इंदौर। देश में पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों के बीच अब इलेक्ट्रिक व्हीकल बाजार में उतर आएं हैं. सड़कों पर अब तेजी से इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या बढ़ रही है. इसी बीच देश का सबसे स्वच्छ शहर इंदौर अब ई व्हीकल हब के रूप में उभर रहा है. यहां हर दिन 600 से 800 इलेक्ट्रिक गाड़ियां तैयार हो रही है, जिनकी सप्लाई हैदराबाद समेत राजस्थान, छत्तीसगढ़, गुजरात और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में हो रही है. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि 2030 तक सड़कों पर सर्वाधिक इलेक्ट्रिकल व्हीकल ही नजर आएंगे.
हर महीने इतने व्हीकल तैयार कर रहीं कंपनियां
ऑटोमोबाइल सेक्टर में इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती मांग के चलते इंदौर में 2020 के बाद से करीब 6 इलेक्ट्रिक स्कूटर, ऑटो रिक्शा और साइकिल बनाने वाली कंपनियां स्थापित हो चुकी हैं. ये कंपनियां हर महीने 600 से 800 ई व्हीकल तैयार कर रहे हैं. इन गाड़ियों की मांग लगातार बढ़ रही है. पेट्रोल-डीजल वाली गाड़ियों में जहां आप प्रति किलोमीटर चार रुपये फूंक रहे हैं, तो वहीं ई व्हीकल से सफर करने के लिये आपको बस 15 पैसे से 40 पैसे प्रति किलोमीटर खर्च करने होंगे.
क्या है इलेक्ट्रिक वाहनों की खासियत
अगर कीमतों पर बात की जाए तो नई BS6 इंजन की मोटरसाइकिल 90 से सवा लाख रुपए में आती है, जबकि इलेक्ट्रिक स्कूटर 75 हजार से एक लाख तक की कीमत की है, जो पॉल्यूशन फ्री होने के कारण उपयोग करने से लेकर रखने में भी सुविधाजनक है. सबसे खास बात यह है कि, इन वाहनों को अपने घर पर ही चार्ज करने की सुविधा है, इसीलिए इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग देशभर में तेजी से बढ़ रही है.
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10 घंटे की चार्जिंग में इतना कर सकते हैं सफर
इंदौर देश के विभिन्न राज्यों में मांग के अनुरूप तेजी से इलेक्ट्रिक वाहनों की सप्लाई कर रहा है. फिलहाल यहां सांवेर रोड स्थित उजास इलेक्ट्रिकल समेत जेवयू एनर्जी, पीथमपुर की कैपको इंडस्ट्रीज आदि करीब आधा दर्जन कंपनियां इलेक्ट्रिक रिक्शा, इलेक्ट्रिक बाइक और इलेक्ट्रिक साइकिल बना रहे हैं. इसमें सामान्य बैटरी के अलावा लिथियम आयन बैटरी का प्रयोग किया जा रहा है. इन वाहनों में 12 घंटे की चार्जिंग में 75 से 100 किलोमीटर तक चलने की क्षमता है. इसी प्रकार पीथमपुर में जो ऑटो रिक्शा तैयार किए जा रहे हैं, वह अब 8 से 10 घंटे की चार्जिंग में 80 से 100 किलोमीटर तक का सफर कर पा रहे हैं.
कहां कहां तक है मांग
इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग अलग-अलग सेक्टर में किया जा रहा है. इंदौर की जेवयू एनर्जी इलेक्ट्रिकल साइकिल बना रही है, जिसकी बैटरी 25 प्रति किलोमीटर की क्षमता से दौड़ाया जा सकता है. यह कंपनी भी अब तक डेढ़ सौ से ज्यादा साइकिल बना चुकी है. इसकी मांग दिल्ली जयपुर, पुणे और हैदराबाद तक है.
क्या है ई-वाहनों की छमता
इंदौर में ई-रिक्शा की बाइक और साइकिल तैयार हो रही हैं, जिनमें ई-रिक्शा का चार्जिंग टाइम 3 घंटे और बाइक 8 घंटे और साइकिल 3:30 घंटे है. यह चार्जिंग क्रमशः 80 से 100 किलोमीटर, 70 से 100 किलोमीटर और 40 से 50 किलोमीटर एक बार में चल रहे हैं. फिलहाल इनकी कीमत ई-रिक्शा की डेढ़ लाख से 2 लाख, ई-बाइक की 51 से 70 हजार और ई-साइकिल 29 से 42 हजार में उपलब्ध है.
देश में बैटरी बनने घट सकती है इतनी कीमत
इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए अभी एलईडी एसिड बैटरी के साथ लीथियम ऑयन बैटरी बन रही है, लेकिन देश में लिथियम सेल नहीं बन पाने के कारण इलेक्ट्रिक वाहन सेक्टर की जाति धीमी है. सरकार अब प्रोडक्ट लिंकेज इंसेंटिव स्कीम के तहत ऐसी कंपनियों को लीथियम ऑयन बैटरी लगाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है, जो क्षेत्र में आगे आना चाहती हो. इलेक्ट्रिकल वाहनों में बैटरी की अहमियत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पूरी गाड़ी में 35 से 40 परसेंट कीमत सिर्फ बैटरी की होती है. यदि देश में बैटरी बनने लगे तो इन वाहनों की कीमत 40 से 50 प्रतिशत तक घट जाएगी.
90 फ़ीसदी कम हुए बैटरी के दाम
देश में 2010 के मुकाबले लिथियम बैटरी की कीमतों में अब तक 90 फ़ीसदी के करीब गिरावट आई है. वर्तमान स्थिति में जो बैटरी पहले $100 प्रति किलो वाट घंटे के हिसाब से उपलब्ध थी, वर्तमान में उसकी कीमत अब ढाई $100 प्रति किलो वाट हो चुकी है. यदि टेस्ला जैसी बड़ी कंपनियों की कार में लगने वाली बैटरी की दरों पर गौर किया जाए तो इनकी कीमतें भी $125 प्रति किलो वाट घंटा हो चुकी है. इससे उम्मीद है कि आने वाले 3 से 4 साल में भारत में बैटरी निर्माण के सेक्टर में प्रगति होने के बाद इस सेक्टर में क्रांति आना तय है.
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ईवी पॉलिसी ला सकती है सरकार
प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती मांग और इस सेक्टर में टैक्स संबंधी निर्णय को लेकर राज्य सरकार का ईवी पॉलिसी भी लाने जा रही है. इसके अलावा इंदौर के पास पीतमपुर में 27, 28 और 29 अप्रैल को ईवी एक्सपो होने जा रहा है, माना जा रहा है कि इसी एक्सपो के दौरान सरकार इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी की घोषणा कर सकती है. ईवी पॉलिसी से टैक्स संबंधी रियासतों के कारण इस सेक्टर में काम तेजी से आगे बढ़ सकेगा.