़ित के मुताबिक प्लांट के मालिक की बेटी, प्लास्टिक के पाइप से लगातार उन्हें मारती रही.
बर्फ पर खड़ा कर मुंह में डाली मिर्च
मामले में पीड़ित का तो यहां तक कहना था, कि आरोपियों ने इस बेहरमी से उन्हें पीटा कि उनके शरीर पर कई जगह चोटों के निशान आराम से देखे जा सकते हैं. इसी के साथ पीड़ित कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें मारपीट के साथ ही विभिन्न तरह की यातनाएं भी दी गईं, उन्हें बर्फ पर खड़ा रखा गया. इसी के साथ उन्हें जमकर पीटा भी गया. वहीं पिटाई के बाद उन्होंने मुंह में मिर्च डाल दी, उसके बाद ऊपर से बर्फ मुंह में डाल दिया. साथ ही धमकी भी दी गई, कि यदि मिर्च और बर्फ को बाहर निकाला तो उन्हें यहीं पर मार देंगे. इसके बाद प्लांट में ही काम करने वाले अन्य कर्मचारी रवि नंदलाल अनिकेत और दिव्यांश भी पहुंचे और फिर मालिक ,उनकी बेटी और अन्य लोगों ने इन तीनों के साथ भी इसी तरह से मारपीट की. इस दौरान वो चिल्लाते रहे, लेकिन किसी का भी दिल नहीं पसीजा कर्मचारियों का कहना है, कि वह लगातार चोरी का आरोप लगाते हुए मारपीट करते रहे. वहीं जब पूरे मामले की जानकारी कर्मचारियों के परिजनों को मिली, तो वह सुबह प्लांट पर पहुंचे और उसके बाद उन्हें छोड़ा गया.
सिलेंडर वापिस करने के बाद भी पीटा
इसी के साथ कर्मचारी चिराग ने कबूला कि प्लांट पर कोरोना के कारण जब से लोगों को ऑक्सीजन रिफिल की जाने लगी, तभी से वहां चोरी शुरू हो गई. हर कर्मचारी चालान काटने के बाद चोरी कर रहा था. जब किसी का चालन कटता है, तो उस ग्राहक से खाली सिलेंडर वापस नहीं लेते थे, बदले में उसे भरा हुआ सिलेंडर दे देते थे. इसके बदले में पैसा कमाया जाता था. आरोप है कि मैनेजर धीरज ने भी बड़ा हाथ मारा है, चिराग ने कबूला कि उसने 10 सिलेंडर परिचितों को दे दिए थे. जबकि राज ने 2 सिलेंडर दिए थे. चिराग ने चोरी कबूल कर एक लाख मालिक को जमा भी करवा दिए थे. वहीं राज ने दोनों सिलेंडर दे दिए थे. लेकिन इसके बाद भी कंपनी संचालक व उनकी बेटी ने उन्हें बेरहमी से पीटा.
कर्मचारियों ने पुलिस पर लगाए आरोप
वहीं कर्मचारियों का तो यह भी कहना था कि जब परिजन सुबह उन्हें वहां से निकाल कर लेकर आए, तो पूरे मामले की शिकायत थाने पर भी की गई. लेकिन पुलिस के आला अधिकारियों ने इस पूरे मामले में उचित कार्रवाई ना करते हुए नाम मात्र की धाराओं में प्रकरण दर्ज कर इतिश्री कर दी है. फिलहाल अब कर्मचारियों का कहना है कि इस पूरे मामले की शिकायत वरिष्ठ अधिकारियों को की जाएगी.
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बता दें कि इंदौर में यह पहला मामला नहीं है, इससे पहले भी ऐसे कई मामले आ चुके हैं. फिलहाल अब देखना होगा, कि इस मामले में वरिष्ठ अधिकारी क्या कार्रवाई करते हैं.